पश्चाताप का फल – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

‘बिन घरनी घर भूत का डेरा’ आज आलोक को यह कहावत बार – बार याद आ रही थी। उसके बचपन मे एक सब्जी बेचने वाले चाचा मुहल्ले मे सब्जी बेचने आते थे। सुबह सुबह आते और करीब करीब सभी घरो मे सब्जी देते, फिर मंदिर के बाहर बैठकर कभी सत्तू तो कभी मुढ़ी खाते। थोड़ी … Read more

कमजोर नहीं मैं – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

      सुवर्णा के पांव आज धरती पर नहीं थे, होते भी कैसे, क्योंकि वो खुश ही इतनी थी। उसकी बेटी लतिका की मंगनी हो गई थी और वो भी अमेरिका में बसे अर्जुन के साथ, जिनका अपना वहां पर रेस्तंरा था।       अर्जुन उसकी खास सहेली मालिनी का रिश्ते में भतीजा था। सुवर्णा की जितनी भी किटी … Read more

 घर दिवार से नहीं परिवार से बनता है – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

कभी कभी कहानियां इंसान नहीं सुनाते। टूटे, उजड़े घर जो कभी शोरगुल से भरे थे भी कहानियां सुनाते हैं।।जहां कभी बच्चों की किलकारियां गूंजती थी, जहां कभी पायल की झंकार सुनाई पड़ती थी ….. आज वो घर अकेला, जर्जर खड़ा है। अपने मायके के घर के बाहर आँगन में खड़ी वान्या यही सोच रही थी … Read more

विश्वास खोते देर नहीं लगती – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मां अब चलो हमारे साथ पापा नहीं रहे तो तुम कैसे अकेले रहोगी यहां श्यामली जी का बेटा मयंक बोला ।अकेले इतने सालों से अकेले ही तो रह रही थी ।हां यह जरूर था कि पापा थे अभी तक साथ। लेकिन हम दो लोगों के साथ रहते हुए भी एक अकेलापन था इस घर के … Read more

कठोर कदम – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देखिए.. इतना कठोर  कदम  मत उठाइए अभी बच्चा ही तो है धीरे-धीरे समझ आते ही आएगी! अच्छा… 25 साल का जवान बेटा तुम्हें बच्चा नजर आता है, तुमसे जो दिन रात उल्टा सीधा बोलता है? मेरी तो खैर बात ही नहीं सुनता, मुझे देखते ही तो  वहां से दूसरे कमरे में चला जाता है, तो … Read more

बड़ों का साया – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

राजेश की चीखती आवाज रात के सन्नाटे में घर की दीवारों को भेदकर बाहर अड़ोस-पड़ोस में भी पहुंच रही थी।उसका अनवरत बोलना चालू था। तुमने मेरे घर का सत्यानाश कर दिया।तुम्हें घर चलाना आता ही नहीं। तुम इस लायक नहीं कि ऐसे घर में रह सको। अभी के अभी इन नालायकों के साथ घर से … Read more

पत्थर दिल – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

मुझे पड़ोस में रहने वाली मिसेज शर्मा को पूजा करते हुए देखना बेहद अच्छा लगता था। वो अपने आंगन में बने हुए तुलसी चौरे के सामने बैठ कर घंटों पूजा करती थीं। उनकी तुलसी भी बहुत घनी थी और उसने बड़ा गोल घेरा बना लिया था। गोरी चिट्ठी, गोल – मटोल ध्यानमग्न मिसेज शर्मा की … Read more

कभी कभी कठोर कदम उठाने पड़ते है – संगीता अग्रवाल :

Moral Stories in Hindi “ये क्या है हर्ष जब देखो तब टीवी में लगे रहते हो पढ़ाई कौन करेगा!” साधना अपने चौदह वर्षीय बेटे से बोली। ” मम्मी बस थोड़ी देर में करता हूं थोड़ी देर और टीवी देख लूं!” हर्ष बोला। ” नहीं बिल्कुल नहीं तुम पहले ही दो घंटे से टीवी देख रहे … Read more

 तू लालची हो गया हैं – स्वाती जैंन :

Moral Stories in Hindi नीलम ने जैसे ही दरवाजा खोला , सामने अपनी सासू मां मालती जी को देखकर चकित रह गई क्योंकि मालती जी जिस तरह से नीलम से बुरा व्यवहार करके घर छोड़कर गई थी , कभी लगा नही था कि फिर कभी वापस आएंगी !! अपने पति शांतीलाल जी के गुजरने के … Read more

ऑंसू पीकर रह जाना – डाॅ संजु झा :

Moral Stories in Hindi  अमिता बचपन से ही अपनी विमाता के दुर्व्यवहार के कारण मन-ही-मन ऑंसू पीकर रह जाती। सचमुच जिन बच्चों की माऍं बचपन में गुजर जाती हैं,उन बच्चों का मन बहुत कमजोर हो जाता है।वे छोटी-छोटी गलत बातों का भी विद्रोह नहीं कर पाते हैं,बस ऑंसू पीकर ही रह जाते हैं।अमिता के साथ … Read more

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