नफ़रत की दीवार – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
“पापा जी, आई एम् सॉरी! पर चाचा जी बड़े हैं, आदरणीय हैं। आपकी और मम्मी जी की अनुपस्थिति में उन्हें मान-सम्मान देना और उनकी आवभगत करना मेरा कर्तव्य है। मैं उन्हें कैसे मना करती? वे कह रहे थे कि वे फिर से आएंगे और आपसे डिस्कस करके ही अनुज भैया की रिंग सेरेमनी का प्रोग्राम … Read more