बिटिया का घर बसने दो – डोली पाठक :

 Moral Stories in Hindi 38 साल की कुंवारी बिटिया जिस घर में हो और माता-पिता उस बेटी के प्रेम में अंधे हों तो उस घर में बहूओं की स्थिति की कल्पना सहज हीं की जा सकती है… एक ऐसी बेटी की कहानी जिसके प्रेम में पागल हो कर माता-पिता ने उसका विवाह तक नहीं किया… … Read more

कहीं ये वो तो नहीं भाग -1 लतिका श्रीवास्तव

रात्रि की कालिमा विदा ले रही थी ।रात भर चांद के साथ गुफ्तगू होती रही । चांद विनम्रता से कालिमा को दूर जाने और रात्रि को आलोकित करने का आग्रह करता रहा ।कालिमा की हठधर्मिता ने कई बार चांद को भी अपना शिकार बनाने का क्रम निरंतर गतिमान रहा तभी सूरज के आने की आहट … Read more

खुशियों का असली तोहफ़ा – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

उदयपुर की पतली गलियों में, गुलमोहर के पेड़ों से ढकी एक कॉलोनी में अभय मेहता का घर था। अभय एक निजी कंपनी में मैनेजर थे और पत्नी संध्या के साथ रहते थे। उनकी बारह साल की बेटी आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। संध्या पड़ोस के एक स्कूल में गणित पढ़ाती थीं। पढ़ाने में सख़्त, लेकिन … Read more

प्यार की डोर – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” नहीं मां मैं अभी शादी नहीं करूंगी!” आराध्या अपनी मां गीता जी से बोली। ” अब नहीं तो कब करेगी पच्चीस की हो गई है लोग क्या कहेंगे जवान बेटी को घर में बैठा रखा है जिससे वो खर्चे चला सके घर के!” गीता जी दुखी हो बोली। ” मां ये लोग तब तो … Read more

 ‘वीर कभी मरते नहीं हैं – प्रतिभा भारद्वाज :  Moral Stories in Hindi

“मां इस बार दीपावली पर पापा जरूर आएंगे न” 5 साल का अमन अपने पिता की तस्वीर को हाथ में लिए हुए पास में बैठी अपनी मां से पूछता है। “हां बेटा इस बार तो जरूर आएंगे।” कहकर निधि सोच में डूब गयी कि इस बार देश की सीमा पर हालात ऐसे रहे कि डेढ़ … Read more

खत – संध्या त्रिपाठी : Short Story in Hindi

        वहां पर सब कुशल मंगल है ना सोहन के बापू ….?  इस महीने आपका खत नहीं आया …. पर मैं चिंतित नहीं हूं… आप भी चिंता मत कीजिएगा…. हमे पता है …मेरे …सोहन के बापू बिल्कुल ठीक होंगे …. और देश की रक्षा में व्यस्त होंगे….!     यहां हम और सोहन भी कुशल मंगल से है.. … Read more

लम्बी उम्र – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू :

क्या सचमुच अम्मा मजबूर हो जाती है बहुओं के आते ही ये सवाल सुनीता के मन में तब तक कौंधता रहा जब तक वो खुद सास नही बन गई। उसे याद है उस रोज की घटना जब वो पड़ोस वाली भाभी के घर में बैठी थीं और पड़ोसन से बतिया ही रही थी कि उनके … Read more

बहू ने ना कहना सीख लिया – परमा दत्त झा : लघुकथा

आज गीता बहुत दुखी थी कारण मम्मीजी ने उसे मैके में जाने का हुकुम सुना दिया था। गीता मम्मी जी के मायके नहीं जाना चाहती थी। सो यह कालेज जब गयी तो जाते समय मम्मी ने हुकुम सुना दिया तीन दिन की छुट्टी कालेज से ले लो। वहां सुरेन्द्र के बेटे मोनू का मुंडन है। … Read more

शहरी बहू – अर्चना सिंह :  Moral Stories in Hindi

छोटा सा दो कमरे का तो मकान है मम्मी जी ! मुझसे इतनी आवभगत नहीं होगी सबकी, बहुत कर लिया । सुषमा जी की बहू नेहा ने गमले में पानी डालते हुए कहा । सुषमा जी निढाल फोल्डिंग पर आँगन में लेटी हुई अकस्मात नेहा के कटु स्वर सुन कर उठ बैठीं । आस – … Read more

तुम भी अपने मम्मी पापा से रिश्ते खत्म कर लों – अर्चना खण्डेलवाल :  Moral Stories in Hindi

मम्मी, मैं घर आ रही हूं, स्वाति ने गुस्से में कहा और सास के समझाने पर भी अपना सामान बांधकर मायके चली गई। रोशनी जी ने दरवाजा खोला तो वो अपनी मम्मी से लिपटकर रोने लगी और फिर कमरे में पैर पटकते हुए चली गई, वहां जाकर सामान रखा और भूख…भूख करते हुए स्वाति ने … Read more

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