पड़ गई कलेजे में ठंडक – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

डाक्टर सुमोना ने लेबर रूम से बाहर आकर बोली सात्विक जी हम आपके बच्चे को नहीं बचा पाए ।पेट के बल गिरने से बच्चे के सिर में चोट लग गई थी और बच्चा पेट में ही मर गया था। इतना सुनते ही सात्विक की मम्मी शालिनी जी बिफर पड़ी बेटे पर ।पड़ गई तुम दोनों के कलेजे में ठंडक,जब मैं मना कर रही थी

कि पार्टी में मत ले जाओ शिल्पा को तो तुम लोग नहीं माने अब भुगतो बड़ों की बात न मानने का नतीजा।अब मम्मी शिल्पा के सामने मत कुछ कहना वो‌तो वैसे भी दुखी हैं आपके तानों से तो वो टूट ही जाएगी ।अब मैं कुछ बोलकर क्या करूंगी बेटा जो होना था वो तो हो गया।अब पछताना जिंदगी भर मेरा क्या।

              सात्विक और शिल्पा की चार साल पहले शादी हुई थी। बड़ी हंसी खुशी का माहौल था घर में । शादी के डेढ़ साल बाद ही शिल्पा प्रेगनेंट हुई तो सास शालिनी बहुत खुश हुई । लेकिन शिल्पा नहीं चाहती थी कि अभी बच्चा हो ।वो तो अभी कुछ दिन और मौज में बिताना चाहती थी । लेकिन शालिनी चाहती थी

कि समय पर बच्चा हो जाए तो ठीक है नहीं तो फिर प्राब्लम आने लगती है। वैसे शिल्पा बच्चे को गिराने के चक्कर में थी । शालिनी जी को पता लगीं तो वो बहुत नाराज़ हुई। बोली पहली औलाद है ईश्वर ने समय पर दे दिया है तो गिरवाने के चक्कर में पड़ी हो।

फिर उन्होंने सात्विक को समझाया देखो बेटा यदि पहली बार प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ छेड़छाड़ कर दी जाए तो बहुत सी प्राब्लम आ जाती है और कभी कभी तो ऐसा होता है कि फिर बच्चा होता ही नहीं है । इसलिए कुछ ऐसा विचार है तो उसे मन से निकाल दो और बच्चे को इस दुनिया में आने दो ।

              शालिनी ने बेटे सात्विक को भी बहुत समझाया। शालिनी के मना करने पर शिल्पा मान तो गई लेकिन बड़े बेमन से । शालिनी शिल्पा का ध्यान तो बहुत रखती थी मना भी करती थी कि भारी सामान न उठाओ सीढियां न चढ़ उतरो और भी दूसरी नसीहतें लेकिन शिल्पा लापरवाही करती थी।आज मायके गई थी शिल्पा मोटरसाइकिल से सात्विक के साथ ।

जब वापस लौट रही थी एक पत्थर से लगकर मोटरसाइकिल थोड़ी उचक गई और थोड़ा धक्का सा लगा जिससे शिल्पा मोटरसाइकिल से नीचे उतर गई ।फिर से बैठी तो मोटरसाइकिल थोड़े धचके ले रही थी ।

उस समय तो सब ठीक था लेकिन घर जाकर शिल्पा के पेट में दर्द शुरू हो गया और आधी रात को उसका मिसकैरेज हो गया । वैसे भी शिल्पा मन से तो चाह नहीं रही थी बच्चा । लेकिन शालिनी जी बहुत दुखी हो गई।

        अब शादी के चार साल हो रहे थे और शिल्पा फिर से कोई खुशखबरी नहीं सुना रही थी तो शालिनी जी को चिंता होने लगी और डाक्टर को दिखाया। कुछ दिनों इलाज चला अब शिल्पा फिर से प्रेगनेंट हैं ।इस बार शालिनी जी शिल्पा की बहुत देख भाल कर रही है और शिल्पा को बहुत सारी हिदायतें दे रखी है ।पांच महीने होने को आ रहे हैं अभी तो सबकुछ ठीक है ।

            चार दिन बाद शिल्पा की खास सहेली की शादी है । शादी का कार्ड आया हुआ है ‌‌‌और आज शादी का दिन भी आ गया । लेकिन शालिनी जी बिलकुल तैयार नहीं है कि शिल्पा शादी में जाए कोई ऊच नीच हो गई तो ।

लेकिन शिल्पा जिद किए बैठी है कि मुझे शादी में जाना हैं। शालिनी जी सात्विक को भी बहुत समझा रही है कि बेटा मत जाओ। लेकिन सात्विक शिल्पा की ज़िद के बेबस हो गया था।अब शिल्पा मान ही नहीं रही थी तो सात्विक ने मां को समझाया कि अब जाने दो मां मैं पूरा ध्यान रखूंगा ।अब जब मानना ही नहीं है तो जाओ शालिनी जी बोली ।

       और सात्विक और शिल्पा चले गए शादी में ।खूब इंज्वॉय हो रहा था । सात्विक शिल्पा पर ध्यान रखें था । लेकिन तभी पीछे से आकर सात्विक के कंधे पर किसी ने हाथ मारा और सात्विक कैसे हो यार सात्विक ने देखा उसका पुराना दोस्त राहुल था कैसे हो यार बस बढ़िया और तू सुना बस बातों में मशगूल हो गए दोनों ।

सात्विक मुड़ मुड़ कर बार बार शिल्पा को देख रहा था तो राहुल ने चुटकी ली क्या यार शिल्पा के बिना चैन ंनहीं आ रहा  क्या ।अरे ंनहीं यार बस ऐसे ही  ।चल ज्यादा चिंता छोड़ शिल्पा की कुछ देर तो हम दोस्तों के साथ बिता ।

इतने में पता नहीं कब शिल्प उठी और जूस का गिलास डस्टबिन में डालने को जाने लगी कि तभी फर्श पर बिछा हरे रंग का जूट का कालीन शिल्पा के पैर में फंसा और वो बचते बचाते भी गिर पड़ी । फिर वहां मौजूद कोई शिल्पा को पकड़ कर उठा रहा था इतने में सात्विक की नजर शिल्पा पर पड़ी और वो लपक कर पहुंच गया शिल्पा के पास ।शिल्पा पेट पकड़कर खड़ी हो गई और बोली सात्विक मेरे पेट में दर्द हो रहा है ।

सात्विक तुरंत कुछ लोगों की मदद से शिल्पा को अस्पताल ले गया उसको भर्ती कराया और मां को खबर दी । शालिनी जी अस्पताल पहुंच गई किसी अनहोनी की आंशका से वो घबरा रही थी। लेकिन थोड़ी देर बाद डाक्टर ने अंदर से आकर बोला कि बच्चा नहीं रहा पेट के बल गिरने से बच्चे के सिर में चोट आ गई थी इस लिए बच्चा पेट के अंदर भी मर गया ।

इस लिए बच्चे को बाहर निकालना पड़ा नहीं तो आपकी पत्नी की जान को खतरा था। अभी दो घंटे में छुट्टी हो जाएगी फिर आप उसे घर ले जा सकते हैं ।

         सात्विक बहुत पछता रहा था मां की बात न मानकर। अपने को अपराधी सा महसूस कर रहा था।दो बार शिल्पा प्रेगनेंट हुई और दोनों बार ही ऐसा हो गया। शिल्पा और सात्विक मां से माफी मांगने लगे । मां मुझे माफ़ कर दो आपकी बात न मानकर बहुत गलती की हम लोगों ने।अब आगे से ऐसा नहीं होगा ।

आगे अब आगे होगा भी की नहीं क्या पता शालिनी जी बोली ईश्वर जाने।जब हम बड़े किसी बात को मना करते हैं तो मान लेना चाहिए उसके पीछे कोई न कोई कारण होता है । लेकिन तुम बच्चे मानने को तैयार नहीं होते। सबकुछ गंवा कर अब पड़ गई कलेजे में ठंडक।जाओ यहां से जो तुम लोगों को अच्छा लगे वो करो ‌‌‌‌‌‌नहीं मां ऐसा न कहो अब आप जैसा कहोगी वैसा ही करेंगे।

शालिनी ने अपना गुस्सा थूक दिया बच्चों से हम बड़े ज्यादा दिन नाराज़ कहां रह सकते हैं । आगे फिर कुछ अच्छी सोच के साथ सात्विक और शिल्पा अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने लगे ।शायद आड़ू फिर से कोई खुशखबरी उनके जीवन में आए ।

मंजू ओमर

झांसी उत्तर प्रदेश

11 जून

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