दो चेहरे-मनीषा सिंह

“मां •••!मुझे डर लग रहा है प्लीज अगर हो सके तो पापा को यहां भेज दिजीये•• ताकि मैं उनके साथ चली आऊ! 

रात के 12:00 बजे कली अपनी मां को फोन लगाती है परंतु उधर से कोई जवाब न मिल पाने के कारण वह घबरा जाती है और पुनः काट कर डायल करती है। हेलो-हेलो-हेलो! क्या आप मुझे सुन पा रही हैं?

  अरे क्या हुआ बेटा तू ठीक तो है ना, जो इस समय फोन किया है? सारिका जी घबराते हुए पूछी।

 मां! मेरी जान खतरे में है मुझे कुछ भी सही नहीं लग रहा! अगर हो सके तो कल पापा को भेज दें  कली घबरा के इधर-उधर देखने लगी। 

जान खतरे में•• यह क्या बोल रही है तू ?

हां मां! मैंने अभी कुछ देर पहले ही इन लोगों को आपस में बात करते हुए सुना!

 कली रोते हुए बोली।

 क्या सुना पूरी बात तो बता?

  यही कि मुझे मारने वाले है! मेरे सास- ससुर और विवेक तीनों आपस में बैठकर मुझे मारने की प्लानिंग बना रहे थे!

 बेटा अचानक से ऐसे कैसे तेरे मारने की प्लानिंग बना रहे हैं? ना कोई शिकवान-शिकायत फिर कैसे क्या ?

मां!कुछ दिन पहले मुझे विवेक और इसके परिवार की सच्चाई का पता चला जो मैंने आप सब को बताई नहीं•• कि आप खामखां  टेंशन में आ जातीं! 

 आज से 10 दिन पहले की बात है एक रात जब हम सब डिनर खत्म कर ,मैं अपने किचन का काम निपटा के ड्राइंग रूम में जहां सभी बैठे थे वहां आकर बैठ गई!

कली! सुबह तुम्हें ऑफिस भी तो जाना है•• रात के 11:30 बज गए!  जाओ तुम आराम करो! हम कल बात करेंगे! मैं आधे घंटे में आता हूं पिताजी से बिजनेस के सिलसिले में कुछ डिस्कशन करनी है!

 ऐसा कहकर विवेक ने मुझे सोने के लिए  भेज दिया।

 जी!

कहते हुए मैं अपने कमरे में चली गई कपड़े चेंज करने के बाद जब मैं बिस्तर पर लेटी ही थी कि मुझे प्यास लगी सामने पड़ी जग खाली थी! जग लेकर जब मैं रूम से किचन की तरफ निकलने ही वाली थी कि मम्मी जी की फुसफुसाना वाली आवाज मेरे कानों में पड़ी।पता नहीं क्यों मेरी उत्सुकता उस आवाज को सुनने की बढ़ने लगी। 

और मैंने जब कान लगाकर सुनने की कोशिश की तो मेरे जमीन तले पैर खिसक गए!

  ये लोग शहर छोड़ने की बात कर रहे थें!

पर मुझे यह ठीक से समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ये ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं! फिर ध्यान से सुनने के बाद मेरे रोंगटे खड़े हो गए ।क्योंकि ये लोग मेरे पैसे लेकर भागने का प्लान कर रहे थें!

कली बोली।

क्याsssss पर वो तेरे पैसे क्यों लेना चाहेंगे और क्यो ये शहर छोड़ना चाहेंगे•••आखिर शादी तो विवेक की पसंद से ही हुई थी?

सारिका जी चिंतित होते हुए बोलीं।

वास्तव में विवेक और उसके मां-बाप का धंधा यही है कि•• पहले लड़की फसाते हैं फिर उससे शादी करके उसके सारे बैंक- बैलेंस लेकर चंपत हो जाते हैं! 

 अब तक इन्होंने मुझ जोर चार लड़कियों को फसाया है! और सब की जमा पूंजी लेकर यह लोग फरार हो जाते हैं! 

मां••! उस दिन विवेक की मां कह रही थी••• बेटा! यह तेरी चौथी शादी है अब तक तो हमने सारी घटनाओं को सावधानी से अंजाम दिया है पर पता नहीं क्यों••• कली को छोड़ने का मन नहीं कर रहा ऐसा सुन उनके साथ सभी ठहाके लगाते हंस पड़ें!  

मां!अगर छोड़ोगी नहीं तो पांचवी बहू कहां से लाओगी और क्या अपना धंधा चौपट करना है•••? विवेक आंख मारते हुए अपनी मां से बोला।

 कल फटाफट सारा पैसा इकट्ठा कर लेते हैं वैसे भी यहां रुके हमें 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं अब जल्दी-जल्दी अपना काम खत्म करना होगा! 

  सारी वार्तालाप सुनने के बाद

मैं  चुपके से बगैर पानी पिये अपने कमरे में लौट आई! और सारी रात करवटें बदलते यही सोचती रही कि आखिर क्यों मैंने आप लोगों के दबाव में बिना सोचे समझे जल्दबाजी में लड़का ढूंढ लिया•• वह भी फेसबुक के द्वारा! मुझे क्या पता था कि मेरी पसंद मेरे लिए ही काल बन जाएगी! खैर सारी बात सोचने से कोई फायदा नहीं और आगे क्या करना है ऐसा सोच मैंने एक फैसला लिया कि अभी विवेक को कुछ नहीं बताऊंगी और ना ही उससे कुछ पूछूंगी ! देखती हूं कि आगे वे लोग क्या कदम उठाते हैं! कल सबसे पहले ऑफिस जाने के बहाने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा आऊंगी! सुबह सब कुछ नॉर्मल ही था। मैं जल्दी-जल्दी घर का काम निपटाकर ऑफिस निकलने ही वाली थी कि विवेक मेरे कमरे में आ जाता है!

 “कली! मैं कुछ दिनों के लिए कोलकाता जा रहा हूं•• बिजनेस के सिलसिले में••!

 विवेक मुझसे बड़े ही सहज तरीके से बता रहा था।

सुनकर एक बार तो मुझे लगा कि शायद जो बात मैंने पिछली रात, जो कि मेरे लिएअब #काली रात बन चुकी है को अपने कानों से सुनी वह झूठी है! 

हां तो•••?

 मैं भी नॉर्मल तरीके से ही बोली ।

तो•• अब तक तुम्हारे कुछ 20 लाख अकाउंट में होंगे••• 

और 5 लाख के करीब एफडी भी होंगी! राइट!

 हां•••पर अचानक यह सब•• तुम मुझसे क्यों पूछ रहे हो ?

मैंने अनजान होते हुए पूछा।

 वह इसलिए की•• मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर वाली बिजनेस करने का सोच रहा हूं घर बैठे-बैठे अब काम नहीं चलना ! और वैसे भी जब हमारे बच्चे होंगे तो तुम अकेली कितनी की कमाई कर लोगी!   इस महंगाई में एक तुम्हारी कमाई से परिवार का खर्च चल नहीं पाएगा!

इसलिए सोचता हूं की” फैमिली प्लानिंग” के पहले ही अपने आप को सेटल कर लूं और जब अपने बच्चे होंगे तब तक मेरा भी बिजनेस चल पड़ेगा और तब तुम अपनी जॉब छोड़ देना!

उसने मुझे प्यार की थपकी दी!

 ये हो क्या रहा है मेरे साथ? मैं सोच ही रही थी कि विवेक पुनः बोला। 

तुम्हारी सारी एफडी अब मैच्योर हो गई है तो आज छुट्टी लो•• और ऑफिस चलकर सारे पैसे निकलवा लेते हैं!

सोचता हूं कल ही मैं कोलकाता जाने की टिकट बुक कर लूं! इसलिए पैसों का इंतजाम आज ही करना पड़ेगा! मेरे पास भी कुछ 10 लाख अमाउंट है•• वह भी आज बैंक से कलेक्ट कर लेता हूं !

पिछली रात की हुई वार्तालाप से मैं तुरंत ही समझ गई कि ये सारे ड्रामें पैसों के लिए ही थे ।

हां•••! ताकि तुम मेरे पैसे लेकर यहां से चंपत हो जाओ और एक  नई शादी कर सको

 तभी अचानक मेरे मुंह से निकल गया ।

क्या बोल रही हो तुम दिमाग तो सही है ना•••?

 हरबराहाट में मैंने यह क्या बोल दिया•• फिर अपने आप को मजबूत दिखाते हुए-

 हां पिछली रात तुम लोगों की बात मैंने सुन ली•• और अब तुम्हारी सच्चाई सामने आ गई है! तुम लोग अब बच नहीं सकते!

 मैं तुम्हारी रिपोर्ट दर्ज करवाने जा रही हूं••ताकि तुम अब किसी और लड़की को अपना शिकार ना बना सको!

 अपनी पोल खुल जाने की वजह से विवेक के चेहरे का रंग काला पड़ गया और घबराते हुए वह कमरे से बाहर निकल गया ।कुछ देर बाद जैसे ही•• मैं मेंन गेट से बाहर जाने लगी तभी विवेक पीछे से  मुझे दबोच लेता है

 कहां चली मैडम•••?

  तुम्हारी रिपोर्ट लिखवाने!

 अच्छा! चलो अब कमरे में बंद हो जाओ‌ और धोखा घड़ी की रिपोर्ट भगवान के पास दर्ज करवाना! कहते ही उसने मुझे कमरे में कैद कर दिया और साथ में मेरा पर्स और मोबाइल फोन अपने पास रख ली!

 आज सुबह विवेक की मां मुझे यह बताने के लिए आई थी कि कल तुम्हारा आखिरी दिन है! अभी किसी तरह मैंने इन लोगों से नजरें चुरा के अपनी कामवाली बाई से फोन मांगा यह कहकर कि आज फोन मेरे पास ही रहने दे और आपसे बात कर पा रही हूं! 

मुझे बहुत डर लग रहा है मां! अगर बचा सको तो बचा लो! कहते हुए कली रोने लगी।

 तू घबरा मत और सारी खिड़कियां- दरवाजे अंदर से बंद करके चुपचाप सो जा! मैं सुबह कुछ ना कुछ करती हूं! और हां तूने अब तक पुलिस को फोन नहीं किया•••? 

नहीं जैसे ही फोन मेरे हाथ में आया पहले मैंने आपको••••

तभी किसी ने कली से मोबाइल छीन बीच में ही फोन काट दिया। आखिर तुमने मेड से फोन ले  हमारी पोल खोलने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी! अब तु जिंदा नहीं बच पाएगी•• 

 कली घबरा जाती है। और  जबरन उसके मुंह में कुछ पिलाया जाता है।

  सुबह जब बेटी की खबर लेने कली की मां-बाप पुलिस के साथ उसके घर पहुंचते हैं लेकिन बहुत देर हो चुकी होती है••कली उन्हें मरी मिलती है••और उसके मुंह से सूखा हुआ झाग देख ,पुलिस को समझते देर नहीं लगी कि शायद उसे जहर पिला दिया गया। 

विवेक और उसके माता-पिता वहां से रफू चक्कर हो गए। बहुत कोशिश के बाद उन लोगों की गिरफ्तारी हुई•• और धोखाघड़ी तथा लूट के मामलों में तीनों को जेल हो गई। दोस्तों यहां कली के मां-बाप से एक गलती ये हुई कि उन्होंने उसके बढ़ते उम्र की वजह से  शादी के लिए दबाव डाला•• जिसकी वजह से वह जल्दबाजी में गलत आदमी से शादी कर बैठी और अपनी जिंदगी से हाथ धो लिया। दूसरी गलती उसके माता-पिता से यह हुई कि जब उसने  आखिरी समय में कॉल किया तो उसी समय पुलिस को लेकर उन्हें वहां पहुंच जाना चाहिए था••जबकि सभी एक ही शहर में रहते थे। 

दोस्तों अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई हो तो प्लीज लाइक्स कमेंट्स और शेयर जरूर कीजिएगा।

 धन्यवाद।

 मनीषा सिंह

#काली रात

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