पाखी वर्मा परिवार की छोटी बहू| बहुत ही खुश मिजाज और चुलबुली, लेकिन आज पाखी कुछ ज्यादा ही खुश है| सुबह से गुनगुनाए जा रही है| उसे यूँ गुनगुनाते हुए चाय बनाते देख उसकी जेठानी वृंदा ने उसे छेड़ा, “क्या बात है! आज तो लगता है कोई बहुत खुश है| गुड न्यूज़ है क्या?”
“हाँ, भाभी गुड न्यूज़ तो है| मैं ऑफिस से आकर खुद ही सबको बताऊँगी| तब तक प्लीज आप किसी से कुछ मत कहना|” वृंदा से रिक्वेस्ट कर पाखी ऑफिस चली गई| लेकिन वृंदा से रहा ही नहीं जा रहा था| आखिरकार उसने अपनी ननद मिनी से कहा “मिनी, पता है पाखी की गुड न्यूज़ है|”
“क्या बात कर रही हो बड़ी भाभी, सच में?”
“हाँ-हाँ सच, उसने खुद मुझसे कहा है| लेकिन, तुम किसी को मत बताना| उसने कहा है वह ऑफिस से आकर खुद ही सबको खुशखबरी देगी|”अपनी बात कहकर वृंदा तो वहां से चली गई लेकिन अब मिनी के पेट में दर्द होने लगा| उसे यह बात किसी को तो बतानी थी सो वह अपनी माँ शीला के पास गई ” माँ, आपको पता है छोटी भाभी की गुड न्यूज़ है|”
“क्या! सच कह रही है तू ?”
“हाँ,माँ| उन्होंने खुद ही बड़ी भाभी को बताया है|”
“तेरे मुँह में घी शक्कर| मैं अभी भगवान को प्रसाद चढ़ा कर आती हूँ| उनका लख-लख धन्यवाद|”
“माँ, तुम्हें जो करना है सो करो| बस किसी को बताना मत| छोटी भाभी ऑफिस से आकर खुद ही सबको बताएगी|” ऐसा बोल अपना पेट हल्का कर मिनी कॉलेज चली गई|
शीला ने घर के मंदिर में भोग लगाया| लेकिन उसके पेट में यह बात पच नहीं रही थी इसलिए उसने अपनी समधन को फोन मिलाया “मुबारक हो, समधन जी| हमारी पाखी की गुड न्यूज़ है|”
“आपको भी मुबारक हो| लेकिन पाखी ने मुझे तो कुछ नहीं बताया|”
“बताया तो उसने मुझे भी नहीं है| मुझे तो मिनी ने बताया और उसे बड़ी बहू ने| मिनी बोल रही थी कि पाखी ऑफिस से आकर खुद ही सब को बताएगी इसलिए आप अभी किसी से कुछ मत कहना|” यह कह कर उन्होंने फोन रख दिया|
इसी तरह धीरे-धीरे यह खबर पाखी के पीहर और ससुराल में आग की तरह फैल गई| उसके भैया-भाभी,माँ-पापा, दीदी-जीजाजी,चाचा-चाची सभी उसे सरप्राइज देने उसके घर आ गए| शाम में पाखी ऑफिस से आई और आदतानुसार तेजी से सीढ़ियाँ चढ़ने लगी|
उसे इस प्रकार जल्दी-जल्दी सीढ़ी चढ़ते देख उसकी सासू माँ से ना रहा गया और उन्होंने उसे टोक दिया “पाखी बेटा, ऐसी हालत में इतनी जल्दी-जल्दी मत चढ़| आराम से धीरे-धीरे चढ़ |”
“ऐसी हालत में! कैसी हालत में? क्या हुआ मुझे?” उसने चौंकते हुए पूछा|
“अब हमसे मत छुपा| हम सबको पता है कि तुम्हारी गुड न्यूज़ है| मैं मामी बनने वाली हूँ|” उसकी भाभी ने उसे गले लगाते हुए कहा|
“एक मिनट भाभी, आप सब यहाँ कैसे और आपसे किसने कहा कि आप मामी बनने वाले हो?”
“दीदी ने| पाखी की बड़ी बहन की ओर इशारा करते हुए उसने कहा|”
“मुझे तो माँ ने बताया|”
“मुझे समधन जी का फोन आया था|”
“मुझे तो मिनी ने कहा|”
“
मुझे बड़ी भाभी ने सुबह बताया|”
“और भाभी,आपको यह किसने बताया कि आप ताई बनने वाले हो?” पाखी ने अपनी जेठानी वृंदा की ओर देखते हुए मुस्कुराते हुए पूछा|
“तुमने ही तो सुबह किचन में बताया था कि गुड न्यूज़ है|”
“हाँ, मेरी प्यारी भाभी मैंने यह कहा था कि गुड न्यूज़ है पर यह थोड़ी ना कहा था कि मैं माँ बनने वाली हूँ|”
“क्या मतलब? क्या तुम प्रेग्नेंट नहीं हो? वृंदा ने कंफ्यूज होते हुए पूछा|
“नहीं और गुड न्यूज़ यह है कि हमारा होम लोन अप्रूव हो गया है| इसलिए रिंग रोड वाला बड़ा फ्लैट जो पापा जी ने पिछले महीने देखा था अब हम आराम से खरीद सकते हैं| यह रहे फ्लैट के पेपर्स| बस पापा जी के साइन करने की देर है|”
“हे भगवान! यह थी खुशखबरी और मैं क्या से क्या समझ बैठी|” वृंदा ने सिर पर हाथ रखते हुए कहा|
“हाँ, भाभी फ्लैट के पेपर्स आज शाम को मिलने वाले थे इसलिए मैंने आपसे किसी को भी कुछ भी बताने से मना किया था|”
“पर इन औरतों के पेट में बात नहीं पची और सरप्राइज देने की जगह हमारी पाखी खुद ही सरप्राइज हो गई|” पाखी के ससुर जी ने हँसते हुए कहा| उनकी इस बात पर सभी खिलखिला पड़े|
लेखिका- श्वेता अग्रवाल, (Shweta Agarwal) धनबाद, झारखंड
शीर्षक-गुड न्यूज़
कैटेगरी- लेखक/लेखिका बोनस प्रोग्राम