“एक हिसाब ऐसा भी माँ के आंसुओं का” –    सुनीता मौर्या “सुप्रिया”

आज शहर में एक घर दुल्हन की तरह सजा था…घर क्या कोठी कहिए। कोठी की हर दीवार दरवाजे खिड़की सब जगह फूल और लाईटें  लगी थी। घर का कोना कोना रोशन था। तभी गेटके सामने एक लम्बी सी कार आकर रुकी। गाड़ी से एक ख़ूबसूरत हैंडसम नौजवान बाहर आया , ये आयुष एक बडी कंपनी … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब क्या दोगी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नेहा ओ  नेहा मां कितना खांस रही है आज दवा नहीं खाई है क्या, अब क्या करूं मैं सुमित सबकी नींद खराब होती है गोलू भी नहीं सो पा रहा होगा ।देखो जरा सुमित बोला नेहा से ,नेहा उठकर कमरे में गई और गुस्से को दबाते हुए दबी जवान में बोली क्या है मां आप … Read more

“एक हिसाब ऐसा भी माँ के आंसुओं का”- सुनीता मौर्या Moral Stories in Hindi

आज शहर में एक घर दुल्हन की तरह सजा था…घर क्या कोठी कहिए। कोठी की हर दीवार दरवाजे खिड़की सब जगह फूल और लाईटें  लगी थी। घर का कोना कोना रोशन था। तभी गेटके सामने एक लम्बी सी कार आकर रुकी। गाड़ी से एक ख़ूबसूरत हैंडसम नौजवान बाहर आया , ये आयुष एक बडी कंपनी … Read more

मां के आंसुओं का हिसाब – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

भुलक्कड़ मां रीना अब नौकरी कर रही थी पुणे में।बचपन से तरस गई थी,परिवार के साथ कहीं घूमने जाने को। गर्मियों की दो महीने की लंबी छुट्टियों में हर बार पहाड़ ही जाते थे भाई-बहन मां के साथ।मां बारिश होने पर बड़े गर्व से पहाड़ों से गिरने वाले झरने भी दिखाती थी,खुशी से झूमते हुए … Read more

ईश्वर का न्याय – शुभ्रा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

लता तुम अभी तक तैयार नहीं हुई? तुमको तो हरेक काम मे समय लगता है।  हम लड़की वालो के घर लेट से पहुंचेंगे तो वे लोग हमारे बारे मे क्या सोचेंगे? हम उन्हें क्या जबाब देंगे? किसी के घर समय से जाना चाहिए, पर तुम्हे तो हमारी इज्जत का कुछ ख्याल ही नहीं रहता है। … Read more

माँ के आँसुओं का हिसाब – Moral Stories in Hindi

एक छोटे से किराए के घर में, सरिता अपने नन्हे बेटे रवि के साथ रहती थी। दुनिया की नज़र में वो अकेली थी, पर रवि… रवि को बचपन से ही सब  नाजायज कहकर बुलाते थे । यह शब्द उसके नन्हे कानों में ऐसे चुभता था जैसे कोई तीखा पत्थर। हर गली-नुक्कड़ पर, स्कूल में, बाज़ार … Read more

हर आंसु का हिसाब हुआ पूरा – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“मां, आप फिर रो रही हैं?” बड़ी बेटी ने आधी रात को जागकर मां को तकिए में मुंह छिपाकर सिसकते देखा। राधा ने सिर फेरते हुए कहा, “नहीं बेटा, ये तो बस थकान है।” “मां, अब हम बच्चे नहीं हैं, आपकी आंखों के हर आंसू का मतलब समझते हैं।” राधा ने उन्हें सीने से लगा … Read more

माँ की आँसुओं का हिसाब – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

रागिनी की नींद खुली तो देखा सुबह के आठ बज रहे हैं। उसके देर से उठने का कारण …… वह रात को बहुत देर तक जाग रही थी । उसे रात भर नींद नहीं आई थी … मालूम नहीं क्यों ? उसे कल रात पति नागराज की बहुत याद आ रही थी। वे सरकारी नौकरी … Read more

मां के आंसू – खुशी : Moral Stories in Hindi

राधा और मोहन दोनो पति पत्नी थे।घर में सास शीला देवरानी गीता,देवर महेश थे।मोहन एक छोटी सी नौकरी करता था और  महेश बैंक में तो महेश की माली हालत महेश से अच्छी थी।इसी बात का गीता को घमंड भी था।राधा और मोहन का एक बेटा था नितिन और महेश और गीता के दो बच्चे थे।अमन … Read more

**माँ के आँसुओं का हिसाब** – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

गाँव की संकरी गलियों में धूप की एक किरण ने जैसे हीरा बिखेर दिया था। मगर मीनाक्षी की आँखों में उस चमक का कोई असर नहीं था। वह अपनी झोंपड़ी के सामने बैठी, सूखी लकड़ियों को तोड़ते हुए, उन टूटते तंतुओं में शायद अपना ही बिखरा हुआ जीवन देख रही थी।   उसकी पीठ पर बँधा … Read more

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