आंखों का पानी ढलना – सीमा सिंघी

इन दो सालों में राधे और बंसी दोनों भाइयों के बीच बहुत कुछ बदल चुका था। वजह थी एक जमीन का टुकड़ा। जिसे पिता हरि प्रसाद ने दोनों भाइयों में बराबर बराबर बांट दिया था। छोटे भाई बंसी को इससे कोई परेशानी न थी, परेशानी थी तो बस राधे को, उसे यही लगने लगा की … Read more

आंखों का पानी ढालना – नाज़ मन्नत

श्यामलाल एक कस्बे में रहने वाला व्यक्ति था। वह न तो मेहनती था और न ही ईमानदार, परंतु उसमें एक विशेष गुण अवश्य था—उसे किसी भी बात की लज्जा नहीं आती थी। लोग कहते थे कि उसने तो पूरी तरह आंखों का पानी ढाल दिया है। वह बिना शर्म किए झूठ बोलता, दूसरों का हक … Read more

आंखें भर आना – सुदर्शन सचदेवा 

निहारिका एक UX डिजाइनर थी—हमेशा व्यस्त, हमेशा भागती हुई, हमेशा “ओके, आई’म फाइन” कहते हुए। पर उसके फोन की स्क्रीन पर एक ऐप था जिसे उसने कभी नहीं खोला था—“MemoryVault”। यह ऐप आवाज़, संदेश और छोटी यादों को सुरक्षित रखता था। यह ऐप उसके पिता ने उसकी आखिरी जन्मदिन पर इंस्टॉल किया था। तभी एक … Read more

अब और नहीं – लतिका श्रीवास्तव 

हर बार सुजल उसे बेइज्जत करता वह चुप रहती। शायद उसके प्रति अगाध विश्वास, अलगाव का भय, आर्थिक निर्भरता और पुत्र के भविष्य की आशंका मृणाल को उसकी कटूक्तियों को अनदेखा करने पर बाध्य कर देते थे। वह इस तथ्य से अवगत था इसीलिए वह आए दिन उस पर अत्याचार करता उसे खून के आंसू … Read more

खून के आसूं रुलाना – खुशी

सरला एक तेजतर्रार औरत थी पूरे मोहल्ले में प्रसिद्ध दो बेटियां वो भी मां के अनुरूप और एक बेटा प्रणय पति नीरज जी भी चुप रहने वाले उनकी बीवी के सामने चलती ही नहीं थी।बड़ी बेटी हर्षा की शादी घर के पास ही हुई थी और छोटी गीतू की दूसरे शहर पर वो भी अपने … Read more

धोखेबाज़ कौन? – मीनाक्षी गुप्ता

राहुल की लग्जरी कार जैसे ही सिग्नल पर रुकी, अचानक उसकी आँखें सड़क पार जा टिकीं। उसने देखा कि उसकी प्रेमिका किसी दूसरे लड़के के साथ बाहों में बाहें डालकर घूम रही है। उसे बहुत दुःख हुआ, उसका दिल टूट गया। “धोखेबाज़ लड़की! हद है! मेरे जैसे सच्चे आशिक़ को यह सिला मिला? मैंने इस … Read more

खून के आंसू रुलाना – सुदर्शन सचदेवा 

आज के समय में जिंदगी की रफ़तार जितनी तेज हो गई  है , उतनी ही मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसी ही एक कहानी है रिद्धि की, जो एक साधारण परिवार से थी, पर उसके सपने बिल्कुल असाधारण थे। वह फैशन डिज़ाइनर बनना चाहती थी, लेकिन हालात ने उसे खून के आँसू रुलाने में … Read more

घाव हरे करना – खुशी

रीना की मां का आकस्मिक निधन हो गया।वो छुट्टियों में अपनी मां के पास गई थी और अचानक हार्ट अटैक होने से उनका देहांत हो गया इस समय रीना की दुनिया उजड़ गई वो अपनी मां को बहुत प्यार करती थी उसकी तो दुनिया ही उजड़ गई।वो इस गम से सम्भल ही नहीं पा रही … Read more

परिवर्तन – लतिका श्रीवास्तव

अचानक तुम्हें नौकरी करने का क्या फितूर सवार हो गया है। मैंने हमेशा कहा है ऊंची से ऊंची डिग्री ले लो जितना पढ़ना चाहो पढ़ लो।इतना अच्छा घर वर मिल गया है।शादी हो जाने दो फिर अपने घर जाकर जो करना हो करते रहना सुमेर जी के रूढ़ियां लपेटे तर्क बेटी नंदिनी के गले के … Read more

हिम्मत – स्नेह ज्योति 

सुबह-सुबह सूरज़ की किरणों से अंधियारा ज़रुर छँट जाता है…..  लेकिन आत्मा पर छाया अंधियारा शायद इस रोशनी में ऑर गहरा होता जाता है । जहाँ ठंड के मौसम में पक्षी अपनी मधुर ध्वनि में चहचहा रहे थे । वहीं भीनी-भीनी धूप झरोखों से झाँक मेरे पैरों को गरमाहट दे ना उठने का बहाना बनी … Read more

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