मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सपने मे नहीं सोचा था -राधा कुमारी : Moral Stories in Hindi

पत्नी के जाने के बाद आठ साल की बच्ची और दो बच्चों को पालना एक मर्द के लिए आसान नहीं होता है। बच्चों को पालने के लिए अपनी ही साली से छः महीने के अन्दर ही शादी कर ली। जैसे शादी कर के नयी मां यानी मौसी आयी उनका व्यवहार बदल गया।

वो हमे अपने साथ रखना नहीं चाहती थी। मै और मेरे बाद वाला भाई पाँच साल का था बिमारी की वजह से मौत से लड़ रहे थे। हमारी बिमारी किसी को लग ना जाये पापा ने अपनी बुआ के घर भेज दिया वहा ठीक तो हो गए लेकिन फिर से सौतेली मां के पास आ गए।

जिसे हम तीनो भाई बहन मम्मी कहते थे। मम्मी पेट से थी। मम्मी को लड़का हुआ मेरा एक और भाई। तीन महिने भी नहीं हुए मम्मी फिर से पापा से झगड़ा करने लगी। पापा ने हम दोनों भाई बहन को अलग अलग हॉस्टल में डाल दिया। दोनों हॉस्टल में रहना खाना पढ़ाई मुफ्त था।

जैसे तैसे मैं 16 की हो गयी 10वीं पास हो गई। अब तो सबकी नजरों में बड़ी हो गई गंदी नजरों से देखा करते ये बात मम्मी से बोलती मम्मी मुझपर ही उल्टा झुठा इल्जाम लगाती। मेरे चाचा जी शादी के लिए लड़का खोजे। लड़का पास के ही गांव का था।

परिवार भी अच्छा था। मम्मी को ये बात सहन नहीं हो रही थी उन्होंने मुझपर झुठा इल्जाय लगाया की हम दोनो यानी ( जिससे शादी होने वाली ) का पहले से ही अफेयर है। ये बात पुरे गाव मे शोर मचाकर कहने लगी। मेरा दम घुट रहा था

मै घर से निकल गयी ये सोच कर निकली कहीं ऐसी जगह मरूंगी मेरी लाश भी इन लोग को नसीब ना हो। भरी दोपहर मे नदी के किनारे पर चल रही थी गर्मी की मौसम की वजह से नही भी सूख गयी थी। मैं नही किनारे पर बैठ रोने लगी

अपनी किस्मत पर तभी मुझे याद आया ससुराल वाले अच्छे है पति भी अच्छा है शादी के बाद बुरे दिन खत्म हो जायेंगे। मै वापस घर आ गयी घर आते ही मम्मी फिर से शुरू हो गई। ससुराल वालों को फोन कर के मुझे चरित्रहीन साबित करने लगी।

ससुराल वाले शादी के लिए मना करने लगे तो मै होने वाले पति से अपनी पुरी जिन्दगी के बारे में बता दिया। उन्होंने कहा शादी के बाद कोई दुःख नही देगा तुम हमारे घर मे राज करोगी। किसी तरह शादी हो गयी। दहेज मे बहुत कुछ ससुराल वालो ने मागा था।

पर पापा ने कुछ दिया ही नहीं। पापा ने कहा कुछ दिन बाद सब सामान पंहुचा दिया जायेगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मेरे हालात अब पहले से भी ज्यादा खराब हो गई थी जो पति रानी बना कर रखने की बात कही थी आज मुझसे पिछा छुड़ाना चाहते हैं।

चार महिने के अन्दर ही मुझे मायके छोड़ आये। मां घर से निकाल दी। मैं दो महिने की गर्भवती थी ये बात जब पति को पता चली तो वो मुझे वापस घर ले आये। मुझे बुखार था मैंने बुखार का दवा मांगा तो उन्होंने गर्भपात की दवा खिला दिया।

बच्चा गिरने के बाद मैं अधमरी सी हो गई थी। पति कुछ काम करता नही था तो घर वालो ने पति के साथ घर से बाहर कर दिया। पति मुझे किराए के रूम में अकेला छोड़कर चले जाते। वापस ससुराल आकर रहने लगे। मैंने खुद को सम्भाला और नौकरी नौकरी ढुंढी।

मुझे प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी मिली 1500 रुपये महीना। मैं खुश होकर पति को फोन की मुझे नोकरी  मिल गई चार दिन बाद वापस आये। जब सैलरी बताई तो फिर से उसी तरह का व्यवहार करने लगे। ज जॉब करते एक साल हो गए

घर मे ननद की शादी थी सबने बुलाया तो मैं वापस आ गई। शादी बीतने के कुछ दिन बाद ही पति बोले मुझे गार्ड की नौकरी मिल गई है तुम हमारे साथ चलो हम दोनो वही रहेंगे। बाइक से चार घंटे का सफर तय कर के शहर पहुंचे एक सुनसान जगह पर रोक कर बोले मै बाथरूम कर के आता हूँ।

उनके जाने के दो मिनट बाद ही एक कार आकर खड़ी हो गई उसमे दो महिला तीन मर्द थे। वो मुझे जबरदस्ती अन्दर बिठाने लगे तभी पुलिस आ गयी और वो लोग भाग गए। पुलिस वाले पुछताछ करने लगे कुछ ही देर मे पति भी आ गए

मैंने पुलिस से कुछ नहीं कहा। पुलिस वाले पति से पता नही कहा उस दिन से आज तक मैं ससुराल मे रहती हूं। मेरे मायके से चारों भाई (दो सगे और दो सौतेली मा के ) आते हैं उन चारों में सगा भाई जैसा प्यार हैं। मुझे बहुत प्यार करते है। अभी सब छोटे है। पर आज तक सास ससुर मुझे अपना नही पाये है। मै सास ससुर की सेवा मा पापा समझ करती हुँ । मुझे उम्मीद है सास ससूर भी बहु मान ही लेंगे । 

                            मेरी सक्षिप्त 

                                   आपबीती

राधा कुमारी 

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