कॉलेज मे आते ही हिना के तो रंग-ढंग ही बदल गए, रोज नई-नई तरह की ड्रेस, सैंडल और पर्स उसकी शोभा बढ़ाते। कॉलेज के सभी लड़के लड़कियां उसको देखकर दंग रह जाते और जब वह हिना से इन वस्तुओं का राज पूछते तो हिना कहती..
मेरे पापा का बहुत बड़ा बिजनेस है, हमारे यहां पैसे की कोई कमी नहीं है, मेरे लिए यह सब खरीदना कोई बड़ी बात नहीं है। किंतु यह बात उसकी दो-तीन सहेलियों को हजम नहीं हो रही थी, एक दिन वह चुपचाप हिना के घर पहुंच गई जहां देखा उनके यहां लेनदारों की भीड़ लगी हुई थी।
पूजा के माता-पिता पर काफी कर्ज था और वह उसको चुकाने में असमर्थ थे ,जबकि हिना यह सब जानते हुए भी दिखावे की जिंदगी जीना पसंद करती थी। एक दिन उसकी सहेलियों ने पूरे कॉलेज के सामने हिना की असलियत सामने लाकर रख दी जिसे सुनकर हिना को पहले तो गुस्सा आया
फिर बाद में पश्चाताप हुआ और फिर उसने कहना प्रारंभ किया.. हां मेरे माता-पिता के ऊपर बहुत सारा कर्ज चढ़ा हुआ है, हमारी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है और मैं यह सारी वस्तुएं सिर्फ ऑनलाइन मगाती हूं और इन्हें एक दो बार पहन कर रिटर्न कर देती हूं।
इन वस्तुओं द्वारा और मेरा अच्छा लगने का सिर्फ एक ही मकसद था कि इससे मैं अमीर लड़के लड़कियों के साथ दोस्ती कर सकूं और फिर उनसे आर्थिक मदद ले सकूं किंतु आज मुझे शर्म आ रही है की दिखावा करने से कुछ हासिल नहीं होता बल्कि असलियत सामने आने पर शर्मिंदा होना पड़ता है,
तब सभी कहने लगे “थोथा चना बाजे घना”! घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं है पर मैडम जी को दिखावे से फुर्सत नहीं है, दिखावा न करके कोई दूसरा जॉब करके अपने घर वालों को इस मुश्किल से निकालने का प्रयत्न करती, अब कोई उसकी मदद नहीं करेगा और फिर सभी ने उस से अपनी दोस्ती खत्म कर ली! दिखावे का परिणाम बहुत भारी पड़ गया।
हेमलता गुप्ता स्वरचित
मुहावरा प्रतियोगिता# थोथा चना बाजे घना