फर्ज – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

बीना ,तुमने क्या सोचा?

किस बारे में मम्मी!

देखो बेटा अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है 

सारी उम्र ऐसे यहां बिना किसी सहारे के कैसे रहोगी तुम ,

आज पूरे छः महीने हो गए है राघव को गए हुए कभी तो हमारी बात सुन लिया करो 

मां ….

कितनी बार यह बात बोलोगी तुम 

मैंने भी आपको कितनी बार समझाया है ऐसी दिल दुखाने वाली बाते मत किया करो 

मैं नहीं जा सकती अपना घर छोड़कर, मेरे राघव की यादें हैं यहां 

हम दोनों के साथ बिताए खूबसूरत पल है, 

राघव की मम्मी है ,पापा है ,उनको कैसे छोड़ दूं 

हम भी तो तुम्हारे मां बाप हैं बेटी,तुम्हारा दुख ,

हमें भी दुखी करता है 

बीना के पापा ने भराए गले से बस इतना ही कहा

वो कई बार बीना से इस बारे में बात कर चुके है पर बीना है कि मानती ही नहीं ।

आप भी तो इस बात को समझिए पापा 

राघव के बाद एक सहारा में ही तो हूं उनका, 

आप क्या चाहते हैं मैं भी इनको बेसहारा छोड़कर चली जाऊं 

अपने ऊपर लेकर देखो मम्मी ….. एक गहरी सांस ले कर फिर बोलना शुरू किया बीना ने 

भगवान ना करें कभी आपको यह दिन देखना पड़े तब आपको कैसा लगेगा 

मेरा भाग्य खराब था जो राघव का साथ इतना ही लिखा था नहीं तो एक ही कार में थे हम दोनों, कार की रफ्तार भी तेज नहीं थी बस एक गाय को बचाने के लिए राघव ने जैसे ही दूसरी साइड कार को मोड़ा पीछे से आते ट्रक ने हमारी कार को टक्कर मार दी 

मैं बच गई 

मगर राघव, वह नहीं बच पाए 

पूरे कमरे में खामोशी छा गई चुपचाप अपने टपक आए आंसू को पौंछ कर बीना ने आगे कहना शुरू किया 

ईश्वर को शायद यही मंजूर था उन्होंने मुझे अपने सास ससुर की सेवा के लिए ही बचा लिया है उनको बेसरा छोड़कर मैं कहीं नहीं जाऊंगी ।

तभी कमरे के बाहर खड़ी उसकी सास  खुद को अंदर आने से रोक नहीं पाई और अपनी बहु बीना को गले लगा खूब रोई ।

हम तो रात दिन बेटे के गम में घुले जा रहे थे यह सोच रहे थे कि अब हमारा कौन सहारा है 

भगवान के हमारे साथ अन्याय किया है 

लेकिन उस ने हम से हमारा बेटा तो छिन लिया मगर उस की जगह एक बेटी दे दी 

आज का जमाना ऐसा है कोई सगा भी इतना नहीं सोचता है उस पर हमारी बहु हमारे लिए इतना सोच रही है यही हमारे लिए आनंद की बात है 

वो भगवान सब देखता है वो तुम्हारे इस अच्छे कर्मों का तुम्हे फल जरूर देगा 

बीना के ससुर जी भी धीरे धीरे वही आ गए थे वो भी सब बाते सुन चुके थे 

बीना के सर पर हाथ रख बिना कुछ बोले ढेर सारे आशीर्वाद उसे दे कर वो वापस अपने कमरे में चले आए 

जवान बेटा जब से गया था तब से वह बोलना ही भूल गए थे 

ये दोनों मेरे जन्म देने वाले मां बाप हैं जिन्होंने मुझे राघव के हवाले किया था और आप दोनों मेरे जिम्मेदारी के मां बाप हैं जिनको राघव दे कर गया है 

मैं अपनी जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटूंगी 

बीना के मम्मी पापा को भी अब अपनी बेटी पर नाज हो रहा था।

© रेणु सिंह राधे 

कोटा राजस्थान

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