दो किनारे – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi
सरिता जी की मानसिक उलझन सुलझ कर ही नही दे रही थी।अब उन्होंने सब कुछ ईश्वर पर छोड़ दिया था।जो हाथ मे न हो उसे मनुष्य भगवान भरोसे ही तो छोड़ता है। सल्लू-हां-सल्लू नाम से ही तो सब उसे पुकारते थे।उम्र होगी तब मुश्किल से 5-6बरस।पड़ोस में ही मजदूरों की बस्ती में रहता था।उसका बाप … Read more