ओल्ड एज होम -प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

मंगला जी ने अपने घर को क्यों ओल्ड एज होम में बदलने का फैसला ले लिया था। लाखों की प्रापर्टी थी और बच्चों ने जब उसे बेच कर मां का बंटवारा करने का फैसला लिया था कि मां कुछ महीने यहां रहेंगी और कुछ महीने वहां तो ये बात मंगला जी को हजम नहीं हुई … Read more

बिटिया का घर बसने दो – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

स्मृति इंजीनियरिंग करके बहुत अच्छी कंपनी में कार्यरत थी।अच्छे काम के चलते कई बार कंपनी की तरफ से विदेश हो आई थी और दो साल में ही प्रमोशन मिल गया था। घर में रागिनी जी, बिमलेश जी और एक बेटा राकेश और बिटिया स्मृति थे। उम्र बढ़ने लगी तो बिमलेश जी सुयोग्य वर के लिए … Read more

बिटिया का घर बसने दो – लक्ष्मी त्यागी :Moral Stories in Hindi

विपिन ! देख लीजिए ! यह लड़का भी गंजा है, लगभग 33 वर्ष का हो गया है ,केतकी अपने पति से बोली।   अच्छा कमाता है, जब इंसान तरक्की करता है, तो किसी न किसी चीज से तो पीछे रह जाता ही है।कभी रिश्ते पीछे छूट जाते हैं तो कभी रूप -रंग साथ छोड़ देता है।  … Read more

शहर से गांव की ओर – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

सालों बाद जब गांव की तरफ लौटी तो मन बड़ा खिन्न था कि इतने ऐश आराम की जिंदगी के बीच कुछ समझौते के साथ रह पाऊंगी क्या? इसी जद्दोजहद के बीच विचारों ने भी पैर पसार लिए थे। कहते हैं कि सकारात्मक सोचें तो सबकुछ सही नजर आता है लेकिन नाकारात्मक विचार आ रहें हैं … Read more

जाहिल -सीमा सिंघी :  Moral Stories in Hindi

 आज मैं थोड़ी जल्दी उठ गई थी क्योंकि सुबह-सुबह की सैर बड़ी अच्छी होती है इसीलिए मेरे कदम खुद ब खुद सैर के लिए निकल पड़े ! गली के नुक्कड़ पर पहुंचते ही मैंने देखा ! कचरे के ढेर में से एक बच्चा रोटी का एक टुकडा जो कि बाकी  जूठन से पूरी तरह लिपटा … Read more

 बिटिया का घर बसने दो – सीमा सिंघी :  Moral Stories in Hindi

श्यामा  दीदी रोटी बनी की नहीं मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है  और मेरा नाश्ता कहां है मुझे तो डाइनिंग टेबल पर कोई नाश्ता नहीं दिख रहा। अब क्या भूखे पेट जाऊं, लगभग चीखते हुए रवि ने श्यामा से कहा। रवि तुम्हारा लंच बॉक्स तैयार है और नाश्ता भी तैयार है। लो फटाफट … Read more

गलत से सबक, सही से सीख – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

ममता जी अपनी पोती  का बिब ही खोजने के लिए अंदर कमरे में जा रही थीं कि बेटे – बहु की ऊँची चीखती हुई आवाज़ उनके कानों में पड़ी और वो कमरे से बाहर ही ठिठक गईं । उनकी बहू मधुलिका अपने पति आलोक से बोल रही थी…”एकदम # जाहिल गंवार है तुम्हारी मम्मी ! … Read more

दो किनारे – बालेश्वर गुप्ता :  Moral Stories in Hindi

        सरिता जी की मानसिक उलझन सुलझ कर ही नही दे रही थी।अब उन्होंने सब कुछ ईश्वर पर छोड़ दिया था।जो हाथ मे न हो उसे मनुष्य भगवान भरोसे ही तो छोड़ता है।         सल्लू-हां-सल्लू नाम से ही तो सब उसे पुकारते थे।उम्र होगी तब मुश्किल से 5-6बरस।पड़ोस में ही मजदूरों की बस्ती में रहता था।उसका बाप … Read more

 जाहिल सास – ससुर – गीतू महाजन :  Moral Stories in Hindi

सैंडिल की खटखट सुनकर निलेश को अंदाज़ा हो गया था कि रीमा अपनी किटी पार्टी से घर आ गई थी।आते ही सोफे पर वह निढाल सी बैठ गई।राधा (काम वाली बाई)उसके लिए पानी ले आई जिसे पीकर उसने अपने लिए उसे ब्लैक कॉफी बनाने को कहा और मेज़ पर पैर रख अपना फोन चलाने लगी।निलेश … Read more

छोटी माँ – लतिका पल्लवी :  Moral Stories in Hindi

अंशु स्कूल से आया और आकर अपना बैग ड्राइंग हॉल में फेककर सीधे छोटी मम्मी विजया के कमरे में जाकर सो गया। उस समय उसकी छोटी मम्मी छत से कपड़े उठाने गईं थी। उसी वक़्त उनकी पड़ोसन भी अपने छत पर कपड़ा उठा रही थी। विजया को देखकर उसकी पड़ोसन बात करने लगी, अब कोई … Read more

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