रिश्तों की अहमियत को समझो बेटा – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्या बात है दीदी तुम्हारे बेटे की शादी है और तुम उदास सी चिंतातुर बैठी हो क्यों क्या हुआ अमिता अपनी बड़ी बहन सविता से बोली। कुछ नहीं रे बस ऐसे ही सोच रही थी कि आजकल के बच्चे कैसे हों गए हैं जो रिश्तों को खेल समझते हैं रिश्तों की मर्यादा को समझते ही … Read more

रिश्तों की मर्यादा – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

मेरी कहानी बनारस के गंगा घाट के इर्द गिर्द घूमती है ! जहाँ भोले नाथ का वाश है! मै बचपन से ही सपने में बनारस के गंगा घाट के सपने देखा करती थी ! मुझे अक्सर ऐसा लगता था जैसे मै बनारस पहुँच गयी हूँ और गंगा घाट पर मै सुबह से उनकी सीढ़ियों पर … Read more

रिश्तों की मर्यादा – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

कमरे में हल्का अंधेरा था। बाहर बारिश की बूँदें, खिड़की पर थिरक रही थीं — जैसे हर बूँद पूछ रही हो, “क्या आज फिर कोई रिश्ता भीगने वाला है?” नैना ने आरव को देखा — उसकी पीठ अब भी मुड़ी हुई थी, जैसे उसने बात नहीं सुनी हो। लेकिन नैना जानती थी — आरव सब … Read more

कच्चे धागे – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

सुलभा नई नवेली दुल्हन बनकर सुयश के घर आई थी।रूपवान सुलभा के अनुपम सौंदर्य ने ससुराल में हर किसी को अपना चहेता बना लिया था। आधुनिक विचारधारा की सुलभा ने आते ही रसोई घर में नए-नए प्रयोग शुरू कर दिए थे।सास (रमा) ने अपने घर में जो भी नियम कानून बनाए थे,बहू ने आते ही … Read more

हाँ, मैं आधुनिक नहीं हूँ – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

आओ ना रिया। इतनी दूर क्यों खड़ी हो? सभी मोहित का संगीत इंजॉय कर रहे है और एक तुम हो कि एक तरफ कोने मे बैठी हो।तुम्हे तो देखकर लग ही नहीं रहा है कि तुम्हे अपने देवर की शादी की कुछ ख़ुशी भी है।चलो भी अब सभी डिस्को थेक पर तुम्हारा इंतजार कर रहे … Read more

रिश्तो में अपनापन “….पूर्वानुमानित धारणा ना बनाएं… – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

देखो कुहू ….इस बार भी तुमने मना किया ना तो फिर तुम ही ढूंढ लेना अपने लिए लड़का……. झल्लाते हुए मीना ने बिटिया कुहू को शादी के रिश्ते के लिए हांमी भरने की चेतावनी दी……!  हाँ मम्मी बिल्कुल…यदि लड़का मेरे लायक होगा और मुझे पसंद आयेगा तो जरूर रिश्ता पक्की हो जायेगी….हँसते हुए कुहू ने … Read more

शुभम के दादाजी – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

     ”  पापा जी , यह दादा जी कब तक हमारे यहां रहेंगे ? बारह वर्षीय शुभम ने अपने पापा से पूछा|                ” ये अब यही रहेंगे हमारे साथ |  तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो ?”  पापा ने शुभम से कहा |                            … Read more

“रेखाएं जो जोड़े रखती हैं” – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

रायन और श्रुति – एक परफेक्ट कपल कहे जाते थे। दोनों ही मल्टीनेशनल कंपनियों में ऊँचे पदों पर थे, आधुनिक जीवनशैली जीते थे और स्वतंत्र सोच के समर्थक भी थे। शादी को पाँच साल हुए थे, पर अब रिश्ते में वो गर्माहट नहीं रही जो शुरू के दिनों में थी। शुरुआत में सब कुछ अच्छा … Read more

“रंगोली रिश्तों की” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

मीना का भरापूरा परिवार था| अधिकतर सभी रिश्तेदार शहर में ही रहते थे।सास-ससुर के जाने के बाद भी उसने सबसे व्यवहार बनाकर रखा था। मिलनसार होने के कारण मीना के घर रिश्तेदारों का आना-जाना लगा रहता था।मीना ने अपने बेटे रोहित की शादी बड़ी धूमधाम से की थी।बहु नैना को भी वह बहुत प्यार करती … Read more

“रिश्तो की मर्यादा” – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

रघुनाथ जी गांव के जाने-माने किसान हैं ।उनके पिताजी का काफी समय से पुश्तैनी संयुक्त परिवार रहा है । अब पिताजी रहे नहीं । रघुनाथ जी दो भाई छोटे भाई हरि कृष्ण, उनकी पत्नी राधा रानी । हरि कृष्ण जी के दो बच्चे एक बेटा राजू एक बेटी राज । बेटा तो अभी पढ़ रहा … Read more

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