कहानी निर्णय
अंजलि की सास ने पूजा की पूरी तैयारियां कर ली थी और अंजलि को बता दिया था 10:00 बजे से हमें हवन पर बैठना है , अंजलि भी बहुत उत्साहित थी ,बस भगवान से यह कह रही थी ,किसी तरह से रोहित मान जाए ,और नेहा को उसने देखा है ,वह कोई चाल फरेबी वाली नहीं है और अब तो रोहित भी उसके घर जाकर दिन भर रुके हैं ,तो हो सकता है कहीं वह भी उसको अच्छी तरह समझ ले ,उसके दिमाग में बस मां बनने का जुनून सवार था और वह भगवान से बार-बार यही मांग रही थी, रोहित मान जाए ।
दूसरे दिन रोहित नेहा के घर नहीं आता वह सोचता है , उसके आसपास वाले लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे ,मेरा वहां बार-बार जाना ठीक नहीं फिर उसे ख्याल आता है ,नेहा उससे कोई जरूरी बात करने वाली थी, वह क्या बात हो सकती है नेहा ने रोहित को रोकने के लिए बोला था लेकिन शायद वह डिस्कशन करना भूल गई ।
अचानक से उसे अंजलि का ख्याल आता है और मन ही मन गुस्सा होने लगता है, कि अगर अंजली मेरे साथ आ गई होती तो कोई परेशानी ही नहीं होती, और वहां उसे मम्मी जी समय-समय पर व्यंग बाण देना नहीं भूलेंगे , और आकर 10 दिन तक उसी बात को लेकर टेंशन में रहेगी ।
इतने में फोन की घंटी बजती है और वह उठाने के पहले ही समझ जाता है जरूर नेहा का होगा क्योंकि वह आज पूरे दिन नेहा के घर नहीं गया वह देखता है नेहा का ही फोन था दूसरी तरफ रोजी पापा पापा करती चिल्ला रही है नेहा पूछती है आज आपने किचन कितना गंदा किया ,कहीं ऐसा ना हो दीदी आ कर मुझसे ही किचन साफ कराए ,क्योंकि खाने का काम वह मुझे ही देकर गई और हंसने लगती है , रोहित नेहा की बातें सुनकर सोचता है कितनी मासूम और प्यारी सी है ना ,वह भी मजाक में कह देता है कल आ जाना कल यही खाना बना लेना और किचन साफ कर देना , और उसके बाद रोजी से बात करने लगता ,वीडियो कॉलिंग करने के बाद रोजी जैसे ही रोहित को देखती है बहुत तेज रोने लगती है ,बड़ी मुश्किल से नेहा उसको समझाती है फोन काटती है रोहित परेशान हो जाता है ,रोहित को लगता है रोजी को रुलाना ठीक नहीं थोड़ी देर बाद कॉल करता है तो पता पड़ता है कि रोते-रोते रोजी गिर गई है, तो खुद को रोक नहीं पाता और सीधे नेहा के घर पहुंचतानेहा उसे देख कर आ जाती है ,जब वह रोजी के पास जाता है तो रो जी ऐसा लगता है जैसे उसे फीवर आ रहा है ,वह नेहाकी तरफ देख कर पूछता है ,क्या तुम ने मारा या फिर डांटा ,नेहा नीचे सर झुका लेती और कहती है उसे चुप कराने का कोई तरीका नहीं मिल रहा था उसने आपको जैसी ही देखा वह बिल्कुल पागलों की तरह रोने लगी थी ,मैं उसे समझा ही नहीं पा रही थी ,रोहित चुप रह जाता है ,और उसको डॉक्टर के पास ले जाता है ,साथ में नेहा को नहीं लेकर जाता । बिल्कुल हल्का फीवर कोई प्रॉब्लम नहीं घर आकर वह बिना कुछ बोले रोजी के साथ ऊपर कमरे में जाकर लेट जाता है । और वह समझ ही नहीं पाता की रोजी को इतना लगाव हो गया ,रोजी के बिना खुद भी नहीं रह पाता था , वह जानता था रोज़ीने निश्चित नेहा का फोन फेका होगा और इसीलिए नेहा को गुस्सा आया होगा । रोजी सो जाती है तों नीचे उतर कर आता है नेहा को बिल्कुल गुमसुम बैठे हुए पाता है और नेहा के पास आकर बैठ जाता है और उससे पूछता है रोजी ने तुम्हारा फोन फेंक दिया इसलिए तुमको इतना गुस्सा आया ,नेहा इतने गुस्से में होने के बाद भी हल्का सा मुस्कुरा कर रोहित को देखती है ,और कहती है उस फोन में आवाज भी नहीं आ रही बिल्कुल इसलिए मैं उसे अपना फोन नहीं देती ।
रोहित शांत रहता है कुछ भी नहीं कहता वह अपने परिचित को फोन लगाता है ,और उससे कुछ बात करता है थोड़ी देर बाद डोरबेल बजने की आवाज पर नेहा जाने लगती है, रोहित मना कर देता है और खुद जाकर गेट ओपन करना उस व्यक्ति को वह अंदर लाता है वह चार पांच पीस फोन के दिखाता है, नेहा को बुलाकर एक फोन पसंद करने के लिए बोलता है नेहा चुपचाप फोन ले लेती है और वह व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर देता है ,उसके जाने के बाद नेहा पूछती है इस नये फोन की वजह ,रोहित मुस्कुरा कर कहता है अब यह वाला फोन रोजी को दे दिया करो ,और तुम यह नया फोन रख लेना और खबरदार जो कभी मेरी बेटी को दोबारा डाटा ,नेहा उसे एक टक देखती रह जाती है । रोहित नेहा से पूछता है , तुमको ड्राइविंग कितनी आई नेहा कहती है बस कॉन्फिडेंस की कमी है बाकी मुझे चलाना आ गया रोहित कहता है अब तुम अपनी गाड़ी से आया जाया करो तब भी तुम को कॉन्फिडेंस आ पाएगा ,यहां से 12 किलोमीटर दूर महिलाओं की एक ग्रुप के द्वारा छोटा सा रोजगार शुरू करने की योजना है उस में मैं सोच रहा हूं तुम मैनेजर बन जाओ ,नेहा उसको देखकर,चेहरे की खुशी शायद रोहित से छुपी नहीं रह पाती रोहित पूछता है तुमने एजुकेशन में क्या किया है तो वह बताती है उसका मन पीएचडी करने का बहुत था । लेकिन वह कर नहीं पाई पहली बार रोहित नेहा से उसकी लाइफ के बारे में उसकी पसंद और नापसंद के बारे में पूछता है ,टाइम ज्यादा होने के कारण वह रोजी को देखने ऊपर चला जाता ।
अंजलि सास और देवरानी के साथ मंदिर में हवन करके बहुत खुश हो जाती है, और बहुत खुश होती है कि शायद आज ईश्वर उसकी मनोकामना पूर्ण करेंगे । और बहुत सच्चे मन से वह ईश्वर से बस एक बच्चे की प्रार्थना कर रही थी , जिससे कि उसका कलंक धुल जाए ।
रोजीको लेकर रोहित नीचे उतरता है तब तक नेहा नहा धोकर बिल्कुल तैयार होती है उसका ब्रेकफास्ट भी बन चुका होता है और रोजी नेहा के पास आने से मना करती थी क्योंकि नेहा से शायद वह गुस्सा थी ,और रोहित कहता है कि तुम कुछ मुझसे जरूरी बात करने वाली थी ,लेकिन तुमने बताया नहीं, नेहा कहती है हां मैं आज करूंगी आपसे इतने में रोहित कहता है कि चलो नेहा जल्दी तैयार हो जाओ ,मैं तुम्हें उस जगह दिखा कर लाता हूं जहां मैंने सोचा है और तुम्हें वहां पर जो दो चार महिलाएं हैं उनसे भी मिलवा कर लाता हूं तुम उनको देखो और सोचो क्या हम वहां जो काम कर रहे हैं वह घाटे में तो नहीं जाएगा । और ड्राइव आज तुम करोगी मैं बैठूंगा ,नेहा हंसने लगती है रोहित तीनों जाने की तैयारी करते हैं ,पहले रोहित रोजी को डॉक्टर को दिखाता है लेकिन सब कुछ ठीक था , उसके बाद वह जगह पर ले जाता है उसको सारा नक्शा बताता है , उन महिलाओ से भी उसी मिल वाता है, और उन महिलाओं से कहता है कि यह नई बास होंगी, यहां का सारा काम यही मैडम देखेंगी तो आज यह आप सब से बात करने आई है और जिस तरह से नेहा उन लोगों को डील करती है उसे नेहा पर विश्वास हो जाता है और रोहित आश्चर्य में पड़ जाता है वह समझ जाता है नेहा में मैनेजमेंट का बहुत शानदार जज्बा है ,वह कुछ भी कर सकती है ,उसने सोच लिया था कि नेहा के नाम यह फैक्ट्री धीरे धीरे कर देगा , जिससे नेहा को कभी यह एहसास ना हो कि कोई उस पर एहसान कर रहा है । और नेहा की ड्राइविंग देखकर भी उसको विश्वास हो गया था अकेले आ जा सकती है ,जब उनका पूरा काम खत्म हो जाता है तो वह नेहा से कहता है नेहा अब घर के लिए चलना पड़ेगा होटल तो सारी बंद है खाना बनाना है नेहा मुस्कुरा देती है और कहती है अब आपको मेरी जगह चलना है और वहां जाकर आपको कोई भी प्रश्न करने की इजाजत नहीं है ,इसको देख कर बड़ा आश्चर्य होता है वह कहता है कि कल फिर आ जाऊंगा,
रोजी को भी भूख लगी होगी , मैंने उसे खिला दिया है थोड़ा सा लाई थी , आपको मेरे साथ चलना होगा ।
सरिता के क्लीनिक के आगे गाड़ी रोक देती हैं जेसे रोहित कुछ कहने वाला होता है नेहा उसको बोलने नहीं देती , नेहा के पीछे पीछे चलता है । डॉक्टर सरिता नेहा और रोहित को देखकर सरप्राइज हो जाती है , डॉक्टर सरिता नेहा से बैठन का बोल कर रोहित को देखती है , हेलो जी क्या हाल है आपके , रोहि त मुस्कुरा देता है ,
रोहित को अपने साथ लेकर सरिता बिना कुछ कहे रोहित को ले जाती है , नेहा देखती रह जाती हैं
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