मुक्ति का मार्ग… – रश्मि झा मिश्रा

“…अम्मा कौशल की बहू है… आशीर्वाद दो…!” अम्मा ने हाथ उठाकर जमुना के सिर पर रख दिया… फिर अचानक भरे गले से, थरथराती आवाज में चिल्ला कर बोली… “आज भी मेरे कंगन दोगी या नहीं… अरे मुझे नहीं दिए, कम से कम बहू को मुंह दिखाई में देने को तो दे दो… सब धोखेबाज हैं… … Read more

सोने का कंगन – परमा दत्त झा

आज दीपावली के अवसर पर रिया को सास ने नये सोने के कंगन दिये थे।वह अकचका गयी और सास को देखती रह गई। मांजी आप और यह-वह बड़ी मुश्किल से बोली। बहू तेरे श्वसुर कहा करते थे देखना ममता मैं अपनी बहू को सोने का कंगन दूंगा ,मगर वह तो रहे नहीं।सो आज उनकी मृत्यु … Read more

नेग का लालच – रश्मि प्रकाश

“ ये क्या कह रही हो दीदी आप…. सच में बड़ी भाभी ने ऐसा कहा…?” आश्चर्य से बड़ी बड़ी आँखें कर राशि ने नीति से पूछा  “ तो क्या मैं झूठ बोल रही हूँ….. जब उन्होंने कहा है तभी तो आपसे कह रही हूँ….हाँ अब विश्वास करना ना करना आपके उपर है।” कह नीति वहाँ … Read more

सोने के कंगन

रति ने बचपन में, अधिकतर अपने आसपास सोने से लधी अपने परिवार की महिलाओं को दिखा , उन्हें देखकर रति को भी लगता था कि वह भी एक दिन इसी तरह सोने के जेवर पहनकर किसी महारानी की तरह लगेगी। इतिहास के पन्नों में भी उसने देखा, पुराने समय में रानी -महारानी सोने जेवरों से … Read more

जमा पूंजी – गीता वाधवानी

 बसंत आज बहुत उदास था। उसकी पत्नी कंचन ने पूछा, पर बसंत ने कुछ नहीं बताया। कंचन को लगा कि कुछ दिनों बाद उनकी बिटिया रिद्धि का विवाह है। वह ससुराल चली जाएगी, शायद यही सोचकर उदास हो गए हैं, रिद्धि का एक छोटा भाई सचिन भी था।        यह परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार से … Read more

कंगन की हकदार

सुषमा का फोन बज रहा था ,इतनी रात गए किसका फोन होगा? सोचते हुए उसने उठाया!  राधा उसकी देवरानी का फोन था। “हेलो दीदि अम्मा जी की हालत बिल्कुल ठीक नहीं है, आप सबको बहुत याद कर रही है ।डॉक्टर ने जवाब दे दिया है। पता नहीं एक-दो दिन– -कहते-कहते राधा की आवाज रूंध गई।  … Read more

सात तोले के कँगन – संगीता त्रिपाठी 

 “माँ मुझे प्लाट खरीदने के लिये पैसे कम पड़ रहे, पापा से तो मांगने पर वे देंगे नहीं, आप ही कुछ मदद कर दो, मैं आपका ये पैसा जल्दी ही वापस कर दूंगा “बड़े बेटे तुषार ने माँ नंदा देवी से गुहार लगाई तो माँ का दिल पसीज गया,उन्होंने अपनी बचत के पैसे, जो छोटी … Read more

मॉं मुझे सोने के कंगन चाहिए…- अर्चना खण्डेलवाल

ये इतनी रात को अलमारी में क्या ढूंढ रही हो? रंजीत ने अधखुली आंखों को मसलते हुए कहा। चेतना के माथे पर पहले से ही पसीने की बूंदें थी,उस पर रंजीत की आंख खुल गई तो वो हड़बड़ा गई, कुछ नहीं आप सो जाइये, मैं बिजली बंद कर देती हूं, और वो मोबाइल की रोशनी … Read more

सोने के कंगन – मधु वशिष्ठ

आज मालती जी की 50वीं सालगिरह थी। भारी भरकम साड़ी और गहने पहनी हुई इस उम्र में भी वह दुल्हन सी प्रतीत हो रही थीं। होटल में जाने के लिए सब बच्चे बाहर गाड़ी में दादू के साथ बैठे हुए दादी के आने की इंतजार कर रहे थे। तभी अचानक मालती जी को कुछ याद … Read more

सोने के कंगन – सुदर्शन सचदेवा

नवेली बहू सान्या अभी-अभी इस घर की दहलीज़ पर आई थी। शादी को एक महीना भी नहीं हुआ था। उसकी मुस्कान में अब भी नई ज़िंदगी की चमक थी, पर मन के कोने में एक हल्की सी झिझक भी। सासु माँ कमला देवी सख्त मिज़ाज की थीं — घर का हर काम उनके तय नियमों … Read more

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