मां की आह – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Story In Hindi

बाबूजी नौकरी में रहते ही,घर बनवा गए थे। फिजूलखर्ची ना करने वाले बाबूजी ने गांव में बंजर पड़ी काफी ज़मीन खरीद कर रखीं थीं।वैभव को पढ़ा-लिखा कर नौकरी भी लगवा दी और दोनों बेटियों की शादी भी करवाई थी संपन्न घरों में।उनकी मृत्यु के पश्चात अक्सर वैभव मां को ताना देता था”मां,तुमने बाबूजी को रोका … Read more

वृद्धाश्रम – सीमा पण्ड्या

चलो आज माँ को वृद्धाश्रम दिखा ही लाता हूँ। बड़े बेटे ने अपनी पत्नी से कहा तो ७५ वर्षीय सावित्रीदेवी भौंचक हो कर बेटे का चेहरा देखने लगीं। बेटे के चेहरे पर गंभीरता थी बोला “ माँ एक नयावृद्धाश्रम बना है, जल्दी से तैयार हो जाओ, आज आपको वहाँ की सब सुख- सुविधाएँ दिखा लाता … Read more

“तू मेरा सहारा और मैं तेरा” – ऋतु अग्रवाल

     “सुभीत! आप समझ नहीं रहे। नौकरी करने का उद्देश्य एकमात्र पैसे कमाना नहीं होता। हम काम इसलिए भी तो करते हैं ताकि आत्मनिर्भर बन सकें, कुछ नया सीख सकें, स्वयं को व्यस्त रख व्यर्थ की बातों और उधेड़बुन से दूर रह सकें।” मालिनी अपना पक्ष रख रही थी।        “मालिनी! मैं तुम्हारी बातों से सहमत हूँ … Read more

“उलझन,” – मिनाक्षी राय 

लता आज बहुत परेशान थी उसकी उदासी और परेशानी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी l लता आज इस बात से परेशान थी, कि क्या इस बदलते माहौल में संयुक्त परिवार का एक साथ रहना कोई गुनाह है क्या?? आज लता अपने लिए जब नए घर के मालिक से मिलने गई तो उसका पहला … Read more

आधुनिक बहू – कंचन श्रीवास्तव

हर घर की राम कहानी सुन सुन के रेखा का जी बैठा जा रहा ,सजाने भगवान कैसा जमाना आ गया कोई किसी से परेशान कोई किसी से,पर इस डर से बच्चे कुंआरे बैठे रहेंगे, और फिर कब तक एक दिन तो करना ही पड़ेगा ,अब वो अच्छी आए चाहे बुरी, जो भी है कलेजा मजबूत … Read more

ससुराल तो ससुराल ही होता है

श्रीकांत जी का घर पूरी तरह से दुल्हन की तरह सज चुका था  मौका था उनकी छोटी बेटी मालिनी की सगाई का, कुछ ही देर में  लड़के वाले श्रीकांत जी के घर पर सगाई के लिए आने वाले थे। घर में आज तरह तरह के पकवान बनाए जा रहे थे ताकि लड़कों वालों की मेहमान … Read more

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