“एक सास का सपना” – माधवी मूंदरा : Moral Stories in Hindi

इंदु एक होशियार और मेहनती चार्टर्ड अकाउंटेंट थी। शादी के बाद वह अपने करियर और घर के बीच संतुलन बनाने में संघर्ष कर रही थी। सुबह ऑफिस के लिए जल्दी उठना, फिर घर के सारे काम निपटाना और समय पर ऑफिस पहुंचना — यह सब उसके लिए बेहद थकाऊ हो गया था।उसे लगने लगा था … Read more

राज़ खोलना – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

विनिता ने, चुपचाप किसी को कुछ भी बताये बग़ैर अपने दोस्त के साथ एक योजना बनाई।जब  वह अपने दोस्त के साथ बैठी हुई बातें कर रही थी। तब उन दोनों के पीछे उसका छह साल का बेटा वहीं पर सो रहा था। विनीता ने अपने दोस्त से, एक ‘केक’ लाने के लिए कहा था। तभी … Read more

देवरानी के सपनो का आशियाना !! – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

देवरानी नीलू के नए घर को देखकर जेठानी माया की आंखों से टपटप आंसू बह पड़े मगर उसने तुरंत अपने आंसुओं को छुपाते हुए कहा – नीलू बहुत अच्छा काम करवाया हैं घर में , तुम्हारा घर बहुत प्यारा हैं और कम से कम तुम इस घर को अपने सपनों का घर तो कह सकती … Read more

जितनी चादर उतने पैर फैलाना – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

“आज फिर कुछ नया सामान… ये रोज़ रोज़ नया सामान… कभी छोटे की जगह बड़ा फ्रीज, कभी बड़ी टीवी तो कभी नया सोफ़ा… सब फ्री में आ रहा है ? या कोई लॉटरी लग गई देवर जी की इतने पैसे कहां से आए सुधीर ? देवर जी कुछ गलत काम तो नहीं कर रहे?” आज … Read more

वापसी। – अभिलाषा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“बूढ़ी सास के साथ यह कैसे, कर सकतीं हो तुम शुभी “ जेठ जी ने कड़क लहजे में कहा वही अम्मा डबडबाई आंखों से बोलीं “क्या गलत है अगर यहाँ रहना चाहतीं हूँ तो आखिर अमन छोटा बेटा हैं मेरा” “हाँ अम्मा तूं मेरे पास रहेगी” अमन ने अम्मा के हाथ थामते हुए बोला और … Read more

हेयर ड्रायर – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  हम लड़कियाँ जब स्कूल से काॅलेज़ में आते हैं..फ़्राॅक से एकाएक सलवार-सूट परिधान में खुद को बहुत बड़ा और फ़ैशन की सभी वस्तुओं का उपयोग करने के काबिल समझने लगते हैं।मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था।मेरी अलमारी के रैक पर किताब- कपड़ों के साथ-साथ सेंट और नेलपाॅलिश की शीशियाँ भी नजर आने लगीं … Read more

राज खोलना – -परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज रानी खूब खुश थी कारण अपने श्वसुर को नौकर बना रखा था। अकेला बेटा इसका पति है सो जैसा चाहेगी वही करेगी,मगर दांव उल्टा पड़ गया। रानी का पति जवाहर एक दफ्तर में बाबू था और रानी उसके सामने श्वसुर से अच्छा व्यवहार करती थी और जाते ही- अबे बुढ ऊं, झाड़ू ठीक से … Read more

वक्त से डरो – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“एक गाँव में एक बूढ़ा लकड़ी काटनेवाला श्यामू रहता था । उम्र साठ साल थी, लेकिन मेहनत में कोई कमी नहीं आई थी। दिनभर जंगल में लकड़ी काटता, फिर शाम को बाज़ार जाकर बेच आता। लोग उसकी ईमानदारी की मिसाल दिया करते थे। पर उसकी एक आदत बुरी थी उसकी—वक्त को हल्के में लेना। उसे … Read more

विश्वास को खोते देर नहीं लगती – विधि जैन :

रूही ने बी फार्मा किया जब बी फार्मा किया तो उसके लिए बहुत अच्छे-अच्छे रिश्ते आने लगे मम्मी ने कहा कि अब तुम एम फार्मा नहीं कर पाओगी रिश्ते बहुत अच्छे आ रहे हैं रूही ने भी मन बना लिया कि अच्छे रिश्ते आ रहे हैं और मुझे मां-बाप पढ़ाई करने नहीं देंगे और घर … Read more

वक़्त से डरो! – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

श्रीमती विनीता जी, जैसे ही घर के मुख्य द्वार में प्रवेश करती हैं ,उन्हें किसी बच्चे की रोने की आवाज आती है, वे समझ जाती हैं कि दुलारी जी का पोता रो रहा होगा वही उनके घर में छोटा बच्चा है। वे  दुलारी जी से मिलने के लिए उनके घर आई थीं। दोनों ने कल … Read more

error: Content is protected !!