उल्टी पट्टी पढ़ाना – रीतू गुप्ता Moral Stories in Hindi

हीरा और पवन आपस में बात कर रहे हैं…. पवन … देख हीरा, तेरी सगाई हो गयी है.. जल्दी ही तेरी शादी हो जाएगी . आते ही भाभी को सर पे मत चढ़ा लेना .. वरना तेरी ज़िंदगी खराब हो जाएगी।  देख भाई, औरत जात पाँव की जुत्ती होती है..  उसे समय समय पर सबक … Read more

काकी – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“अरे अब हमारा पिंड क्यों नहीं छोड़ती। ना जाने ये बुढ़िया कब मरेगी? यमराज भी न जाने कहाँ जाकर बैठ गये हैं? रोज़ किसी ना किसी को तो लेकर जाते हैं। अगर इस बुढ़िया को ही लेकर चले जाते तो उनका क्या बिगड़ जाता? इसके रोज-रोज के नखरे से तो मैं तंग आ चुका हूँ। … Read more

अहं का रिसाव – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

        घर में तनाव का माहौल था। आठ बजे तक कोई उठा नहीं था। ऑंखें बन्द करने से दिन रात में तब्दील नहीं हो जाता।घर मे कुल पॉंच सदस्य थे। महेन्द्र,सुधा उनका बेटा रौनक, बहू शुभि और दो साल का पोता आरव।आज सिर्फ तीन सदस्य रह गए, शुभि कल रूठकर अपने मायके चली गई थी। उसका … Read more

 इंसानियत जिंदा है – सविता गोयल :

 Moral Stories in Hindi कमली अपने दो साल के बच्चे को गोद में उठाए भागती जा रही थी। अंधेरा गहराता जा रहा था और बारिश भी अपना पूरा जोर लगाए हुए थी| सुनसान सड़क कोई दुकान भी खुली नजर नहीं आ रही थी| अपनी पुरानी घिसी हुई साड़ी से बच्चे को ढकने की नाकाम कोशिश … Read more

किस्मत

 Moral Stories in Hindi औरत कितनी भी मजबूर हो,निष्ठुर हो पर वो हार जाती है ।हां हार , उससे जिसे ………। सोच ही रही थी कि सुधीर की आवाज़ सुनाई पड़ी ।सुनती हो ज़रा इधर तो आना देखो ना दवाई की सीसी नही खुल रही …और वो सुन कर भागी भागी गई उस इंसान के … Read more

काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती – डॉ आभा माहेश्वरी : लघुकथा

एक गाँव के पास एक छोटा सा बाजार था। वहाँ एक चालाक व्यापारी, मोहन, हर हफ्ते नया बहाना बनाकर ग्राहकों को ठगता। कभी कोई मसाला लाता और कहता, “यह मसाला विदेश से आया है,” तो कभी “यह तेल जड़ी-बूटियों से बना है, जटिल रोगों का इलाज होता है इससे।” सीधेसादे लोग उसके झाँसे में आ … Read more

एक मुँह दो बात – के कामेश्वरी : लघुकथा

रमा को देखने के लिए चाचा और भाई आए थे । उसकी सास शशि उनको देखते ही प्यार से बिठाया और अंदर की तरफ मुँह करके बोली रमा बेटा रसोई में जहाँ का काम वहीं छोड़कर आ जा तुम्हारे चाचा और भाई आए हैं । अब मैं आपको क्या बताऊँ बहुत ज़िद्दी है हम में … Read more

दिखावटी रोना – सुदर्शन सचदेवा : लघुकथा

सावित्री के घर आज खूब रौनक थी , क्योकि काशवी की शादी तय हो गई थी | रिश्तेदार आ जा रहे थे, कहीं हंसी ठिठोली और कहीं मस्ती में झूम रहे थे | सावित्री भी सबके साथ हंसते हुए तैयारियों में व्यस्त थी – पर कभी कभी दूसरे कमरे में जा कर रो देती थी … Read more

एक आंख से रोवे एक आंख से हंसे – गीता अस्थाना :

महिम बाबू अपने बेटों की शिक्षा और उन्हें सुयोग्य बनाने के उद्देश्य से गांव छोड़कर शहर में आए। उनके दो अपने बेटे थे सुरेन्द्र और महेंद्र। तीसरा उन दोनों से छोटा वीरेंद्र,जो उनके भाई का था , उसके बाल्यकाल में ही उनका निधन हो गया था। जीवनयापन के उद्देश्य से उन्होंने गोलघर मार्केट में एक … Read more

एक आंख से हंसे एक से रोवे – शुभ्रा बैनर्जी :

 Moral Stories in Hindi अमृता पापा की बहुत लाड़ली थी।पापा उसके नाज -नखरे उठाते रहे जिससे वह जिद्दी हो गई थी। बात-बात पर बगावत कर देती मां से।नकचढ़ी हो गई थी बहुत अमृता।काम काज में बहुत होशियार थी,पर करती अपने मन की थी।कॉलेज में सेकेंड इयर में थी,तभी एक अच्छा रिश्ता आया उसके लिए। लड़के … Read more

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