“चल बहन जल्दी से तैयार हो जा आज मैं तुझे लेने आया हूं”नितिन ने अपनी बहन चांदनी से कहा तो वह अपने घर जाने की तैयारी करने लगी थी चांदनी पढ़ी लिखी और बेहद संस्कारी युवती थी जिसे गाड़ी चलाने का बेहद शौक था कुछ समय पहले ही उसकी शादी एक भरे पूरे परिवार में हुई थी
जिसमें उसकी सास विमला ससुर वेदप्रकाश जेठ मोहित जेठानी मोनिका पति राकेश सभी मिलजुल कर रहते थे उसके ससुर पति और जेठ तीनों नौकरी करते थे और सास आराम से घर पर दिनभर टीवी देखती रहती थी जबकि जेठानी और वह घर पर रहकर घर का काम करती थी फिर भी उसकी सास उससे ज्यादा उसकी जेठानी को ही पसंद करती थी
जिसका कारण यह था कि उन्होंने अपने घर में एक गाय पाल रखी थी जिसके चारा पानी से लेकर उपले बनाने तक का सारा काम उसकी जेठानी ही करती थी जब जेठानी कहीं जाती थी तो राकेश और मोहित गाय की सेवा कर दिया करते थे।
एक दिन नितिन किसी काम से उसी शहर में आया जिसमें उसकी बहन की शादी हुई थी तब वह थोड़े समय के लिए अपनी बहन से मिलने उसकी ससुराल आया तो ऐसे ही बातों बातों में उसने उसकी जेठानी से कह दिया था “दीदी किसी दिन चांदनी के साथ हमारे घर भी आओ ना मम्मी आपको बहुत याद करती हैं।
“यह सुनकर विमला गुस्से में बोली”देख बेटा यदि तेरी मम्मी का चांदनी और मोनिका से मिलने का मन करता है तो तू ऐसा कर चांदनी को आज ही अपने साथ ले जा हमें इसकी कोई जरूरत नहीं है इसे तो बस गाड़ी चलाने का शौक है घर का काम तो मोनिका भी कर लेगी भला इसके इस शौक से हमें क्या फायदा?
मोनिका तो घर के काम के साथ-साथ दिन भर गाय की सेवा भी करती है गाय का चारा पानी और दूध का काम तो राकेश और मोहित भी कर देंगे परंतु, गोबर के उपले कौन बनाएगा? इसलिए मोनिका तेरे घर नहीं जाएगी।
सास की बात सुनकर चांदनी की आंखों से आंसू बह निकले थे जिन्हें देख कर नितिन दुखी स्वर में बोला”अब तो मैं किसी काम से वैसे ही आया था तुम तैयार रहना कुछ दिन बाद मैं तुम्हें लेने आ जाऊंगा तुम दुखी मत हो संसार में कोई काम बुरा नहीं होता बस वक्त आने पर ही उसकी कीमत मालूम होती है।”यह कह कर वह चांदनी को प्यार से समझा कर अपने घर चला गया था।
कुछ दिन बाद एक दिन जब चांदनी के पति ससुर और जेठ सभी ऑफिस गए हुए थे तब विमला खाना खाकर आराम से सोफे पर लेट कर ड्राइंग रूम में टीवी देख रही थी तभी अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह सोफे से नीचे गिर पड़ी थी उनके गिरने की आवाज सुनकर चांदनी जब ड्राइंग रूम में आई तो अपनी सास की हालत देखकर वह उन्हें तुरंत गाड़ी में बिठाकर अस्पताल ले गई थी और डॉक्टर से चेकअप करा कर उनका अच्छी तरह से इलाज करवाया थोड़ी देर बाद जब उनकी तबीयत में सुधार आया तो डॉक्टर मुस्कुराते हुए उनसे बोले “अच्छा हुआ आपकी बहू आपको सही टाइम पर अस्पताल ले आई यदि थोड़ी सी भी देर हो जाती तो आपकी जान भी जा सकती थी।”
डॉक्टर की बात सुनकर हर वक्त बड़ी बहू का गुणगान करने वाली विमला आज गर्व से चांदनी की तरफ देखने लगी थी ।जब चांदनी के ससुर जेठ और पति को विमला की तबीयत खराब होने के बारे में पता चला तो वे भी घबराते हुए अस्पताल पहुंच गए थे अस्पताल पहुंचने के बाद जब उन्होंने विमला की तबीयत में सुधार देखा तो विमला मुस्कुराते हुए बोली”आप सबको मेरी चिंता करने की जरूरत नहीं है अब मैं ठीक हूं कितनी गुणी और समझदार बहू मिली है मुझे मेरी हालत देखकर तुरंत अस्पताल लेकर आ गई।”
विमला की बात सुनकर सभी प्यार से चांदनी की तरफ देखने लगे थे । एक-दो दिन बाद जब विमला की तबीयत बिल्कुल ठीक हो गई तब उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। घर आने के बाद विमला की दवाई खानपान और अस्पताल में चेकअप का ध्यान चांदनी ही रखती थी जिसके कारण उसके ससुर जेठ और पति बेफिक्र होकर ऑफिस चले जाते थे एक दिन नितिन विमला को देखने आया तो उसे उनकी कही हुई यह बात याद आ गई थी कि” तू आज ही इसे अपने साथ ले जा इसका शौक हमारे किस काम का?”
सास की कही बात को याद करके जब नितिन ने चांदनी से घर चलने को कहा तो उसकी सास की आंखों में आंसू आ गए थे दुखी स्वर में वह नितिन से बोली “बेटा यह तेरे साथ चली जाएगी तो मेरा ख्याल कौन रखेगा? बड़ी बहू तो इतनी पढ़ी-लिखी नहीं है कि वह पढ़कर मेरी दवाई भी दे दे ..मुझे गर्व है मेरी बहू पर… बेटा पिछली बार जो मैंने तुझे कहा था उसके लिए मैं तुझसे और चांदनी से माफी मांगती हूं …चांदनी तेरे साथ नहीं जाएगी यह मेरे पास ही रहेगी बाद में फिर कभी इसे दो-चार दिनों के लिए अपने साथ ले जाना अभी मुझे इसकी जरूरत है।”
“मौसी जी आप रो मत ये आंसू नहीं मोती है जो पश्चाताप के कारण आपकी आंखों से बह रहे है मुझे खुशी है आपको चांदनी के शौक की कीमत तो पता चल गई मैं चांदनी को बाद में ले जाऊंगा फिलहाल यह आपके पास रहेगी”सास की बात सुनकर नितिन ने मुस्कुराते हुए कहा तो उन्होंने प्यार से चांदनी को गले से लगा लिया था।
बीना शर्मा
#आंसू बन गए मोती