पत्नी की चतुराई – शुभ्रा मिश्रा : moral stories in nindi

आज दस दिन मायके मे रहकर नम्रता अपने घर लौट रही थी।गाड़ी अभी गंतव्य से एक स्टेशन पहले ही थी, तभी नम्रता नें अमर को फोन कर दिया था कि स्टेशन पर गाड़ी पहुंच रही है, तुम कहा हो? अमर नें कहा कि गाड़ी अभी तो एक स्टेशन दूर है। नम्रता को लगा कि वह … Read more

राज खोलना – भावना कुलश्रेष्ठ : Moral Stories in Hindi

दिसंबर की वह सुबह कुछ अलग थी। आसमान धुँध से ढँका हुआ था, चारों ओर घना कोहरा…. मानो जिंदगी के सारे राज अपने धुंध में छिपाकर ही मानेगी। अस्पताल के बरामदे में बैठी 22 वर्षीय नेहा के चेहरे पर उदासी की मोटी परत जमी थी। माँ अंदर ICU में जीवन से जूझ रही थी, और … Read more

राज खोलना – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

   सुशांत और मनोज बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक साथ  दसवीं बोर्ड परीक्षा पास किए थे और एक ही साथ 11वीं में नामांकन लिये थे |  दोनों पढ़ने में अच्छे  थे | सुशांत जहां अच्छे घर का लड़का था वहीं मनोज के घर की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी फिर भी दोनों में अच्छी … Read more

राज को राज रहने दो – विमला गुगलानी :Moral Stories in Hindi

 “ ममी मेरी वो जयपुरी लहरिया लाल पीली चुन्नी नहीं मिल रही, कहीं देखी आपने, आज कालिज में तीज उत्सव मनाया जा रहा है, तो मैनें वो ओढ़नी थी” छवि ने तैयार होते होते मां से पूछा।    “ मिलेगी कहां से, वो तो छाया को ओढ़े देखा मैनें, अभी अभी तो गई है , तेरे … Read more

राज खोलना – डाॅ संजु झा

पिछले कुछ दिनों से बैंक प्रबंधक रमण जी काफी परेशान थे।एक तो दिनभर बैंक में माथा-पच्ची और घर आने पर पत्नी और बच्चों का डरा सहमा चेहरा उनकी पेशानी पर चिंता की रेखाऍं डाल रहा था।पत्नी सीमा ने नाम -पता विहीन पत्र पकड़ाते हुए कहा -“देख लो!तीसरी बार यह धमकी भरा पत्र आ चुका है!अब … Read more

राज खोलना – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

आज फिर प्रीति नींद से चौंककर उठ बैठी, उसका चेहरा पसीने से भीगा था। राज ने घबराकर पूछा, “क्या फिर वही सपना देखा?” प्रीति चुप रही, लेकिन उसकी आँखों में डर साफ झलक रहा था। राज ने उसे बाँहों में भरते हुए कहा, “प्रीति, सपने अक्सर वही दर्द दिखाते हैं जिन्हें हम दिल में दबा … Read more

राज खोलना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

दीदी क्या बात है आजकल आपने मायके आना छोड़ ही दिया है।  इस बार गर्मियों की छुट्टी पर भी आप हमसे मिलने नहीं आई ?? नहीं नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं है। वह तो बस मैं इन दिनों थोड़ा व्यस्त रहने लगी हूं। शिव को भी मैंने इस गर्मी की छुट्टियों में एक्स्ट्रा क्लास … Read more

जीने की कला – रश्मि वैभव गर्ग : Moral Stories in Hindi

सतरंगी थीम थी किट्टी में । सबको हँसने हँसाने वाली ऋतु आज किट्टी पार्टी में नहीं आई थी ।सारी सखियाँ उसे याद कर रहीं थीं । किट्टी को रंग देने वाली वाली ऋतु की कमी सबको खल रही थी । फ़ोन लगा कर ऋतु से उसके न आने का कारण पूछा तो ऋतु ने बताया … Read more

“दोस्त या दुश्मन!” –  सुनीता मौर्या “सुप्रिया” : Moral Stories in Hindi

“राज की बात कह दूँ तो जाने महफिल में फिर क्या हों?” धर्मा फिल्म की कव्वाली की ये लाईन गाते हुए शिखर हॉस्टल के रुम में दाखिल हुआ।  उसका रुममेट सचिन किसी ध्यान में मग्न था…ये गाना सुनकर एकदम  घबरा सा गया…जैसे शिखर उसके ही किसी गहरे राज की बात खोलने के बारे मे कह … Read more

राज खोलना – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

आज जानकीदास इमरजेंसी लेबर रूम के बाहर चिन्ता जनक मुद्रा में बैठे थे। अन्दर उनकी पत्नी पार्वती की डिलीवरी जो होने वाली थी। तभी डाक्टर बहार आकर बताती है देखिए जानकी जी मैंने आपको पहले ही बता दिया था ये केश बहुत की उलझनों से भरा है इसमें ऐसा भी हो सकता हमें बच्चे या … Read more

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