हैलो ! कामिनी कैसी है – सुदर्शन सचदेवा :  Moral Stories in Hindi

सुबह ६ बजे ही फोन कर दिया | रवि ने फोन उठाया | हां जी मम्मी जी ! बोलो  ! आवाज़ में नींद भरी हुई थी, प्लीज़ सोने दिजिए , बाद में फोन करना | सुबह सुबह नींद खराब कर दी , एक तो रात को देर से आता हूं और अब……… कामिनी ! इधर आओ , गुस्से में बोले | रात को अपना फोन स्विच ऑफ करके सोया करो !  क्या हुआ ? 

उधर मम्मी जी,  सकपका गई  | पापा ने पूछा , तो नाराज़ होकर कहा – अब तो मैं अपनी बिटिया से भी बात नहीं कर सकती | एक बात बता – तुम्हें अपनी गलती का एहसास तो हो नहीं रहा ऊपर से भला बुरा कह रही हो | 

पापा ने समझाया , अब वो ससुराल में है, उसका अपना परिवार है, उसकी भी कुछ जिम्मेदारियां है |

उधर सुबह सुबह ही कामिनी की मम्मी का फोन आ जाता है, यह बात ठीक है क्या ?  हर रोज़ पता नहीं क्या सिखाती होगी , नाश्ता करो तब , लंच का टाईम होगा तब | धीरे धीरे बात फैलने लगी | रवि भी कामिनी से ठीक तरह बात नहीं कर रहा था , तो उसके लिए  मुश्किल स्थिति होती जा रही थी, वो मां को भी ठुकरा नहीं सकती और ससुराल में भी बसना चाहती है | काश! मां समझ पाती , मैनें क ई बार कहा है कि जब मैं फ्री हो जाऊंगी तो मैं फोन कर दूगीं | 

कामिनी ने पापा को फोन किया और कहा – मम्मी को समझाओ मुझे फोन न किया करे क्योकि सब सोचते हैं कि कोई पट्टी पढा़ती रहती है , ऐसा न किया कर वैसा किया कर | हमारी रोज़ ही बहस हो जाती है, इससे तो दिलो में खटास आ रही है और मेरे से सब नाराज़ है  |

मैं तो चाहती हूं कि मेरी अभी अभी शादी हुई है मैं अपने नये घर में प्यार से सबका दिल जीत लूं मगर यहां तो उलटा ही हो रहा है |  हर रोज़ फोन आने से मेरी आंखो में आंसू आ जाते हैं, मेरी चिंता और उलझन बढ़ने लगी है | पापा आप समझा देना |

काश! मम्मी समझ पाती |

कौशल्या इधर आओ ! तुम्हें नहीं लगता कि तुम कामिनी की लाइफ में कुछ ज्यादा ही इन्टरफियर कर रही हो , उसको भी तो घर बसने दो | बार बार फोन करने से मिस अंडरस्टैंडिंग हो सकती है उसका घर टूट सकता है | 

मैनें ऐसा क्या कर दिया , एक फोन ही तो करती हूं , जो तुम कर रही हो क्या ये ठीक है , अपने ऊपर बात रख कर सोचना , कल को साहिल की सास ऐसे करे तो तुम क्या सोचोगी |

माता पिता को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए |समय मिलने पर खुद संपर्क करेगी | एक समान दूरी, जो सम्मानजनक हो रिश्तों  को मजबूत करती है | बेटी के लिए हमारा आशीर्वाद और विश्वास ही सबसे बड़ी ताकत होती है | बस थोड़ स्पेस दें ताकि वो अपने नये जीवन की नींव मजबूती से रख सके |

 एक सच्चा प्यार ! यही समझदारी है | यही बिटिया के लिए  सुंदर उपहार भी | 

कौशलया ! ऐसा कोई काम मत करो जो ससुराल वालों को अच्छा न लगे | क्योकि हमने बिटिया का घर बसाना है , कभी कभी गलतफहमी रिश्तों को तोड़ देती है | 

ठीक है | श्रीमान जी ! 

” बिटिया का घर बसने दो ” खिलखिलाकर हंसने लगे |

यही समझदारी है !

सुदर्शन सचदेवा 

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