कपिल-राशि मेरी घड़ी कहाँ है, मेरी पर्स भी नहीं दिख रही ।
राशि-आ रही हूँ । राशि रसोईघर से भागती हुई कमरे की ओर दौड़ी ।
कपिल-घर में इतने नौकर है लेकिन जब देखों किचन में घुसी रहती हो, मेरी चीज़ों का कोई ध्यान नहीं है तुम्हें। शादी करके क्या तुम्हें देखने के लिए लाया हूँ ।
राशि (घबराते हुए)-मैं तो बस अचार धूप में रखने गई थी , और आपका सारा समान मैं रात में ही एक जगह रख देती हूँ (कपबोर्ड की ओर इशारा करते हुए)
कपिल-जाओ बनाओ अपना अचार, मैं ख़ुद ले लूँगा। पता नहीं अचार बनाकर कौन सा पिकल क्वीन बन जाएँगी ।
कपिल की बात सुन आज राशि बहुत दुखी हो गई। उसे वो दिन याद आ रहा था जब कपिल का रिश्ता आया था घर परिवार में सब इतने खुश थे कि लड़की की तो किस्मत खुल गई इतने बड़े घर से रिश्ता आया है राशि को तो पांचों उँगलियाँ घी में हो गई । कपिल अपने ख़ुद की फ़ूड इंडस्ट्री में असिस्टेंट डायरेक्टर की पोस्ट पर था यही सब देखकर राशि की जूनियर असिस्टेंट की जॉब छुड़वाने के लिए कह दिया गया और राशि ने भी सबकी बात मानकर अपनी जॉब से इस्तीफा दे दिया।
शादी के बाद इतने बड़े घर में अकेले वो बोर हो जाती है। उसे खाना बनाना, अचार पापड़ बनाने का भी बहुत शौक है, पर कपिल उसे वो भी पूरा नहीं करने देता है।
मालकिन नाश्त। तैयार है। ये सुन राशि चौंक गई और धीरे से बोली आप प्लेट से ढक दीजिए मैं थोड़ी देर में कर लूंगी ।
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थोड़ी देर बाद राशि उठी थोड़ा नाश्ता किया फिर बालकनी में जाकर बैठ गई। तभी कपिल का फ़ोन आया-राशि आज शाम मेरे ऑफिस से 7-8 लोग डिनर पर आयेंगे, तो रघु (घर का नौकर) से जरूरत का सामान मंगवा लो और अपनी देख रेख में खाना तैयार करवा लेना, पर तुम नहीं बनाना। तुम बढ़िया से रेडी हो जाना हमारे क्लाइंट की वाइफ भी तुमसे मिलना चाहती है।
राशि ने हामी भरी और बालकनी से नीचे की ओर आकर रघु को आवाज़ लगायी-भैया मैं समान की लिस्ट बना रही हूँ शाम को इनके ऑफिस से कुछ लोग डिनर पर आ रहे है ।
रघु (नौकर)-मालकिन पर आज सविता (खाना बनाने वाली) तो छुट्टी पर है और मैं तो अच्छा खाना बना नहीं पाता। अब क्या किया जाए।
राशि (मन में बुदबुदाते हुए)-अब क्या करूँ, मुझे भी खाना बनाने से मना कर दिया है । इनको कॉल करके बताती हूँ ।
राशि (फ़ोन पर)-सुनिए आज सविता दीदी छुट्टी पर है तो खाना कैसे बनेगा ।
कपिल-तो रघु है रामू है ये सब बनाएँगे, पर ध्यान रखना खाना लज़ीज़ होना चाहिए।
राशि मन ही मन कुछ ठानती है और सारी का पल्लू कमर पर खोसती हुई किचन में जाती है ।
रघु (नौकर)-मालकिन आप किचन में क्यों आई।
राशि-भैया आप मेरी मदद कीजिए आज खाना मैं बनाऊँगी और इनसे कहिएगा की खाना आप लोगों ने बनाया है।
राशि खाने में तरह तरह के व्यंजन बना देती है और रघु (नौकर) तो देखता ही रह जाता है। राशि खाना बनाकर कमरे में तैयार होने जाती है और अलमारी से पिंक कलर की सिल्क की बढ़िया सी साड़ी पहनती है और कान में इयररिंग और गले में पतला सा मंगलसूत्र । आज राशि बिल्कुल परी जैसी लग रही थी क्यूंकि रूप की धनी तो थी ही वो और आज हल्का सा मेकअप कर कहर ढा रही थी ।
शाम के 8 बजे डोर बेल बजती है तो राशि दौड़ती हुई दरवाजा खोलने जाती है। राशि जैसे दरवाजा खोलती है कपिल उसे देखता ही रह जाता है और साथ के लोगों की भी नजर जैसे थम सी जाती है।
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राशि सबको नमस्ते कर अंदर आने कहती है। सभी राशि से मिलकर अंदर आते है और अनीता (गेस्ट) राशि के गले लग कर कहती है-कपिल इस सो लकी हैविंग ए अडॉरबल वाइफ ।
राशि थैंक यू कहकर अंदर ले जाती है। राशि सबको बैठने का कहकर किचन की ओर बढती है पर कपिल को ये बात बहुत बुरी लगती है क्यूंकि उसने उसे किचन में जाने को मना किया था।
राशि- रघु भैया बस आप लोग फटाफट नान तैयार कर लेना । हो जाएगा ना ?
रघु (नौकर)-मालकिन सब तो आपने कर ही दिया है इतना तो हम कर ही लेंगे।
कपिल बाहर खड़ा ये सब सुन लेता है और गुस्साए हुए किचन में आकर राशि पर चिल्लाता है-तुम्हें मना किया था ना किचन में जाने को, फिर क्यों गई । तुमने कभी खाना नहीं बनाया है तो आज क्या ही बनाया होगा मेरी तो बेइज्जती हो जाएगी। इतना कह वो किचन से बाहर निकल जाता है ।
रघु (नौकर)-छोटा मुँह बड़ी बात, पर मालिक को #घर की इज़्ज़त हमारी मालकिन पर ऐसे नहीं चिल्लाना चाहिए था ।
राशि आँसू पोंछ चेहरे पर फीकी स्माइल लेकर बाहर जाती है ।
अनीता (गेस्ट)-मुझे तो बहुत ज़ोर की भूख लगी है और डाइनिंग टेबल पर इतनी सारे कैसरोल देख कर भूख बढ़ती जा रही है। कपिल खाना शुरू किया जाए ।
कपिल (मन में)- अब क्या ही करूँ जो है वही खिलाना पड़ेगा राशि ने तो आज सब ख़राब कर दिया।
सुमित (अनीता का पति)- हाँ भाई चलो शुरू किया जाए ।
सब डाइनिंग टेबल पर बैठ जाते है और रघु सबको खाना सर्व करने लगता है। जैसे ही रघु कैसरोल खोलता है खाने की महक सबको मंत्रमुग्ध कर देती है ।
अनीता (गेस्ट)-खाने की महक इतनी अच्छी है तो खाना कितना टेस्टी होगा ।
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सब खाना स्टार्ट करते है। कपिल एक निवाला जैसे ही मुँह में रखता है तो अनायास ही उसके मुँह से वाह निकल जाता है पर दूसरे ही पल वो शर्म के कारण चुप हो जाता है। सब खाने की बहुत बड़ाई करते है।
अनीता (गेस्ट)-राशि प्लीज़ मुझे अपने आम के अचार की रेसिपी बता दो मैं भी कोशिश करूँगी ।
राशि-मैं आपको रेसिपी तो बता दूँगी पर अबकी बार मैं आपको बना कर दूँगी अगली बार आप ट्राय करना ।
अनीता (गेस्ट)-सो स्वीट ऑफ़ यू राशि । कपिल तुम सच में बहुत ख़ुशनसीब हो।
कपिल को आज ख़ुद पर और राशि पर गर्व हो रहा था ।
सबके जाने के बाद कपिल राशि के पास गया और कहा- गुस्सा तो नहीं हो । माफ कर दो मुझे । मुझे ऐसे सबके सामने तुम पर चिल्लाना नहीं चाहिए था। मैं तुम्हें किचन में जाने से इसलिए रोकता हूँ कि तुम्हें कहीं चोट वगेरह ना लग जाए क्योंकि तुम्हें तो पता है मेरी माताजी का निधन भी किचन में काम करते हुए ही हुआ था,
पर मैं ग़लत हूँ किसी पूर्व की घटना को लेकर अपने वर्तमान और अपने भविष्य को बर्बाद करने में लगा हूँ । अब तुम जो चाहे करो अपनी मर्जी का खाना बनाओ, अचार बनाओ सब वो काम करो जो तुम्हें अच्छे लगते है । आज के बाद से मैं भी सिर्फ़ तुम्हारे हाथ का खाना ही खाऊँगा।
तुम्हारे अचार को भी अपनी फ़ूड आइटम्स में ऐड करूँगा, ब्रांड बन जाएगा ।
आदरणीय पाठकों,
हम हमेशा अपनी पूर्व की घटनाओं से ग्रसित होकर अपने वर्तमान और भविष्य को बिगाड़ने में लग जाते है। ये कदापि ग़लत है हमें अपने पूर्व की घटनाओं से सीख लेनी है ना कि डरना चाहिए। आशा है आप लोगों को ये रचना पसंद आयी होगी तो इस रचना द्वारा दिये गये संदेश को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाए।
धन्यवाद।
स्वरचित एवं अप्रकाशित।
रश्मि सिंह
नवाबों की नगरी (लखनऊ)