**नेक नीयत** – आसिफ त़ालिब शेख : Moral Stories in Hindi

बीरजू अभी कुछ ही वर्षों पहले कमाने के लिए शहर आया था उसे पैसों की बहोत ज़्यादा ज़रुरत थी क्योंकि अब उस की बहन के विवाह को कुछ ही माह बचे थे अभी तक उस ने अच्छा ख़ासा पैसा जोड़ लिया था परंतु इतने पैसे काफी नहीं थे वो तो भाग्य का साथ था कि शहर आते ही उसे एक अच्छे होटल में वेटर का काम मिल गया और वेतन भी उस के लिए ठीक ठाक था उस के खान पान का खर्चा निकाल कर भी थोड़ी बहुत बचत हो जाती थी लेकिन उस के लिए उसे अपनी कई इच्छाएं मारनी पड़ती थी।

उसी की भांति और भी बहुत से लोग‌ शहर में पैसा कमाने आए थे सभी के अपने अपने स्वप्न थे कभी कभी इन मे से कूछ इसी होटल में भोजन हेतु आ जाया करते थे सो उन से बीरजू की थोड़ी बहुत जान पहचान हो गई थी उसी में ये दम्पति भी थे जो कीसी बड़ी कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत थे लेकिन अभी कुछ कारोबारी कारण वश कंपनी घाटे में चल रही थी और कई दिनों से इन लोगों की पगार रुकी हुई थी अब तो खाने के भी लाले पड़ने लगे थे।

अरे भाई बीरजू उन्होंने एक कोने के टेबल पर बैठते हुए बीरजू को आवाज़ लगाई। ” जी बोलीए सर बीरजू आर्डर हेतु उन की ओर देखने लगा तभी उन मे से पती बीरजू को कान करीब लाने का इशारा करते हुए धीमी आवाज़ में बोला यहां सब से सस्ती जो डीश होंगी वो ले आओ बीरजू हक्का बक्का सा उन का मूंह ताकने लगा “साहब आप तो हमेशा वो महेंगी…….. हां भाई बीरजू अब वो महेंगी वाली चायनीज डीश या पनीर कोफ्ते खाने के दिन कहां रहें पती देव की आंखों में पानी तैर गया अब तो एक दिन फका एक दिन खाना ये नौबत आन पड़ी है भाई।

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उन्होंने ने सारी हकीकत बरजू के सामने रख दि बीरजू की आंखें भी नम हो गई। थोड़ी देर बाद बीरजू सब से सस्ती डीश ले आया वो दोनों दम्पति खामोशी से खाने लगे खाना ख़त्म करने के बाद उन्होंने बिल के लिए कहा एक दुसरा बैरा एक पर्ची लेकर उन के पास आया और कुछ पैसे थमाते हुए बीरजू की ओर इशारा करता हुआ चला गया।पर्ची पर लिखा था मेरी हैसियत के मुताबिक मैं आप लोगों के लिए इतना ही कर सकता हूं आप का बिल मेरी तनख्वाह से काट लिया जाएंगा और ये कूछ पैसे हैं शायद आप के काम आ जाए मुझ से ज्यादा आप को इन की जरूरत हो शायद।

दोनों दम्पति भीगी आंखों से बीरजू की तरफ देखते हुए हाथ जोड़ते हुए खामोशी से बाहर निकल गए।बीरजू ने ये बात जब अपने साथ काम करने वाले साथीयों को बताईं तो वे सब बहुत नाराज़ हूए कहेने लगे तेरी बहन की शादी करीब है तूझे पैसों की सख्त जरूरत है और तू बड़ा हातीम ताई बना फीर रहा है। लेकिन बीरजू के मन में एक अलग ही सूकून था वो अपने इस कार्य से बहुत खूशी महेसुस कर रहा था।

अगले दिन गांव से उस की बहन का फोन आया “भैय्या ये आप ने क्या किया?डरा सहमा बीरजू अटक अटक के बोला क्या की….या… म… मैंने छोटी वो एक दिन के भुके थे वही तो कह रही हुं भैय्या मुझे आप पर गर्व है आप का फेसबुक तो खोलिए आप की विडीयो वायरल हो गई है उस दम्पति ने आप की सहायता वाली विडीयो बना कर सोशल मीडिया पर डाल दी थी वो विडीयो वायरल हो गई।

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बीरजू ने अपना फ़ेसबुक खोला हर जगह वही था यु ट्यूब वाट्सप हर जगह बस बीरजू ही बीरजू जब ये विडियो उस के होटल मालिक ने देखा तो बीरजू का बील माफ कर दिया और कूछ पैसे भी दिए उस की मदद के लिए लोग दूर-दूर से बीरजू से मिलने आने लगे बीरजू की हकीकत पता चलते ही लोग उस की सहायता करने लगे आठ दस दिन में बीरजू के पास इतनी धन राशि जमा हो गई की अब वो अपनी बहन का विवाह धूमधाम से कर भी दे तो उस के पास हजारों रुपए बच जाने थे।

बीरजु आसमान की ओर रोते हुए देख कर नतमस्तक हो गया।।।

समाप्त

आसिफ त़ालिब शेख ( स्वरचित)

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