कहानी निर्णय
पंख समय लगाकर उड़ने लगा, रोहित अंजलि और नेहा तीनों बहुत खुश थे, समय आसानी से बढ़ रहा था, और अब धीरे-धीरे अंजलि ने भी सब कुछ नॉर्मल समझ कर अपनी प्रेगनेंसी की खबर उसके ससुराल में दे दी थी , ससुराल में भी सब बहुत खुश थे , सास ससुर ने एक बार पूछा भी था ,क्या हम वहां आ जाएं । लेकिन रोहित और अंजलि मना कर देते हैं, आखिरी के कुछ महीने डॉक्टर सरिता से पूछ कर यह लोग अपने फॉर्म हाउस में चले जाते हैं, अंजलि और रोहित नेहा का पूरी तरह से ख्याल रखते हैं, जैसे जैसे समय नजदीक आ रहा था, वैसे वैसे अंजलि और रोहित को घबराहट होने लगी थी ,अंजलि अपनी सास से कहकर उसी मंदिर में हवन कराने के लिए कहती है ।
और अब रोजी पूरी तरह से अंजलि पर डिपेंड हो चुकी थी , वह नेहा के पास बहुत कम आती थी ,यह देखकर अब नेहा को थोड़ी सी टेंशन होने लगी थी ,उसे लगने लगा था, कि अब रोजी का अंजलि के प्रति इतना अटैचमेंट शायद ठीक नहीं । जैसे जैसे समय आगे खिसक रहा था, वैसे वैसे नेहा को कुछ शारीरिक समस्याएं होने लगी थी ,अब उससे ज्यादा चलना फिरना नहीं बनता था, और एक दिन अचानक उसे बहुत ज्यादा घबराहट हो जाती है नेहा की यह हालत देखकर रोहित और अंजलि उसे सरिता के क्लीनिक ले जाते हैं, जाकर चेकअप कराते है सरिता कहती हैै सब ठीक है इतनी समस्याएं जनरल ही होती है , इसमें घबराने की बात नहीं है और अंजलि और नेहा को बाहर बैठा देती है, रोहित अंदर ही होता है सरिता रोहित से कहती है तुम्हें बहुत एक बात बताना है जो मैं बताना नहीं चाह रही थी लेकिन अब हो सकता है तुम्हें बार-बार इस प्रॉब्लम को झेलना पड़े रोहित सरिता का चेहरा आश्चर्य से देखकर बोलता है, कुछ और समस्या है ं नेहा की हालत बार-बार ऐसी होती रहेगी , सरिता कहती है खुश खबरी हैऔर मुस्कुराने लगती है सरिता क्या कहना चाह रही हो स्पष्ट कहो
अंजलि को मैं यह बात इसलिए नहीं बताना चाह रही वह बहुत खुश हो जाएगी या घबरा जाएगी ,और दोनों ही हालत में वह नेहा से यह बात शेयर करेगी , और मैं नहीं चाहती कि अभी नेहा को इस बात का पता लगे। रोहित उससे कहता है इतनी सारी पहेलियां मत बुझाओ जल्दी बताओ क्या कहना है ।
सरिता कहती है कि तुम एक बच्चे के नहीं दो बच्चों के पापा बनने वाले हो, रोहित मुस्कुराते हुए कहता है वह तो हैं ,एक आने वाले बच्चे का और एक रोजी का ,
सरिता कहती है 3 बच्चों के, क्योंकि नेहा को twins है, रोहित खुश हो जाता है, सरिता उसकी खुशियों को देखते हुए बोलती है यह बात तुम्हें अपने तक रखना होगी अगर नेहा को पता लगा तो हो सकता है, वह घबरा जाए जैसा नॉर्मल रूटीन चल रहा है उसे वैसा ही चलने दो, रोहित सरिता से वादा करके अंजलि रोजी और नेहा के साथ वापस अपने फार्म हाउस पर आ जाता है, बहुत ज्यादा खुशी अंजलि और नेहा दोनों ही नोटिस कर रही थी ,अंजलि रोहित से पूछ लेती है इतनी खुश अचानक से क्यों हो , रोहित कहता है अरे मैं इतना खुश नहीं हूं ,और अगर हूं तो क्यों ना हो आखिर कुछ समय बाद नेहा को डिलीवरी हो जाएगी और इस बार सब कुछ सकुशल हो रहा है इसके लिए भगवान को धन्यवाद देता हुआ खुश होने का तो मुझे अधिकार है ,या तुम खुश नहीं हो, अंजलि रोहित की गोलमोल बातें समझ नहीं पाती, और वह हंसकर वहां से चली जाती है ।
नेहा बाहर वाक कर रही थी , तो रोहित उसके पास आता है, नेहा भी वही पूछती है ,डॉक्टर सरिता ने ऐसा क्या कह दिया जिससे आप इतने खुश नजर आ रहे हैं , रोहित हंसकर कहता है यही कि सब कुछ इस बार ठीक हो रहा है , और ईश्वर की कृपा से अभी तक कोई समस्या नहीं हुई। इतनी सी खुशी तुम लोगों से बर्दाश्त नहीं हो रही, नेहा हंसते हुए कहती है , अरे नहीं नहीं मेरा मतलब यह नहीं था ।
रोहित आ जाता है और बहुत खुश मन ही मन होता है ,और सोचता है हे ईश्वर बस इस बार तू कुछ भी ऐसा वैसा मत करना और जल्दी-जल्दी यह समय निकल जाए ,जिससे अंजलि को उसकी खुशी मिल जाए ।
और इसी तरह धीरे-धीरे वह दिन भी आ जाता है जब नेहा को दर्द शुरू होते हैं रोजी को घर पर ही हेल्पर के पास छोड़कर अंजली और राहुल उसको सरिता की क्लीनिक ले जाते हैं , चेक करकेसरिता कहती है अभी 24 घंटे और लग सकते हैं ,लेकिन रोहित और अंजलि उसे फार्म हाउस वापस नहीं ले जाना चाहते , वह दोनों वहीं रुक जाते हैं रोहित कहता , रोजी तो घर पर है अंजली , वह तुम्हारे बिना कैसी रहेगी , अंजली भी रोजी के लिए मन ही मन बहुत चिंतित थी , अंजलि सरिता से पूछ कर फार्म हाउस चली जाती है। रोहित नेहा का सर अपनी गोद में लेकर बैठ जाता है और उसे बराबर सांत्वना देता रहता है , ऐसी ही पूरी रात कट जाती है और सुबह 6:00 बजे अंजलि रोजी और कामवाली बाई को लेकर रोजी का सारा सामान लेकर हॉस्पिट पहुंच जाती है , वैसे अंजली पूरी रात रोहित से फोन पर सारा हाल थोड़ी थोड़ी देर में जान रही थी , नेहा के पास जाती है ,और उसके दोनों हाथ अपने हाथ में लेकर उसे हिम्मत देती है और मौन रहकर ही शायद अपने मन की बात नेहा के मन तक पहुंचा देती है ,और नेहा भी उसकी मूक भाषा समझ कर दर्द में सिर्फ आंखों से स्वीकृति दे दी है
कुछ समय की बात उसे लेबर रूम में ले जाया जाता है, रोहित और अंजलि लगातार अपने इष्ट देवता से सब कुछ अच्छा हो इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं अंजलि मन ही मन उस गांव वाले बाबा के मंदिर में प्रार्थना कर रही है कि बस सब कुछ अच्छा हो जाए, तो वहां अपने बच्चे को लेकर वहीं आकर हवन कराएगी , जहां वह पूरे गांव वालों के सामने अपने रोहित के साथ बैठ पाएगी ,इस बीच डॉक्टर सरिता बाहर आती नजर आती है और अंजलि दौड़ कर सरिता के पास पहुंचती है ,सरिता उससे कहती है सब कुछ सही रहा और नेहा को एक बेटा और एक बेटी हुए हैं ,यह सुनकर अंजली बहुत खुश हो जाती है । और आश्चर्य से रोहित की तरफ देखती है , रोहित अंजलि को देख कर मुस्कुरा देता है । लेकिन दूर खड़ा रोहित नेहा की कुशलता के बारे में डॉक्टर सरिता से जानना चाह रहा था
जैसे-जैसे सरिता रोहित के करीब आती है ,रोहित मौन उसके चेहरे की तरफ देखता है, सरिता उसके कंधे पर हाथ रखकर कहती है ,नेहा भी बिल्कुल ठीक है कुछ समय के बाद तुम लोग उसे मिल सकते हो , नेहा बहुत हिम्मती उसने बहुत संघर्ष किया , उसके संघर्ष के साथ साथ तुम लोगों की प्रार्थना ओं का भी नतीजा रहा नेहा और उसके दोनों बच्चे सब कुशल है , और ऑपरेशन नही करना पड़ा ।सरिता के जाने के बाद भगवान का शुक्रिया अदा करता है । और अंजली ख़ुशी के कारण रोहित के सीने से आकर लग जाती हैं, और दोनो अपनी अपनी ख़ुशी जाहिर कर रहें है, और भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं
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