एक बहुत बड़ी आलीशान हवेली । वहां पर श्रीकांत जी और रुक्मणी जी रहते हैं! उनका बेटा कृष्णम जो अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका था आज पिता से कह रहा था पिताजी मुझे गिटार में अपना कैरियर बनाना है उधर श्रीकांत जो शहर के बहुत बड़े जज थे वह चाहते थे उनका बेटा सिविल की तैयारी करें और अच्छी पोस्ट पर आईएएस पीसीएस बने ।
लेकिन कृष्णम के सपने कुछ अलग ही थे कुछ बात कृष्णम और श्रीकांत में जी में कुछ बहस हुई। उसकी बात कृष्णा घर छोड़कर चला गया हंसी-खुशी वाला घर में अब एकदम शांत खामोश रहने लगा उधर कृष्ण ने भी शहर में जाकर एक छोटे से झोपड़ी में जाकर रहने लगा
और एक होटल में जाकर गिटार बजाकर लोगों का मनोरंजन करता कहां करोड़ की संपत्ति का मालिक लड़का कहां एक छोटी में झोपड़ी में रहने को मजबूर हो गया लेकिन कहते हैं समय बदलते देर नहीं लगती एक दिन की बात है
श्री कांत जी का मन आज बहुत बैचेन था घर के बने लौन में रात में टहल रहे थे तभी उनकी पत्नी रुक्मणी जी बोली क्या बात है आज आप इतने परेशान क्यों हो रहे हो तब श्री कांत जी ने कहा क्या कहूं मैं कुछ कह नहीं सकता। रुक्मणी जी ने कहा आपको कहने की कोई जरूरत नहीं है मुझे मालूम है आपकी परेशानी का कारण क्या है आपने गुस्से में तो कृष्णम को घर से बाहर निकाल दिया।
लेकिन मुझे मालूम है आपको उसकी याद आ रही है ।
नजर छुपाते हुए श्रीकांतजी बोले ऐसी कोई बात नहीं है मुझे उसकी क्यों याद आएगी उसने कौन-कौन सी मेरी बात मानी है जो मैं उसे याद करूंगा। रुक्मणी की बोली भूल गए आप जब हमारे कृष्णम का जन्म हुआ था उसे समय आप कितने खुश थे और क्या-क्या कहते थे
अपने कृष्णम को यह करूंगा अपने कृष्णम को वह करूंगा श्रीकांत जी बोले मेरे करने ना करने से क्या होता है उसने तो सारे किए कराए पर पानी फेर दिया। एक बार भी हमारे बारे में नहीं सोचा पीछे मुड़कर नहीं देखा रुक्मणी की बोली वह तो बच्चा है आप भी सोचो ना हमारा बच्चा घर हमसे दूर रहकर कैसा रह रहा हूं भूख प्यास काम का भटक रहा होगा।
श्री कांत जी ने कहा मैं कोई उसका दुश्मन थोड़ी हूं मैं चाहता था कि वह अपने करियर बनाए उसके बाद में अपना शौक पूरा करें ।लेकिन उसे तो पता नहीं क्या वह गिटार बजाने का शौक है होटल में गिटार बजाते फिरता है अच्छा लगता है क्या जिनके पिताजी एक अधिकारी है उनका बेटा लोगों के लिए गिटार बजाए।
रुक्मणी बोली आप यह क्यों सोचते हो उसका शौक है उसका वह शौक पूरा कर लेने दीजिए हो सकता है। उसमें ही उसका करियर हो आजकल तो बड़े-बड़े रॉकस्टार हैं लाखों करोड़ों रुपए कमा रहे हैं और ऐसे आराम से रह रहे हैं। तभी उन्होंने देखा एक मोबाइल में यूट्यूब चैनल पर यहां पर एक बहुत बड़े फाइव स्टार होटल में कृष्णम गिटार बजा कर बज रहा था लोग ताली बजाकर कर रहे हैं
तभी श्रीकांत जी का मन बदला और उन्होंने तुरंत उसे होटल का पता ढूंढा और जाकर शाम को वहीं एक कुर्सी मेज पर दोनों पति-पत्नी बैठ गए वहां देखा तब कृष्णा गिटार बजा रहा था सभी लोग उसको ताली जा रहे थे।
श्रीकांत जी और उनकी पत्नी ने जब ताली बजाई जब कृष्ण ने देखा श्रीकांत जी इसके पास जाकर अपने बेटे के गले लगे कृष्णा में अपने पिताजी के पैर छुए तब श्रीकांत जी बोले चल बेटा मेरे साथ चल जो तुम्हारी इच्छा हो करना मैं तुम्हें एक और मौका देता हूं जब यह बात सुनी तो कृष्ण की आंखों में आंसू आ गए ।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा अपनी जिद नहीं करनी चाहिए बच्चों को भी उनकी पसंद और उन्हें जो करना चाहे उन्हें करने का मौका नहीं चाहिए अगर वह मेहनत करेंगे तो हर क्षेत्र में सफल होंगे जैसे कि श्रीकांत जी ने अपने बेटे ने कृष्ण को एक और मौका दिया जिससे कि वह अपने सपनों को साकार कर सके
विनीता सिंह