आन, कसम से बड़ा भाई -बहन का प्यार – लतिका पल्लवी  :  Moral Stories in Hindi

आरती की मकान मालकिन की बेटी प्रिया जो कि दसवीं कक्षा मे पढ़ती थी वह प्रतिदिन उसके घर उसकी बेटी के साथ खेलने आती थी साथ ही पुरे मुहल्ले की खबर भी आरती को देती।आरती की बेटी तीन वर्ष की थी जिसके साथ प्रिया को खेलना अच्छा लगता था।आज जब दोपहर  मे स्कूल से आने … Read more

 “ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का नहीं है – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“माँ, इस बार जब छुट्टी पर आया हूँ, तो सोच रहा हूँ कि रिया की शादी की बात आगे बढ़ाई जाए।” रितेश ने खाने की मेज़ पर बैठते हुए कहा। माँ ने रसोई से मुस्कुराकर जवाब दिया, “बहुत अच्छा सोच रहे हो बेटा, तेरे पापा की जगह तूने हमेशा निभाई है। रिया के लिए अच्छा … Read more

“इसे समझो ना रेशम का तार,राखी का मतलब है प्यार”-सुनीता मौर्या “सुप्रिया :Moral Stories in Hindi

ये बंधन सिर्फ कच्चे धागो का नही , प्यार और जिम्मेदारियों का भी हैप्रिय पाठकों आपने मेरी पिछली कहानी पढ़ी “राखी का धोखा”,आप सभी सुधी पाठकों का प्यार मिला अब उसका दूसरा भाग पढ़िये, “इसे समझो ना रेशम का तार,राखी का मतलब है प्यार!”जिन लोगों ने मेरी पिछली कहानी नही पढ़ी प्लीज वो Betiyan.in पर … Read more

सच्चा बंधन – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

“मम्मी,घर से दूर रहकर एक नई बात समझ में आई है मुझे।पूछो क्या?” रागिनी की बेटी (रिया)ने पूछा।रागिनी ने भी उत्सुकता से कहा”क्या बात ?बता ना।” “मां,बहन को उसकी रक्षा का वचन देकर  कलाई पर राखी बंधवाने का चलन सदियों पुराना है।देखो ना,जिनके भाई नहीं होते,वो लड़कियां तो असुरक्षित रह जातीं हैं।कोई उनकी रक्षा का … Read more

रिश्तों की गांठ – प्रतिमा पाठक :Moral Stories in Hindi

राखी का त्यौहार आने वाला था। बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सजे हुए थे, और बहनों की भीड़ हर दुकान पर उमड़ रही थी। मगर इस रौनक से दूर, एक छोटे से गांव की स्नेहा, चुपचाप एक राखी अपने हाथों से बना रही थी। वह हर साल की तरह इस बार भी अपने भाई अतुल को … Read more

ये बंधन सिर्फ़ कच्चे धागों का नहीं है – करुणा मालिक : Moral Stories in Hindi

आप भी ग़ज़ब करती हैं भाभी, अंशी  ने बचपन में राखी बाँधी थी  एक बार नितिन को । ये बंधन सिर्फ़ कच्चे धागों का नहीं है । इससे विश्वास, संकल्प और मान- मर्यादा जुड़ी होती हैं ।  स्नेहा ! अंशी छह साल की थी जब उसके पापा का तबादला हो गया था । उसके बाद … Read more

ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का नहीं है – रेखा सक्सेना

“माँ, इस बार जब छुट्टी पर आया हूँ, तो सोच रहा हूँ कि रिया की शादी की बात आगे बढ़ाई जाए।” रितेश ने खाने की मेज़ पर बैठते हुए कहा। माँ ने रसोई से मुस्कुराकर जवाब दिया, “बहुत अच्छा सोच रहे हो बेटा, तेरे पापा की जगह तूने हमेशा निभाई है। रिया के लिए अच्छा … Read more

ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का नहीं है – सीमा सिंघी :  Moral Stories in Hindi

राज राखी पर तुम और जूही भाभी मेरे घर आ रहे हो ना। मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है,क्योंकि जब राखी पर आती हूं तो पापा से भी मिलना हो जाता है, मगर इस बार साहिल को ऑफिस की कुछ ज्यादा ही जिम्मेदारियां मिल गई है। तुम तो जानते हो भाई । साहिल … Read more

बरसात के बाद की धूप – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ :  Moral Stories in Hindi

अहमदाबाद की बारिश जैसे शहर को नहीं, रागिनी के भीतर के सूनेपन को भिगो रही थी। खिड़की के बाहर रुक-रुक कर गिरती बूँदें, बहती सड़कें और बिजली के टूटे हुए प्रतिबिंब—सब कुछ किसी धीमे और उदास गीत जैसा लग रहा था। खामोशी से बैठे हुए रागिनी को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे बाहर का … Read more

कच्चा धागा – प्रियंका सक्सेना :  Moral Stories in Hindi

सीमावर्ती गाँव सिजोरीपुर की हवा में मिट्टी की सौंधी ख़ुशबू के साथ एक अलग ही मिठास घुली है । सिजोरीपुर सीमा के निकट बसा एक छोटा-सा गाँव है  — सरहद से सटा पर दिलों से जुड़ा हुआ। रक्षाबंधन  का त्योहार आने में कुछ दिन ही शेष हैं।  वहाँ की एक लड़की चम्पा की राखी सिर्फ … Read more

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