अकेली – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

“चटाक”, एक झन्नाटेदार तमाचे की आवाज़ आई और रूपेश अपना गाल सहलाता हुआ धम्म से पलंग पर बैठ गया। “दर्द हुआ, ऐसे ही दर्द होता है मुझे..जब तुम अपना हाथ मुझ पर उठाते हो”, मालती गुस्से से चिल्ला उठी थी।  “अभी निकल जा मेरे घर से…अभी के अभी..तेरे जैसी औरत को मैं एक पल भी … Read more

सम्मान का स्वाद – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

काँधे पर झुकी उम्र, आँखों पर मोटे शीशों वाला चश्मा, और उँगलियों में अब भी वर्षों पुरानी सुई की पकड़—ये थे विष्णु प्रसाद। दिल्ली की एक पुरानी गली के कोने पर उनका छोटा-सा सिलाई ठेला था, जो वर्षों पहले एक सुनहरे सपने की तरह शुरू हुआ था। अब वहीं बैठकर वे फटी जेबें टाँकते, टूटे … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

बूढ़े पिता हरि को गाँव में अकेला छोड़कर उसका बेटा जो शहर में इंजीनियर था बम्बई चला गया और वहीं अपने साथ काम करने वाली वसुधा से शादी करली और बम्बई में ही सैटिल होगया- –अकेला बेटा  लेकिन निर्मोही– जिसको अपने पालक पिता का तनिक भी ख्याल नही– चला गया अकेला छोड़कर असहाय। लेकिन उसके … Read more

 तुलना-मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“अंबा! बापू के बातों का बुरा नहीं मानते•• चल कपड़े बाहर निकाल! राधा अपनी बड़ी बेटी जो पेटी में कपड़े डाल वहां से जाने की तैयारी कर रही थी, से बोली। अम्मा! मुझे रूकने के लिए मत बोल भले ही मैं सन्नो जैसी अमीर घर में नहीं ब्याही गई परंतु मेरा भी कुछ स्वाभिमान है! … Read more

 गिरजा बुआ… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“जा…गिरजा बुआ को बुला ला… तुझसे नहीं होगा…!” कोई भी शादी ब्याह हो… तीज त्यौहार हो या फिर जन्म मरण… बिना गिरिजा बुआ के तो पूरा माहौल ही सुना हो जाता था… मंडप सजाने से लेकर… रंगोली बनाने… गीत गाने से लेकर अपनी चटपटी बातों से महफिल जमाने में गिरजा बुआ से बेहतर कोई नहीं … Read more

 “सम्मान की सूखी रोटी” – प्रीति श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

प्रमिला एक मध्यम वर्ग परिवार की साधारण लड़की थी, वह बहुत सुंदर थी, उसने अंग्रेजी विषय से ग्रेजुएशन किया था, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण प्रमिला साइकिल से बच्चों के घर जाकर के ट्यूशन पढ़ाया करती ।          एक दिन  प्रमिला ट्यूशन पढाने गई थी, वहां पर एक लड़का आया था ,जिसका … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी :  हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 सुनिए… हम अभी से शादी में जाकर क्या करेंगे अभी तो 10 दिन है हम 2 दिन पहले चलेंगे ना..! क्यों क्या हुआ… कुछ परेशानी है क्या?  अगर यही शादी तुम्हारी भतीजी की होती तो 10 की जगह 20 दिन पहले पहुंचने की जिद करती, लेकिन मेरे भाई की बेटी की शादी है तुम तो … Read more

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