भाभी से मायका – बिंदेश्वरी त्यागी :

Moral Stories in Hindi निधि और सोमेश चाय नाश्ता कर ही रहे थे तभी फोन आता है निधि फोन उठाती है और देखकर खुश हो जाती है क्योंकि फोन उसकी रुचि भाभी का था l रक्षाबंधन आने वाला था l फोन उठा कर निधि बोलती है भाभी सब ठीक है सुबह-सुबह कैसी मेरी याद आ … Read more

 तलाक – सरिता कुमार : Moral Stories in Hindi 

आज रमा मुकदमा जीत गई उसके लिए यह खुशी की बात है ‌। सभी उसे बधाईयां दे रहें हैं लेकिन वह निर्विकार भाव से सभी का अभिवादन में सर झुका दे रही है । उसके चेहरे पर रत्ती भर प्रसन्नता नहीं दिखाई दे रही है । सात वर्षों का मुकदमा में उसे जीत हासिल हुई … Read more

सदा सुहागन – कंचन श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अम्मा मनिहारिन आई है ,वो कुछ बोलती की शहर से आई बहुत ने कहा व्हाट्स मनिहारिन ये क्या क्या शब्द आप सब बोलती रहती हैं मेरी तो कुछ समझ में नही आता। दलान में बैठी दादी सास ने मुंह बिचकाया हुं ये क्या जाने रस्मों रिवाज पूजा पाठ तीज त्योहार।इसे तो सिर्फ़ नौकरी करना और … Read more

ज़िन्दगी की हकीकत – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

आज बस आने में थोड़ी देर हो रही थी । सीमा बार – बार अपनी हमउम्र लोगों को ध्यान से देखते हुए कभी त्योरियाँ चढ़ाती तो कभी मुँह टेढ़ा करती । कभी जब बर्दाश्त से बाहर हो जाता तो अपनी पड़ोसन प्रिया के सामने उनलोगों पर फबतियाँ कसती । प्रिया का मूड उस दिन उखड़ा … Read more

चार दीवारी का सच  – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

शहर की गलियों में सिमटा ‘बसंत निवास’ का कमरा नंबर 4 नाममात्र का घर था। दस बाय दस का वह कमरा, जहाँ रामकिशोर, उनकी पत्नी सुशीला, बेटा अमित (16वर्ष) और बेटी छवि ( 12 वर्ष) साँस लेते थे। बाहर से दिखता तंग, टूटा-फूटा… पर अंदर? एक अजीब गर्माहट थी, जैसे प्यार से बुना हुआ कम्बल।   … Read more

सही फैसला – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सीता और गीता दो सगी बहनें थीं। उनके कोई भाई नहीं था, लेकिन बहनों में ऐसा प्रेम था कि पूरा मोहल्ला उनकी मिसाल देता था। तीन साल का अंतर था उम्र में, पर मन से दोनों एक-दूसरे की परछाई थीं। बचपन से लेकर बड़ी होने तक कभी झगड़ा नहीं हुआ। जब गीता की शादी हुई, … Read more

बदलाव – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

शाम ढल चुकी है। गांव के क्षितिज पर सूरज की आख़िरी किरणें जैसे अपनी पूरी ताक़त से अनामिका के भीतर उजाला भर रही हैं। वह चौदह बरस की एक दुबली-पतली पर गहरी आँखों वाली लड़की है। माथे पर बालों की लटें अक्सर उसकी दृष्टि को ढकती, लेकिन उसके सपनों की राह पर कोई परछाईं नहीं … Read more

सच्चा घर – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

गाँव के एक कोने में एक पुराना, टूटा-फूटा मकान खड़ा था, जिसकी दीवारें झड़ रही थीं और छत से पानी टपकता था। लोग उसे बुढ़िया का घर कहकर बुलाते थे। उस घर में रहने वाली बुजुर्ग महिला, सावित्री देवी, अकेली थीं। उनका बेटा और बहू शहर जाकर बस चुके थे, और अब साल में कभी-कभी … Read more

  कठोर कदम – अमित रत्ता :

Moral Stories in Hindi राजेश एक मध्यमवर्गीय परिवार का सरल, ईमानदार और मेहनती व्यक्ति था। एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी करता था। उसके इकलौता बेटा था आदित्य। बहुत ही जिसे बहुत ही लाड़ प्यार से पाला था। एक पल भी आंखों से ओझल हो जाए तो माँ बाप की जान निकलने को हो … Read more

तोहफा – डॉ० मनीषा भारद्वाज :

धूप की सुनहरी किरणें श्रीवास्तव जी के छोटे से ड्राइंग रूम में चाय की प्यालियों पर पड़ रही थीं। हवा में गुलाब जल और ताज़ा कटे हुए केक की मिठास मिली हुई थी। आज प्रिया का इक्कीसवाँ जन्मदिन था। उसकी माँ, सुधा जी, परदे को बार-बार समेटतीं, बाहर झाँकतीं। “अरे वाह! फूफी जी आ गईं! … Read more

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