आखिर कब तक – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

विपुल जी एवं विभा जी अपने दोनों बच्चों के साथ दिल्ली में तीन बेडरूम फ्लैट में रहते थे। बच्चे क्रमशः बेटा मितेश बारह वर्षीय एवं दस वर्षीय बेटी मिताली । दोनों ही बच्चे स्कूल में सातवीं  एवं पांचवीं कक्षा में  पढ़ रहे थे। आज की इस महंगाई के जमाने में उच्चमध्यवर्गीय परिवार के सामने दोहरी … Read more

बहती गंगा में हाथ धोना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

हमारे देश में परोपकार करनेवालों की कमी नहीं है,परन्तु कुछ ऐसे लोग भी हैं ,जो देश में आपदा पड़ने पर भी बहती गंगा में हाथ धोने से बाज नहीं आते हैं।ऐसे लोग परमार्थ, दया,मानवता भूलकर अपनी स्वार्थपूर्ति हेतु आपदा में भी अवसर  ढ़ूँढ़  ही लेते हैं।अभी कुछ दिनों पहले आई महामारी कोरोनाकाल में भी कुछ … Read more

बहती गंगा में हाथ धोना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

बात उन दिनों की है जब राधिका कॉलेज में पढ़ रही थी, ये उसका कॉलेज का पहला ही साल था। राधिका पढाई में तो होशियार थी ही वो पाक कला में भी निपुण थी। उसके हाथ में जादू था और हर तरह का खाना वो मिनटों सेकेंडों में बना देती थी, जो भी उसका बनाया … Read more

पंख – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

“जिस दिन मेरे पंख आयेंगे न देखना मैं आसमान में उड़ जाऊंगी।” नन्हीं बच्ची ने एक चिड़िया को बालकनी में बैठे देखकर मां से कहा। मां मुस्कुराई। उसकी पीठ पर हाथ फेरा और कहा–”हम लड़कियों के पंख आते नहीं है बेटा, हमें खुद बनाने पड़ते हैं। अपने छुपे हुए आत्मविश्वास, अपनी दबी हुई ताकत, और … Read more

मुफ्त की मार – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सौरभ की शादी पक्की हो गई  पीयूष के बड़े चाचा का फोन आया था घर में बड़ा उत्साह व्याप्त था शादी में जाना था सबको। पीयूष ने मुझसे कहा सुन आलोक तू भी चल हम लोगो के साथ।यहां अकेला क्या करेगा आखिर सौरभ ने तुझे भी तो निमंत्रित किया है मेरा तो भाई है पर … Read more

बहती गंगा में हाथ धोना – खुशी : Moral Stories in Hindi

अंजू  बहुत ही सुन्दर और  समझदार महिला थी। उसे अपनी समझदारी पर बड़ा ही गर्व था उसे लगता जो मुझे सही लगता हैं या जो मैं करती हूं वो सही है ।उसके पति भी अच्छी पोस्ट पर थे तो रुपए पैसे की भी कोई कमी न थी । एक बार अंजू की दूर की बुआ … Read more

तौबा तौबा करना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

दादी मम्मी ने पांच हजार रुपए मंगाए हैं उनकी तबीयत ठीक नहीं है अस्पताल में भर्ती हैं । लेकिन तुम्हारी मम्मी के ऊपर तो पहले से ही काफी उधार है कोमल सुषमा बोली ।वो मम्मी काम करके उसी में कटवा देंगी पैसे।पर इतने पैसे कैसे कटेंगे।वो दादी अभी दे दीजिए मम्मी जब काम पर आएंगी … Read more

बांहों का झूला – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

विनय और तनवी एक दूसरे के पूरक थे। क्या मजाल कि बिन अपने पापा की मर्जी के खिलाफ तनवी कोई तिनका भी उठा ले। पर.. वही तनवी आजकल कुछ कुछ बदलने लगी थी। नहीं, यह सोलह बरस वाली उम्र का तकाज़ा नहीं था। बात बस इतनी थी कि 15 साल पहले उसकी माँ रुपाली, जो … Read more

*फटे में टांग अड़ाना* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    हरिया आज फिर मेरे पास आया और फिर पुरानी व्यथा सुनाने लगा कि कैसे उसका भाई और भतीजा उसके जमीन के चक को हड़पने की चाल चल रहे है।मेरी समझ नही आ रहा था कैसे उसकी मदद करूँ?फिर भी मुझे उसकी बात सुन उससे सहानुभूति होती।       एक दिन मैं स्वयं गावँ के पटवारी के पास … Read more

*गंगा स्नान* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जुहार बड़े सरकार।  अरे,गिरधर बड़ा आदमी हो गया है,अब तेरा इधर आना ही नही होता।अब भी बुलाने पर ही आया है।      सरकार, आप तो जाने है,मुन्ना शहर में नौकरी करने लगा है,उसके पास भी जाना लगा रहता है,और यहां भी सरकार आप की मेहरबानी से मिले जमीन के टुकड़े में बुआई,निडाई में लगना पड़ता है, … Read more

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