“एक पन्ना, कई राज़”- ज्योति आहूजा

रविवार की सुबह थी। धूप अलमारी के काँच पर सरकती हुई जैसे बीते वक़्त को सहला रही थी। काव्या अपने पुराने सूट-कपड़े जमाने में लगी थी, और पास ही बैठी अन्वी कुछ सोच रही थी — वो अब 12वीं पास करके प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। लेकिन किताबों के बीच उसकी दुनिया बस … Read more

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