विश्वास को खोते देर नहीं लगती – Moral Stories in Hindi

विश्वास को खोते देर नहीं लगती, इसकी चाहत में क्या अच्छा क्या बुरा उसे कुछ समझ नहीं आता मेरी शादी अमित से हुई थी 2 3 साल हमारे बीच सब अच्छा था, लेकिन तभी एक दिन ऐसा होता है जिसने सब बदल कर रख दिया शादी के 3 साल बाद मेरी कजिन सिस्टर मेरे घर … Read more

माँ-बेटी का रिश्ता – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रीना की बेटी प्रज्ञा एक सीधी-सादी, शांत स्वभाव की लड़की थी। बचपन से ही उसने कभी झूठ नहीं बोला था। रीना को उस पर आंख बंद करके भरोसा था। प्रज्ञा अपनी माँ से हर छोटी-बड़ी बात साझा करती थी — चाहे वह स्कूल की परेशानी हो, कोई दोस्ती का किस्सा, या दिल की कोई उलझन। … Read more

विश्वास की डोर – अनु माथुर

” बहुत भरोसा था ना तुम्हें उस पर ..लो अब  देख लिया …. चला गया वो और साथ में हमारी बेटी को भी ले गया …. सारी बिल्डिंग में सबको पता था एक तुम ही थी जो आंखों पर पट्टी बांध कर बैठी थी …. अरे मैं कहता हूँ क्या जरूरत थी तुम्हें उसे घर … Read more

विश्वास की डोर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हमें आपकी बेटी पसंद है और हम शादी को तैयार हैं रविकांत जी का फोन आया अखिलेश जी के पास। लेकिन लेकिन रविकांत जी हम आपकी डिमांड पूरी नहीं कर सकते आपने जो शादी में दहेज की मांग की है वह मैं पूरा नहीं कर सकता हूं। कोई बात नहीं मैं अपनी  मांग वापस लेता … Read more

तालाब से सीख – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

चल यार मैं चलती हूं । सात बज गए , खाना बनाऊंगी, सोमेश के आने का टाइम हो गया। आज वो जल्दी आने वाले हैं और कई दिनो से आइसक्रीम खाने का मन हो रहा था तो अपनी वो हसरत भी आज पूरी कर लूंगी…. उनके साथ बाहर जाकर  कई बार दिल चाहता है कि … Read more

विश्वास की डोर से बंधे रिश्ते – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

रामपुर एक छोटा-सा गाँव, जहाँ ज़िंदगी आज भी पुराने ढर्रे पर चलती थी। मिट्टी के घर, पेड़ की छाँव में बैठकर बतियाते लोग, और खेतों की हरियाली में खिलखिलाते बच्चों की आवाज़ें ,यही पहचान थी इस गाँव की। इसी गाँव के एक कोने में, एक कच्चे घर में रहते थे हरिशंकर जी और उनकी पत्नी … Read more

नारी, अब नहीं बिचारी  – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

क्या बात है अनु? आज तुझे आए हुए 15 दिन हो गए, पर तू अपने ससुराल जाने का नाम ही नहीं ले रही और ना ही इन दिनों मैंने तुझे दामाद जी से बात करते हुए देखा, क्या बात है सब ठीक तो है ना? सविता जी ने अपनी बेटी अनु से कहा  अनु अपनी … Read more

विश्वास की डोर – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

 आयुष ने मेडिकल कॉलेज में टॉप किया था और कॉलेज से विदेश ऐक साल के लिए आगे का कोर्स करने के लिए स्कॉलरशिप मिली थी ताकि वह किसी एक सब्जेक्ट में एक्सपर्ट डॉक्टर बन जाए। स्मिता और अनुराग बहुत खुश थे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था कि—- उनका बेटा विदेश जा रहा है! और … Read more

कर्तव्य का पालन – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

शाम पांच बजे के करीब आनंद जी घूमने के उद्देश्य से अभी घर के बाहर थोड़ी ही दूर निकले थे कि उन्हें गाँव का एक लड़का सुरेश मिल गया। वह भी उनके बेटे के साथ बेंगलुरु मे काम करता था। आनंद जी को देखकरउसने कहा प्रणाम चाचा, कैसे है आप? ख़ुश रहो बच्चा।मै तो ठीक … Read more

“विश्वास की डोर” – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

रमन और जीतू बचपन से एक साथ एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे । पढ़ाई में एकदम प्रथम हर साल क्लास में नंबर वन रहना ही उनकी दोस्ती का कारण था । हर क्षेत्र में दोनों साथ-साथ सांस्कृतिक प्रोग्राम में या खेलकूद में दोनों का प्रथम श्रेणी ही रहता था ।  रमन के पिताजी रंजन … Read more

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