एक आंख से रोवे एक आंख से हंसे – गीता अस्थाना :

महिम बाबू अपने बेटों की शिक्षा और उन्हें सुयोग्य बनाने के उद्देश्य से गांव छोड़कर शहर में आए। उनके दो अपने बेटे थे सुरेन्द्र और महेंद्र। तीसरा उन दोनों से छोटा वीरेंद्र,जो उनके भाई का था , उसके बाल्यकाल में ही उनका निधन हो गया था। जीवनयापन के उद्देश्य से उन्होंने गोलघर मार्केट में एक … Read more

रिश्ते दिल से बनते हैं, हैसियत से नहीं – ज्योति आहूजा : Moral stories in hindi

इंदौर की धूप उस दिन कुछ नरम थी, जैसे आसमान ने भी शहर पर अपना हाथ फेर दिया हो। छोटे मगर सलीके से सजे घर में रीना और अर्जुन की दुनिया बसी थी। शादी को सात साल हो चुके थे, दो प्यारे बच्चे, दोनों की अच्छी नौकरियां, और धीरे-धीरे बनाई हुई एक ऐसी ज़िंदगी जिसमें … Read more

अब बहू ने ना कहना सीख लिया है – मधु वशिष्ठ :

 Moral Stories in Hindi तुम्हारी सारी तैयारी पूरी हो गई ना? दवाइयां रख लेना। कमरों के ताले लगाकर बैग बाहर निकाल कर रख दो। मनोज अभी आता ही होगा, हमको यात्रा वाली बस तक छोड़ आएगा।  चाबी उसको दे देना। रात को तो वह घर पर रुकेगा ही ना? वर्मा जी ने शीला जी से … Read more

बहू ने ना बोलना सीख लिया – के कामेश्वरी : Moral stories in hindi

सुलोचना को कमरे के बाहर से थाली पीटने को आवाज सुनाई दे रही थी वह जल्दी से फ्रेश होकर बाहर आई उसे मालूम है आज उसे उठने में देरी हो गई है। रुक्मिणी रसोई के सामने खड़ी होकर जोर-जोर थाली पीट रही थी। उस आवाज से सुलोचना का बेटा नींद से जाग गया था ……पति … Read more

बहू ने ना कहना सीख लिया था – स्वाती जैंन :

 Moral Stories in Hindi मम्मी , भाभी से बोल देना कि कल ऑफिस से छुट्टी ले ले , मेरे घर पर कल मैंने अपनी कुछ खास सहेलियों को बुलाया हैं , भाभी आएंगी तो मुझे मदद मिल जाएगी और वैसे भी मुझे मेरी सहेलियों के साथ बैठना पड़ेगा तो रसोई भाभी संभाल लेगी !! रमा … Read more

जाहिल – रश्मि झा मिश्रा :

 Moral Stories in Hindi “…सुमन वह मैं बताना भूल गया.… कल मां का फोन आया था… आज शाम को मां पापा आने वाले हैं.…!” सुमन ने माथा पकड़ लिया… ” इतनी जरूरी बात तुम कैसे भूल सकते हो राजीव…!” ” क्या करूं… ध्यान ही नहीं रहा…!”  सुमन ने जल्दी-जल्दी कमरे का लुक बदलना शुरू किया… … Read more

बिटिया का घर भी बसने दो – प्रतिभा भारद्वाज‘प्रभा’:

 Moral Stories in Hindi “अब क्या हो गया तुमको….किस चिंता में बैठी हो ….सब ठीक तो है….”  “अब क्या बताऊं तुमको…..आज फिर उसके यहां झगड़ा हो गया….अभी थोड़ी देर पहले ही उसका फोन आया था….खैर तुम अभी अभी दफ्तर से आए हो पहले आराम से चाय नाश्ता कर लो….”कहते हुए मीनू ने अपनी बहू से … Read more

माँ की भूल -लतिका पल्लवी :

 Moral Stories in Hindi समधन जी हमें माफ़ कर दीजिए। हम रमा को  समझाएँगे। आगे से आपसे वह इस तरह का व्यवहार नहीं करेगी। अरे! आप क्यों माफ़ी माँग रही है?आपने तो कुछ कहा नहीं है और रमा की गलती के लिए आप क्यों माफ़ी मांगेंगे?आप सही कह रही है समधन जी पर अब बिटिया … Read more

एक आंख से हंसे एक से रोवे – शुभ्रा बैनर्जी :

 Moral Stories in Hindi अमृता पापा की बहुत लाड़ली थी।पापा उसके नाज -नखरे उठाते रहे जिससे वह जिद्दी हो गई थी। बात-बात पर बगावत कर देती मां से।नकचढ़ी हो गई थी बहुत अमृता।काम काज में बहुत होशियार थी,पर करती अपने मन की थी।कॉलेज में सेकेंड इयर में थी,तभी एक अच्छा रिश्ता आया उसके लिए। लड़के … Read more

जाहिल – डोली पाठक :

 Moral Stories in Hindi काका ओ काका!! कहां हो?? अपनी पूरी ताकत लगा कर चिल्लाते हुए हर दिन मंगलू जब सुनिल के घर आता तो सरिता जल भून कर रह जाती…. आ गया… जाहिल.. ना बोलने की तमीज है और ना आवाज में कोई मिठास है इसके…. चीखते हुए आता है तो जी करता है … Read more

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