विश्वास की डोर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi
रुक्मिणी अनमनी सी बैठी सब्ज़ी काट रही थी । चालीस साल हो गए विवाह को पर न तो दोनों पति- पत्नी के विचार मिलते थे न पसंद- नापसंद और न ही घरेलू वातावरण । “ अक़्ल नाम की चीज नहीं औरत में , परदे लगाकर पूरे घर में अंधेरा कर दिया । प्रकाश कहाँ से … Read more