निर्णय
घर पहुंच कर नेहा गाड़ी से उतरती है , लेकिन रोहित गाड़ी में बैठा रहता है और वह रोजी को गेट खोल कर नेहा को दे देता है , नेहा समझ जाती है कि रोहित अब नहीं आएगा , लेकिन वह चाह कर भी रोहित से अंदर आने के लिए नहीं कह पाती , रोहित मुस्कुराते हुए रोजी से बाय कर के चला जाता है , नेहा हतप्रभ सी उसी जाते हुए देखती रहती है, रोजी के रोने पर एकदम चौक जाती है ,और फिर वह घर के अंदर गेट खोल कर आती है ।
वह कुछ समझ नहीं पा रही थी ,कि इतना कुछ उसके लिए क्यों किया गया , क्या अंजली जी ने उसे इस किराए पर देने वाली कोख के बदले यह सब किया लेकिन फिर उसे लगा कि यह सब भी शायद बहुत ज्यादा है ,उसके बदले में लेकिन अपने मन में उमड़ते सवालों का जवाब किससे मांगे ।
कुछ देर आराम करने के बाद रोज़ी और खुद के लिए खाने का बना कर खा पीकर नेहा और रोजी सो जाते हैं ।
शाम को जब नेहा सो कर उठती है तो फिर से वही सवाल उसके दिमाग में घूमने लगते हैं , और वह सर दर्द से परेशान हो जाती है , आखिर वह इन सवालों का उत्तर किससे मांगे , या उसे इन पैसों के बदले में उन लोगों के लिए क्या करना पड़ेगा ,अब धीरे-धीरे नेहा को एक अनजाना सा डर सताने लगता है । सोच सोच कर नेहा की तबीयत खराब होने लगती है, दूसरे दिन तक उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है ।
दूसरे दिन रोहित किसी कागज पर साइन कराने के लिए नेहा के घर आता है , काफी देर बेल बजाने के बाद अंदर से कोई आहट सुनाई नहीं देती , रोहित को भी थोड़ी सी घबराहट होती है , फिर वह नेहा को फोन लगाना चाहता है , लेकिन उसके पास नंबर नहीं होता , थोड़ी देर वह परेशान सा खड़ा रहता है , फिर वह अंजलि को फोन लगाकर अंजलि से नेहा का नंबर मांगता है । उसके बाद जब नेहा को फोन लगाता है तो काफी रिंग जाने के बाद भी नेहा फोन नहीं उठाती , रोहित को अब कुछ अनजाना सा डर लगने लगता है , वह वापस phone करता है , अब बड़ी मुश्किल से नेहा उसका कॉल रिसीव करती है लेकिन वह कुछ बोल नहीं पाती , रोहित कहता है गेट खोल दो ,नेहा बड़ी मुश्किल से गेट खोलती है , और बेहोश होकर गिर जाती है , नेहा की हालत देखकर रोहित घबरा जाता है सबसे पहले नेहा को उठाकर ले जाता है और बेडरूम में मिटा देता है , अंजलि को फोन करके वहां जल्दी बुलाता है , और फैमिली डॉक्टर को भी वहां बुलाता है । रोजी भी रो रही होती है बड़ी मुश्किल से रोज़ी को चुप कराने की कोशिश करता है , इतने में अंजली आ जाती है और नेहा की हालत देखकर घबरा जाती है , रोहित से वह कुछ पूछती , इसके पहले ही डॉक्टर वहां आ जाते हैं और नेहा का चेकअप करने के बाद बोलते हैं ,उसका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है ,शायद उसे कोई बहुत टेंशन है ,इनकी थोड़ी सी केयर करनी पड़ेगी और दवाई लिखकर रोहित को दे देते हैं रोहित ड्राइवर को भेजकर दवा मंगवाते हैं, रोहित समझ रहा था अंजलि के मन में ढेर सारे प्रश्न है, रोहित अंजलि से कहता है बैंक में कुछ कागज देना थे , इसलिए वह नेहा से साइन कराने के लिए यहां आया था ।
अंजलि रोजी को कुछ खिलाने लगती है , और नेहा के लिए भी कुछ बनाती है, क्योंकि नेहा टेबलेट देने के बाद बहुत गहरी नींद में सो जाती है , अंजलि को वहीं छोड़कर रोहित कुछ देर में वापस आने की बोल कर चला जाता है ।
कुछ घंटे के बाद नेहा जाग जाती है और अंजलि जी को वहां देख कर चौक जाती है दीदी आप यहां कैसे??
अंजली हंसते हुए कहती है मैं यहां कैसे इस बात को छोड़ो , लेकिन मुझे यह बताओ कि इतनी तबीयत खराब हो रही थी , तो तुम दीदी को फोन लगाकर नहीं बता पाई ,मैं तुमसे बहुत नाराज हूं ,अगर आज रोहित यहां नहीं आते तो हमें तो तुम्हारे बारे में कुछ पता ही नहीं चलता ।
नेहा सर झुका कर सुनती रहती है , कुछ खाने का देकर अंजलि नेहा से कहती है अब यहां रहने की जरूरत नहीं है जब तक तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं हो जाती तुम हमारे साथ रहोगी । इतने में रोहित भी आ जाता है और अंजलि रोहित से कहती है मैंने सही कहा ना ।
रोहित हंसकर कहता है मैं तुम दोनों बहनों के बीच में नहीं पड़ना चाहता ,अगर वही चलना है तो, जल्दी करो अब घर चलते हैं ।
अंजलि रोजी और नेहा के कपड़े पैक करके गाड़ी नेहा को पकड़कर चलती
अभी तक आपने पड़ा नेहा का बैंक वाला लोन और उस मकान पर उठाया गया उधार पैसा यह सब रोहित चुका देता है
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