सुखदायक झूठ  -गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 अनु रोज दोपहर में 2:15 पर बस स्टॉप पर पहुंच जाती थी। स्कूल बस वही पर उसकी बेटी वेदिका को ड्रॉप करती थी। अप्रैल का महीना चल रहा था और इतनी गर्मी। वेदिका भी पसीने से तरबतर होती थी इतनी चिलचिलाती धूप में अनु ब्लॉक में घर के पास बने छोटे बगीचे में बेंच पर … Read more

“विश्वास टूटते देर नहीं लगती” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

गर्मी की दोपहर थी, पर सरिता जीका मन कुछ और ही तप रहा था। वह आँगन के कोने में बैठी नीम के नीचे रखी कुरसी पर अधलेटी सी थी। पंखा चल रहा था, लेकिन उसके भीतर जो उफान था, वह किसी हवा से नहीं थमता। उसके सामने टेबल पर वही पुराना खत रखा था जो … Read more

वक्त से डरो – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

लोग कहते हैं कि उस मादा सूयर का श्राप उसके पूरे परिवार को निगल गया था उसके पापों की जो सजा उसे मिली वो कुदरत का न्याय तो था मगर उन निर्दोषों को भी सजा मिली जिन्होंने कोई पाप किया नही था मगर उसके पापों ने उन्हें भी अपना नीबाला बना लिया था। लंबा छोड़ा … Read more

 वक्त का फैर – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

विश्वनाथ के घर आज बड़ी खुशियां मनाई जा रही थीं विश्वनाथ की पत्नी शेफाली बहुत खुश थी आखिर खुश भी क्यों ना हो—- उसके पति का मैनेजर की पोस्ट पर प्रमोशन हो गया था।  उनके दोनों बच्चे मीनल और मिहिर बहुत खुश थे अपने स्कूल के दोस्तों को भी पार्टी में बुलाया था विश्वनाथ के … Read more

आज मेरी तो कल तेरी बारी – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    आज मजदूरों की पगार का दिन था। लगभग साल भर हो गया, शहर में इस होटल को बनते । अनगिनत मजदूर , मिस्तरी, बिजली वाले , पंलबर मतलब कि हर तरह के लोग यहां काम कर रहे है। माना कि इतनी सुंदर, गगन चुंबी, आलीशान अट्टालिकाएं बड़े बड़े ईजिनिंयर , आर्कीटेक्ट, सलाहाकार और न जाने … Read more

वक्त से डरो वरना वक्त आपको डरा देगा -प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

सूरज अपनी पहली किरणें शहर की ऊँची इमारतों पर फैला रहा था। सब कुछ रोज़ की तरह ही था ।भागती गाड़ियाँ, जल्दी में लोग, और समय से आगे निकलने की कोशिश में उलझे चेहरे। लेकिन इस सुबह की खास बात थी राघव का चेहरा। शांत, गम्भीर और कुछ सोचता हुआ। राघव, एक सफल व्यवसायी, जिसने … Read more

विश्वास को खोते देर नहीं लगती – Moral Stories in Hindi

विश्वास को खोते देर नहीं लगती, इसकी चाहत में क्या अच्छा क्या बुरा उसे कुछ समझ नहीं आता मेरी शादी अमित से हुई थी 2 3 साल हमारे बीच सब अच्छा था, लेकिन तभी एक दिन ऐसा होता है जिसने सब बदल कर रख दिया शादी के 3 साल बाद मेरी कजिन सिस्टर मेरे घर … Read more

“एक हिसाब ऐसा भी माँ के आंसुओं का”- सुनीता मौर्या Moral Stories in Hindi

आज शहर में एक घर दुल्हन की तरह सजा था…घर क्या कोठी कहिए। कोठी की हर दीवार दरवाजे खिड़की सब जगह फूल और लाईटें  लगी थी। घर का कोना कोना रोशन था। तभी गेटके सामने एक लम्बी सी कार आकर रुकी। गाड़ी से एक ख़ूबसूरत हैंडसम नौजवान बाहर आया , ये आयुष एक बडी कंपनी … Read more

वक्त से डरो – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

संध्या बेटा मुझे कुछ खाने को दे दो। सुबह तुमने बस  दलिया बनाया था, वही खाया था। आज तो तुमने दोपहर का खाना भी नहीं बनाया। मां जी अब मैं दोपहर का खाना नहीं बनाया करूंँगी। सुबह को ही पेट भरकर खा लिया करो। लेकिन बेटा मुझे शुगर है। जिसकी वजह से मैं ज्यादा देर … Read more

ममता -भावना कुलश्रेष्ठ : Moral Stories in Hindi

बरामदे में पड़ी झूली हुई सी कुर्सी अब भी वहीं थी — जहाँ वह हर शाम बैठा करती थी। दीवार पर घड़ी की टिक-टिक चलती रही, लेकिन कमरे में कोई आवाज़ नहीं थी। ना ही, अब यहाँ कोई उसे “माँ” कहकर पुकारता। कांता देवी — नाम जितना तेज, अब जीवन उतना ही मद्धम। एक समय … Read more

error: Content is protected !!