क्या पिता को सुख दुख की अनुभूति नहीं होती – शिव कुमारी शुक्ला
आज दशहरा था और सुखविंदर अपने ट्रक का माल उतरवा रहा था एक अंजान शहर में।वह अंतराज्यीय परमिट से चलने वाले लम्बी दूरी के ट्रक का ड्राइवर था। खाना खा वह तन्हा लेटा था तो अपने घर पत्नी, बच्चों की याद आ गई। आज त्योहार के दिन वह अकेला इस अनजान शहर में पड़ा है … Read more