गतांक से आगे
डॉक्टर सरिता के साथ जब रोहित चला जाता है ,तो नेहा सोचती है ,पहले तो रोहित जी यहां आ ही नहीं रहे थे ,और आए तो फिर डॉक्टर सरिता के साथ ऐसी चले गए, जैसे बहुत पुरानी पहचान हो ,और मुझे इग्नोर कर दिया डॉक्टर सरिता ने भी और रोहित ने भी । उसे मन ही मन बहुत तेज गुस्सा आ रहा था ।
रोहित से डॉक्टर सरिता कहती है , अब तो मान जाओ , अंजलि कब से तुमसे कह रही है पर तुम हमेशा एक ही जवाब देते हो , हर महिला को तो अपने बच्चे के लिए हायर नहीं किया जा सकता , लेकिन नेहा के साथ ही यहां आना मुझे यह समझा रहा है ,कि शायद कहीं अब तुम भी इंटरेस्टेड हो ,तुम मेरी क्लासमेट रहे हो ,मैं बहुत अच्छी तरह से तुम दोनों को जानती हूं ,और तुम्हे हर चीज बहुत आसानी से पसंद नहीं आती ,शायद नेहा को तो तुम बहुत करीब से जान रहे हो । तो नेहा के साथ मिलकर तो यह पॉसिबल है ,अब तो प्लीज मान जाओ अंजली जिस खुशी के लिए बरसों से तरस रही है ,उस जैसी पढ़ी-लिखी एजुकेटेड लड़की सिर्फ मां न बन पाने की दुख में डिप्रैस होकर अपना सब कुछ भुला बैठी है ,तुम तो उसको बहुत प्यार करते हो तो प्लीज अगर अब तुम्हारा नेहा को जांचना परखना पूरा हो गया हो तो । जानते हो अंजलि तुम्हारे और नेहा को यूं ही छोड़ कर नहीं गई है क्या कोई भी पत्नी इतनी आसानी से अपने पति को किसी जवान खूबसूरत महिला के पास छोड़ कर चली जाएगी ,रोहित सर झुका कर सरिता की सारी बातें सुन रहा था सरिता जब बोलना बंद करती है ,तब रोहित कहता है मैं नेहा को जांच परख नहीं रहा था ,हां मुझे रोजी से अंदर से बहुत प्यार है मैं कोई नेहा की मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाहता ,वैसे भी उसके मन में राकेश के खत्म होने के बाद इतना आक्रोश पुरुषों के लिए भरा है ,अगर उसे यह पता लगा कि मैं उससे क्या चाह रहा हूं ,तो मुझ से भी नफरत करने लगे गी ।
और मैं अब रोजी से दूर होने के लिए ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता ,जिससे नेहा के मन को कष्ट हो ,इतनी बात सुनने के बाद सरिता कहती है ,जानते हो तुम नेहा मेरे पास अकेली आ चुकी है ,यह जानने के लिए अंजलि ने जब पहली बार उससे सरोगेसी के बारे में बात की थी ,तो फिर वह अचानक इस बात को सुनकर टाल क्यों देती है ,वह जानना चाहती है कि आखिर प्रॉब्लम क्या है तो वह मन से तो कहीं ना कहीं तैयार है ,एक अकेली महिला जो तुम्हें घर आने की इजाजत देती है , अपने दुख बीमारी में सिर्फ तुम लोगों को फोन करती है अपनी बच्ची की जिम्मेदारी बिना कुछ समझे तुम लोगों को सौंप कर जाती है ,एक माह इतनी आसानी से किसी पर विश्वास नहीं करती ,अंजलि पर वह विश्वास ही नहीं बहुत ज्यादा प्यार भी करती है ,तुमने अंजलि को जब से मना किया तो शायद अंजलि ने कभी फोन पर मुझसे बात ही नहीं की, उस बारे और तुमने भी तो मुझे एक बार बताया था ,कि तुमने नेहा के लिए मतलब उसके मकान और कार के लिए बैंक लोन पूरा चुकाया । क्या तुम्हारे मन में कहीं कुछ ऐसा नहीं है ,क्या तुम सच में यह सब कुछ बिना मतलब के कर रहे हो ,कहीं ना कहीं तो तुम्हारे मन में आस जगी है , उस नेहा को देखकर कि शायद अब तुम्हारा सपना पूरा हो सकता है रोहित सरिता की बात सुनकर उसे कहता है कि मैं फिर आऊंगा तुमसे मिलने अभी मुझे घर जाना है सरिता रोकती रह जाती है ,और रूम से निकलकर रोहित नेहा के पास जाता है लेकिन वह नेहा और रोजी नहीं होती है, एकदम घबरा जाता है वहां पर नर्स देखकर रोहित से कहती है वह मैडम तोचली गई लेकिन गाड़ी की चाबी आपको देने के लिए बोल कर गयी है , वह बाहर निकल कर देखता है तो उसे रोजीऔर नेहा कहीं नजर नहीं आते , बाहर खड़े वॉचमैन से जब वह पूछता है उनके बारे में तो वह बोलता है, कि वह मैडम शायद यहां से पैदल ही गई है , उसे बहुत तेज गुस्सा आता है फोन लगाता है नेहा को तो , वह फोन रिसीव नहीं करती , वह गाड़ी नेहा के घर की तरफ मोड़ लेता है , घर पहुंच कर देखता हैं, घर पर तो लॉक लगा है ,अब वह समझ नहीं पाता कि वह उन्हें कहां ढूंढे कुछ देर में नेहा और रोजी ऑटो से आ जाती है , रोजी रोहित को देखते से पापा पापा करते हुए दौड़ जाती है । रोहित उसको गोद में ले लेता है , ऑटो वाले को वह पेमेंट करने पहुंचता है, पर नेहा ऑटो वाले को पेमेंट दे चुकी होती है और वह अंदर आकर गेट खोलती है पीछे पीछे रोहित अंदर आकर नेहा के सामने खड़े होकर गुस्से से उससे पूछता है यह क्या पागलपन था ,मुझे तो तुम वहां लेकर गई थी, तो फिर इस तरह से आने का कारण , आप गए तो मेरे साथ थे, तो फिर मेरी पूरी बात सुने बिना आप उस डॉक्टर सरिता के साथ अंदर क्यों गए आपको अंदर एक घंटा हो गया था मुझे लगा पता नहीं आप की मीटिंग इतनी लंबी चलेगी इसलिए मैं यहां वापस आ गई और आप क्या पहले से डॉक्टर सरिता को जानते थे ,आपने तो मुझे कभी नहीं बताया कि आप उसे जानते हैं ना ही कभी दीदी ने मुझसे कहा ।
और यह कहते कहते नेहा बिल्कुल लाल हो जाती है ,
रोहित हंसकर नेहा से पूछता है अच्छा तुम मुझे यह बताओ कि तुम ही बुरा क्या लगा मेरा डॉक्टर सरिता के साथ अंदर जाना या फिर अंजलि का यह नहीं बताना कि वह पहले से मुझे जानती है । वैसे मैं तुम्हें बता दूं नेहा हमारी क्लासमेट रही है , मेंरी और अंजलि की कॉमन फ्रेंड भी ।
लेकिन नेहा का गुस्सा शायद कम नहीं हो रहा था ,
रोहित हंसते हुई रोजी से कहता है बेटा आज लंच नहीं मिलेगा अपन दोनों चलकर सोते हैं । रोजी को लेकर वह ऊपर चला जाता है , और शायद थके होने के कारण सो जाते है, नेहा भी कपड़े चेंज कर लंच बनाने लग जाती है लंच बनाकर रेडी करने में उसे एक घंटा लग जाता है फिर वह सोचती है अब तो शायद काफी देर हो गई सोते हुए उठाती उन दोनों को ।
इतने में अंजली का फोन आता है सब के बारे में वह पूछती है नेहा आज तुम और रोहित डॉक्टर सरिता के पास गए थे , क्या हुआ मुझे बताओ , नेहा कहती है उन्होंने मुझे तो कुछ नहीं बताया लेकिन रोहित सर के साथ काफी देर मीटिंग की तो उनका डिसीजन क्या रहा यह वही बता पाएंगे । अंजली हंसकर कहती हैं रोहित ने कुछ किया क्या कि तुम वहां से बिना कहे उठ कर आ गई , नेहा बहुत गुस्सा आता है तुम्हें , नेहा चुप रहती है कुछ नहीं कहती और फोन रख देती है ।
अंजलि बार-बार भगवान का धन्यवाद अदा करती है ,और कहती है हे ईश्वर बस किसी भी तरह इस बार रोहित को सद्बुद्धि देना और उसको धीरे-धीरे भगवान के प्रति और उस हवन के प्रति श्रद्धा बढ़ जाती है और विश्वास भी ।
नेहा रोहित उठाने जाती है लेकिन रोहित और रोजी दोनों ही गहरी नींद में सो रहे हैं उसका उठाने का मन नहीं होता और वह नीचे आकर रूम में जा कर लेटजाती है , और वह भी सो जाती है ।
कुछ देर बाद रोहित और रोजी नीचे आते हैं पर रोहित नेहा को वहां नहीं देख कर समझ जाता है वह भी सो रही है , रूबी की आवाज सुनकर नेहा बाहर आती है और खाना लगाती है साथ में यह भी कहती है कि मैं ऊपर गई थी लेकिन आप लोग बहुत गहरी नींद में सो रही थी तो मैं नीचे आ गई । खाना खाकर रोहित शाम की मना कर देता है और अपने घर वापस आ जाता है।
घर आकर उसके कानों में बार-बार डॉक्टर सरिता की बातें गूंज रही थी नेहा बहुत नेक है और वहां अंजलि को मां बनाने के लिए हर तरह से तैयार है ।
लेकिन वह खुद ही खुद ही प्रश्न करता है कि शायद कहीं ना कहीं जो भी कुछ नेहा के लिए वहऔर अंजलि कर रहे हैं ,निस्वार्थ नहीं है कहीं ना कहीं उनका अपना स्वार्थ इसके पीछे छुपा हुआ है , अंजली की अपनी खुशी रोहित का अपना मापदंड और शायद सरिता ने कुछ गलत भी तो नहीं कहा वही तो कहता था ,कि हर किसी की कोख को किराए पर तो नहीं लिया जा सकता उसका आचरण उसका व्यवहार इन सब का असर भी तो आने वाले बच्चे पर पड़ेगा ,तो शायद मैं उस भाव को व्यक्त नहीं कर पाया लेकिन कहीं ना कहीं मेरा मन यह सारी चीजें उसमें तलाश तो कर रहा है रोहित बहुत ज्यादा परेशान हो जाता है और इस परेशानी में उसका बीपी बहुत बढ़ जाता है , डॉक्टर को फोन करके बुलाता है और यह सोचते सोचते उसकी हालत और खराब होने लगती है क्या सचमुच वह भी लालची है डॉ अंजलि को फोन करके बोलता है ,कि रोहित सर की तबीयत बिल्कुल ठीक नहीं है ,उनकी केयर करने के लिए आपको यहां आना पड़ेगा अंजलि एकदम घबरा जाती है वह कहती है यहां से बाहर नहीं जाने दे रहे अगर मैं वहां आई भी तो मुझे 14 दिन क्वॉरेंटाइन रहना पड़ेगा डॉक्टर आप ही कुछ करिए ना ।
अंजली जल्दी से नेहा को फोन लगाकर बताती है रोहितकी तबीयत बहुत खराब हो गई है ,तुम जल्दी से घर जाओ। नेहा सुनकर घबरा जाती है और वह रोजी को लेकर खुद डरती डरती कार ड्राइव करके वहां पहुंच जाती है और सोचती है शायद आज के दिन के लिए ही मुझे कार सीखाई थी।
वहां डॉक्टर को देखते ही नेहा घबरा जाती है ,डॉक्टर कहता है आप घबराइए नहीं यह समय-समय पर टेबलेट दीजिए और इनको मानसिक आराम की सख्त जरूरत है ,जब भी रोहित जी मानसिक रूप से परेशान होती हैं तब उनकी यही स्थिति होती है ,लेकिन अंजलि जी उन्हीं संभाल लेती है आज तो अंजलि जी नहीं है आपको उनकी केयर करनी पड़ेगी अब उन्हें ठीक होने में शायद 2 या 3 दिन लगेंगे ।
यह कहकर डॉक्टर चला जाता है ,नेहा रोहित के सिरहाने बैठ जाती है उसको ऐसा लगता है शायद वह जिस तरह से आई थी उसी के कारण रोहित की तबीयत खराब हो गई अरे मुझे भी इतना क्यों गुस्सा आया होगा अगर वह अंदर चलेभी गये तो मुझे क्या अंदर ही अंदर नेहा परेशान होने लगती है रोहित थोड़ी देर बाद जब उठना है तो रोजी को अपने पास में बैठा हुआ दिखता है ,रोहित का सर दबा रही थी रोजी इतना खुश हो जाता है वह समझ जाता है नेहा आ गई है ,उससे माफी मांग लेगा और अपने दिल का बोझ कम कर लेगा ,इसके पहले ही नेहा बिल्कुल उदास होकर हाथ जोड़कर रोहित से कहती है मुझे शायद ऐसे नहीं आना था ,आपकी तबीयत खराब होने का कारण मैं ही हूं मुझे माफ कर दीजिए मुझे गुस्सा क्यों आया मैं नहीं समझ पाई लेकिन इस तरह से डॉक्टर सरिता के साथ आपका जाना मुझे अच्छा नहीं लगा ,लेकिन अब मुझे समझ में आ गया कि वह आपकी मित्र हैं रोहित उसको एक टक देखता रहता है ,और उठ कर उसके दोनों हाथ अलग कर देता है ,और उसे कहता है ऐसे माफी मांग कर मुझे शर्मिंदा मत करो ,वरना तुम्हारी दीदी कहेगी नेहा को आपने मेरी जाने के बाद रुला भी दिया ,और दोनों धीरे से मुस्कुरा देते । रोहित वापस लेटजाता है और रोजी के साथ मस्ती करने लगता है ।
इतने में अंजली का वीडियो कॉल आता है और रोहित ने इतनी जल्दी परिवर्तन देख कर वह खुश हो जाती है रोजी के साथ मस्ती करते हुए रोहित को देखकर वह मन ही मन बहुत खुश होती ।
रोहित अंजलि से कहता है , अंजलि से पूछो मैं कौन हूं जैसे ही अंजलि रोजी से पूछती है यह कौन है ,तो वह पापा पापा चिल्लाने लगती है और रोहित के ऊपर बैठ जाती है । रोहित उसको बताता है कि पार्क में किस तरह से उन बच्चों से इसने पापा बोलना सीखा ।
अंजली कहने लगती है अब मुझे भी मम्मी बुलवाओ , रोहित हंसते हुई कहता है पहले उसे बोलना सीखने तो दो ।
अंजलि रोहित दोनो जोर से हंसने लगते है ,और रोहित फोन देख कर रोजी गिरा देती है और फोन कट हो जाता है । नेहा कमरे में आती हुई देख लेती है और वहां जैसे ही उसे डांटने लगती है ,तो रोहित कहता है मैडम यह मेरा फोन है ,आपका नहीं तो आप को डांटने की जरूरत नहीं नेहा मुंह बनाकर वहां से चली जाती ।
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