एक हाथ से ताली नहीं बजती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रितु और मीतू दो बहने थी | दोनो की एक ही घर में शादी हुई थी |

रितु बहुत खुश रहती थी ,लेकिन मीतू बहुत दुखी  रहती थी |दोनो अपनी मम्मी से मिलने आई थी |

मीतू ने बहुत सारी शिकायत अपने सास  की ,अपने मम्मी से  किया | और बोला मम्मी, सास हमको बिल्कुल भी मानती नहीं है

,वो केवल रितु को ही मानती है | उसकी मम्मी ने बोला , रितु अपने सास की कितनी सेवा करती है ,

ये कभी तुमने ध्यान दिया है ? कभी उनके पास बैठ के उनका हाल चाल पूछा है तुमने ? तू तो उनके बीमार होने पर ,

उनका ध्यान  नहीं रखती |सेवा तो बहुत दूर की  बात है |

उनके जगह मै भी होती तो तेरे साथ ऐसा ही व्यवहार करती समझी | “ताली एक हाथ से नहीं बजती ” बेटा |

पहले अपनी सास के साथ तू अच्छा व्यवहार कर | फिर उनके बारे में कुछ कहना |  

रंजीता पाण्डेय

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