रक्षाबंधन का वचन -शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

भागवंती और भगवान दास एक दूसरे से बहुत प्रेम करते थे।बड़ा भाई,भगवान दास अपनी बहन भागो को कंधे पर बिठाए घुमाए फिरता था पूरा गली-मोहल्ला।घर से किसी भी काम के लिए निकले,बहन भागो पहले से तैयार रहती। मां जानकी जी तंग आकर कहतीं कभी-कभी “क्यों रे,तू तो बड़ा है।ऊंट की तरह हो गया है,समझ अभी … Read more

घमंड – शुभ्रा मिश्रा : Moral Stories in Hindi 

अरे! सविता जी कहाँ रह रही है आजकल आप? दिखाई ही नहीं दे रही है।जब से बेटे के यहाँ से आई हूँ आप दिखाई ही नहीं दी। बाजार में सविता जी को देखकर पुष्पा जी नें उन्हें पुकारा।कहाँ रहूंगी घर पर ही हूँ,सविता जी नें एकदम फीकी अभिव्यक्ति दी।हाँ जी अब तो घर पर ही … Read more

कुरियर – करुणा मालिक  : Moral Stories in Hindi

आज फिर से शालिनी ने बहू के मायके से आया सूट नौकरानी मीना को देते हुए कहा— ले , दीवाली के नाम का सूट दे रही हूँ ….. कहाँ सँभालती फिरूँगी ?  वाह आँटी जी, सूट तो बहुत ही बढ़िया है….पर अभी तो दीवाली में तीन महीने पड़े हैं….. इतनी जल्दी क्यों दे रही हो … Read more

ना कहना भी आना चाहिए – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

अरे मधु तुम्हारी बहू तो बहुत स्मार्ट है तुम्हारे मन की बात बिना कहे ही समझ जाती है और फुर्ती भी गज़ब की है। भई मान गए तुम्हें आज के जमाने में ऐसी बहू मिली है बिल्कुल अलादीन के चिराग के जिन्न जैसी.. मानो ना कहना तो जानती ही नहीं है। हर बात पर बड़ी … Read more

बहू तू छोटे परिवार से है..तुझे क्या मालूम रिश्तेदारी क्या होती है – सविता गोयल :Moral Stories in Hindi

छोटे  परिवार में पली अंकिता जब से आकाश की दुल्हन बनकर ससुराल आई, उसकी सास मंदिरा जी न जाने कितनी बार उससे कह चुकी थीं — “हमारा खानदान बहुत बड़ा है, सब हमें बहुत मानते हैं। तुम्हारे मायके में तो सिर्फ चार ही लोग हैं। तुम्हें क्या पता रिश्तेदारी क्या होती है, मुसीबत में परिवार … Read more

आसमान पर उङना – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

भवानी बहुत होशियार और समझदार लड़की थी उसकी दसवीं में 90 परसेंटाइल है उसे अपने ऊपर बहुत घमंड था वह अपने नोट्स किसी से शेयर नहीं करती थी।  पढ़ने में होशियार होने के साथ है दिखने में बहुत सुंदर थी।  मम्मी और पापा के कहने पर उसने मैथ साइंस ले लिया।  जब 11वीं कक्षा में … Read more

बेटी होने की खुशी, बेटा न होने का दुःख नहीं – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

दो पोतियों के बाद बबिता जी की इच्छा थी कि अब फिर से बहू नीलू पोते के बारे में सोचे । उन्होंने अगली सुबह चाय पीते हुए नीलू के सामने बात छेड़ते हुए कहा…”नीलू ! तुम्हें एक बार बेटे के लिए चांस लेकर देखना चाहिए । मेरी सहेलियाँ भी बोलती हैं एक बेटा तो होना … Read more

बहू ने ना बोलना सीख लिया – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

निभा पाॅंच भाई-बहनों में सबसे छोटी थी।उसकी दो बड़ी बहनें और दो छोटे भाई थे। दोनों बड़ी बहनों की शादी हो चुकी थी।घर में सबसे छोटी होने के कारण सबकी दुलारी थी। भगवान ने उसे मानो फुर्सत में गढ़ा था।दूधिया रंग,सुतवा जैसी नाक,गुलाबी होंठ,लम्बा कद उसकी खुबसूरती में चार चाॅंद लगाते।निभा स्नातक कर चुकी थी।उस … Read more

 जेठानी – देवरानी का नाटक ससुराल वालों पर पड़ा भारी – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

भाभी , यह क्या आप दिन भर काम करती हैं फिर भी कोई भी आपको कुछ भी बोलकर चला जाता हैं , घरवाले आपकी बिल्कुल भी इज्जत नहीं करते , आपको इन सबकी बातों का बिल्कुल भी बुरा नहीं लगता क्या ?? मेघा अपनी जेठानी सुलोचना से बोली !! सुलोचना बोली – मेघा , ना … Read more

बहू ने ना बोलना सीख लिया है – प्रतिमा श्रीवास्तव :

Moral Stories in Hindi रजनी के मुंह से कभी भी किसी काम के लिए ना निकलता ही नहीं था। बड़े ही खुशी से हर किसी के काम को करती थी।उसे लगता था की सब अपने ही तो हैं कितने हक से मुझे कुछ कहते हैं वरना आजकल तो कोई किसी से मतलब ही कहां रखता … Read more

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