दूसरी सीढ़ी।। – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

भाभी आप इतना सब कुछ कैसे सह लेती है मां आपको कितना बेइज्जत करती है और कोई होता तो कब का अलग हो जाता जबकि मां इतनी लाचार है अब तो उन्हें आपकी जरूरत महसूस होनी चाहिए। मीनू कल ही मायके आई थी अपनी मां को देखने अपनी भाभी राशि की मां के प्रति सेवा देख वो भी हैरान थी जबकि मां ने शुरू से ही राशि को अपनाया ही नहीं और राशि शुरू से ही अपनी जिम्मेदारी खुशी खुशी उठा रही थी सास के लिए ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए।

मीनू को वो दिन याद आया जब पांच साल पहले राशि बहू बनकर आई थी  मीनू के दो भाई है बड़े राजीव जिनकी शादी राशि से हुई और एक छोटा  भाई संजू  ।राशि ने आते ही सब जिम्मेदारी उठा ली लेकिन हुकुम सास का ही चलता धीरे धीरे राशि ने सबके दिल मै अपनी जगह बना ली सब  भाभी या राशि ही करते अब सास उर्मिला जी को अपनी इज्जत कम होती दिखी जिसका बदला वो राशि को बेइज्जत करके लेती।

राशि का खाना सबको पसंद आता पर उर्मिला जी हमेशा नुक्स निकालती कभी कहती नमक ज्यादा है जब राशि कम डालती तो कहती बिल्कुल फीका खाना बना है घर मैं सब समझाते मां क्यों फालतू परेशान करती हो भाभी को तो उनसे ही लड़ने लगती की अपनी मां को भूल कर भाभी के सगे बन रहे हो ।

राजीव भी ये सब देखता तो उसे गुस्सा आता की इतना करने पर भी मां कभी कद्र नहीं करती उसने कहा राशि चलो अपन दूसरा घर देख लेते है पर राशि समझाती की ठीक है उनकी आदत है अब पिताजी भी नहीं है तो हमारी जिम्मेदारी है सब को सम्हालना तो कह लेने दो बाकी घर मैं मुझे सब प्यार करते है उन्हें भी कभी अहसास होगा ।

पर उर्मिला जी बिल्कुल नहीं बदली और अभी पंद्रह दिन पहले गिर गई तो कूल्हे की हड्डी टूट गई ऑपरेशन के बाद अभी लेटे ही रहना था राजीव ने एक नर्स रख दी सेवा के लिए बाकी राशि खाना अपने हाथ से खिलाती उनके कपड़े बदल देती आज मीनू देखने आई तो उसने राशि से पूछ ही लिया क्योंकि उसे भी बुरा लग रहा था ।

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राशि बोली मीनू मै इतना सब इसलिए सहती हूं कि मैं ससुराल की दूसरी सीढ़ी हूं।पहली तुम्हारी मां है जिनके जरिए ये परिवार जुड़ा है और सब जुड़े है अब उन्हें जोड़े रखना मेरी जिम्मेदारी है अभी मै अलग हो जाऊं तो मां के बाद ये परिवार बिखर जाएगा ।और तुम लोग मुझे प्यार देते हो कल को संजू की भी शादी होगी तो उसकी पत्नी भी जुड़ कर रहना सीखेगी रिश्तों को जोड़े रखने के लिए थोड़ा तो सहना पड़ता है ।मीनू राशि के गले लग गई की आपकी वजह से मेरा मायका बना रहेगा ।

उसने कहा भाभी लेकिन मां को तो समझाना पड़ेगा आपने तो सह लिया कल को दूसरी भाभी ने नहीं सहा तो आपकी मेहनत बेकार जाएगी आप कुछ दिन वैसा करो जैसा मै कहती हूं और मीनू ने योजना बताई पहले राशि मना करने लगी फिर परिवार के लिए मान गई।

दूसरे दिन  राशि मांजी के कमरे में नहीं गई नर्स कपड़े बदलने लगी तो गुस्से में बोली राशि कहां गई तब तक मीनू आ गई बोली भाभी काम कर रही है और वो कह रही है जब मां को मेरा काम पसंद नहीं आता तो मैं क्यों परेशान हूं ।और वैसे भी नर्स रखी है न सेवा के लिए ।उर्मिला जी को गुस्सा आया

पर क्या बोलती नर्स ने कपड़े बदले पर वो अपनापन सा नहीं लगा ।खाना खाते समय भी यही अहसास हुआ पर क्या करती अपनी अकड़ मै कुछ बोल भी नहीं पा रही थी राशि एक बार भी सामने नहीं आई उर्मिला जी पीछे से बड़ बड़ करती रहीं ।कुछ दिन मैं उन्हें कमी खलने लगी और राशि की सेवा का अहसास भी होने लगा ।

आज उन्होंने राशि को बुलाया और कहा बहू मै तुम्हारे अपनेपन का मोल नहीं समझ पाई इसलिए शायद मुझे ये सजा मिली है ।तुम इस घर को ऐसे ही जोड़े रखना और मेरे बर्ताव को भूलने की कोशिश करना पर मेरा साथ नहीं छोड़ना ।राशि मां के गले लग गई और मीनू और वो मुस्कुरा दी मीनू सोच रही चलो देर आते दुरुस्त आए ।।

स्वरचित

अंजना ठाकुर

भाभी आप इतना सब कुछ कैसे सह लेती है ।।

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