जैसे ही रिया ऑफिस से घर आई देखा सुमन भाभी ( जेठानी)और सासू मां के बीच खूब तकरार चल रही थी। अक्सर ही इस तरह की तकरार का सामना उसे करना पड़ जाता था। रिया को बड़ा अजीब लगता कि सुमन भाभी कितना भी काम कर ले लेकिन सासू मां को उनका कोई काम पसंद ही नहीं आता था।
उनके काम में हमेशा मीन मेख निकाल ही दी जाती थी। सुमन भाभी दिल की बहुत अच्छी थी उसका खूब ख्याल रखती थी वैसे भी अभी रिया की शादी को तीन-चार महीने ही हुए थे । जिस तरह से भाभी घर को सम्भाल रही थी, सबका ख्याल रखती थी और उसे प्यार देती थी रिया तो उनकी बहुत इज्जत करती थी।
रिया हनीमून पर गई तब भी भाभी के लिए बहुत सुंदर साड़ी लेकर आई और पिछले महीने भी तनख्वाह मिलने पर भाभी को उसकी पसंद की साड़ी दिलाई। रिया जानती थी कि भाभी की वजह से ही वह ऑफिस में समय पर पहुंच पाती है और उसी के प्यार से ही वह धीरे-धीरे घर का काम करना भी सीख रही है।
वह जानती है कि अगर भाभी काम करना बंद कर देंगी तो उसे ऑफिस जाने में बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी। वैसे भाभी की खास बात यह भी थी वह प्यार देती भी थी और प्यार लेना भी उन्हें खूब आता था। खाना बनाने में हेल्प भी करती थी और बाकी चीजों का ध्यान भी रखती थी। कभी-कभी जब कुछ अच्छा खाने का मन होता था तो रिया को फोन भी कर के भी बोल देती थी ऑफिस से आते हुए लेती आना ।
कभी-कभी जैसे ही रिया घर पहुंचती चाय पीते ही भाभी बोलती आज रात का डिनर की सारी तैयारी कर रखी है मैंने चलो थोड़ी देर बाजार घूम के आते हैं उनका इस तरह से साधिकार बोलना रिया को बहुत भाता था। वह दोनों बाजार जाती घूम फिर खा पी के आती और आते ही खाना तैयार होता था तो वह दोनों मिलकर सबको परोस देती और हाँ मम्मी की पसंद की चीज लाना तो वह कभी नही भूलती।
इस तरह से दोनों एक दूसरे का साथ निभाते हुए घर गृहस्थी को बड़े मजे से चला रही थी। लेकिन शायद सासू मां को यह बात बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह रिया को तो कुछ कहती नहीं थी क्योंकि रिया फट से जवाब दे देती थी लेकिन भाभी को बहुत कुछ सुनना पड़ता था और जब भी वह भाभी को कुछ सुनाती थी रिया को बहुत बुरा लगता था।
धीरे-धीरे सासू मां ने उन दोनों के बीच में भी फर्क करना शुरू कर दिया था जिसे रिया को उनकी बात बहुत खटकती थी क्योंकि दोनों भाइयों में भी अच्छी बनती थी और छोटे भतीजे राहु में तो उसके पति सुनील की जान बसती थी । रिया यह भी जानती थी कल को बच्चे होंगे तो सुमन भाभी ही बच्चों को घर में संभालेंगी ।
इसलिए वह भी सबसे बहुत प्यार जताती थी। लेकिन आज जो घर का माहौल बिगड़ा हुआ था तो समझ नहीं आ रहा था कि क्या बात हो गई भाभी ने फोन करके आज मिठाई मंगवाई थी रिया से। शायद वह बहुत खुश नजर आ रही थी और यही वजह थी कि उनकी पसंदीदा मिठाई लाने के लिए रिया को बहुत दूर जाना पड़ा और ऑफिस से वह बहुत लेट हो गई थी घर आने में।
घर के माहौल को देखते हुए उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वह कैसे तो मिठाई निकाले । हिम्मत करके उसने अपनी सास से पूछा, “मम्मी जी क्या बात हो गई आज किस बात पर बहस चल रही है ” उन्होंने जवाब दिया ,”रिया तुम्हारी वजह से घर में बहुत क्लेश हो रहा है और अच्छा हो तुम अपनी घर गृहस्थी अलग से बसा लो ताकि हमारे इस घर में शांति बनी रहे ।
” रिया तो यह सुनकर हैरान रह गई कि उसकी वजह से क्या हुआ । इतने में अनिल और सुनील भी आ गए बातों बातों में पता चला की मम्मी को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं है कि सुमन भी धीरे-धीरे सही को सही और गलत को गलत कहने लगी है । पहले वह चुपचाप सुनती रहती थी अब रिया के आने के बाद वह भी अपनी बात कहने लगी थी।
सारी बात जानकर रिया ने कहा मम्मी जी आपको तो खुश होना चाहिए कि आपकी दोनों बहूओं में इतनी अच्छी अंडरस्टैंडिंग है । उन्होंने अपने आप को एक दूसरे के साथ एडजस्ट कर लिया है। मैं मानती हूं कि भाभी को घर का काम करना पड़ता है लेकिन मेरे से जो बन पड़ता है मैं करती हूं और शायद यही वजह है की भाभी ने कभी मुझे कुछ नहीं कहा ।
हमारे बीच पढ़ाई का भेदभाव हो सकता है, पैसे को लेकर भेदभाव हो सकता है लेकिन यह छोटी-छोटी बातें हैं जो हमारे भेद हैं। इस को आप मत भेद में मत बदलिए। घर को खुशियों से सरोबार ही रहने दीजिए । भाभी को कोई एतराज नहीं है और जिस दिन भाभी को ऐतराज होगा वह मुझसे जो कहेंगे तो मैं उनकी हर बात मानने के लिए तैयार हूं । लेकिन घर की सुख शांति के लिए कृपया हम दोनों के बीच में मतभेद मत पैदा कीजिए। कुछ सोचिए कहकर बेटे भी चले गए।
नीलम नारंग मोहाली