बेटी का घर बसने दो भाभी – मंजू ओमर 

हेलो अंकिता क्या कर रही हो बेटा क्या करूंगी मम्मी, खाने की तैयारी कर रही हूं। अभी अभी तो ऑफिस से आई होगी थोड़ा आराम कर ले बेटा खाने में लग गई। नहीं तो बाहर से कुछ आर्डर कर ले। अरे नहीं मम्मी बुढ़िया  को घर की दाल रोटी खानी है ।और रोज-रोज  बाहर का … Read more

बिटिया का घर भी बसने दो – प्रतिभा भारद्वाज‘प्रभा’:

 Moral Stories in Hindi “अब क्या हो गया तुमको….किस चिंता में बैठी हो ….सब ठीक तो है….”  “अब क्या बताऊं तुमको…..आज फिर उसके यहां झगड़ा हो गया….अभी थोड़ी देर पहले ही उसका फोन आया था….खैर तुम अभी अभी दफ्तर से आए हो पहले आराम से चाय नाश्ता कर लो….”कहते हुए मीनू ने अपनी बहू से … Read more

माँ की भूल -लतिका पल्लवी :

 Moral Stories in Hindi समधन जी हमें माफ़ कर दीजिए। हम रमा को  समझाएँगे। आगे से आपसे वह इस तरह का व्यवहार नहीं करेगी। अरे! आप क्यों माफ़ी माँग रही है?आपने तो कुछ कहा नहीं है और रमा की गलती के लिए आप क्यों माफ़ी मांगेंगे?आप सही कह रही है समधन जी पर अब बिटिया … Read more

बिटिया का घर बसने दो – डोली पाठक :

 Moral Stories in Hindi 38 साल की कुंवारी बिटिया जिस घर में हो और माता-पिता उस बेटी के प्रेम में अंधे हों तो उस घर में बहूओं की स्थिति की कल्पना सहज हीं की जा सकती है… एक ऐसी बेटी की कहानी जिसके प्रेम में पागल हो कर माता-पिता ने उसका विवाह तक नहीं किया… … Read more

तुम भी अपने मम्मी पापा से रिश्ते खत्म कर लों – अर्चना खण्डेलवाल :  Moral Stories in Hindi

मम्मी, मैं घर आ रही हूं, स्वाति ने गुस्से में कहा और सास के समझाने पर भी अपना सामान बांधकर मायके चली गई। रोशनी जी ने दरवाजा खोला तो वो अपनी मम्मी से लिपटकर रोने लगी और फिर कमरे में पैर पटकते हुए चली गई, वहां जाकर सामान रखा और भूख…भूख करते हुए स्वाति ने … Read more

सबक – डा० विजय लक्ष्मी :  Moral Stories in Hindi

बरामदे में पड़ी चारपाई पर बैठे श्यामलाल जी बार-बार एक ही लिफाफा खोलकर देख रहे थे। भीतर से लड़के की फोटो और बायोडाटा निकालते, माथे पर शिकन डालते और फिर अंदर रख देते। उनकी पत्नी सुमित्रा देवी ने पानी का गिलास बढ़ाते हुए पूछा,“क्या हुआ? रिश्ता पसंद नहीं आया क्या?” श्याम लाल जी ने लंबी … Read more

स्वार्थी पिता – सुनीता मौर्या ” सुप्रिया :  Moral Stories in Hindi

जय सियाराम रामेश्वर!” “जय सियाराम विशनू भाई!” “और क्या हाल चाल हैं रामेश्वर?” “सब बढ़िया तुम बताओ कैसे हो?”  “हम भी ठीक हैं…बिटिया देवकी के लिए कोई रिश्ता देखा कि नही?” “अभी तो नही विशनू!” “अब तो  बिटिया सयानी हो गई है कब करोगे शादी!” ” अरे! विशनू अभी तो  बिटिया छोटी है अभी क्या … Read more

बेजोड़ रिश्ता – शुभ्रा बैनर्जी :  Moral Stories in Hindi

“नीरज ओ नीरज,जल्दी घर आना आज ऑफिस से।रिद्धि के घर जाना है।उसके मम्मी -पापा ने बुलवाया है विवाह के बारे में बात करनी है उन्हें।चलो अच्छा है,जल्दी से लेन-देन की बातें तय हो जाएं तो ही अच्छा है।रिश्तेदारी में खबर फैली नहीं कि बातें बनाना शुरू।”नमिता अपने बेटे के जवाब की प्रतीक्षा किए बिना ही … Read more

बिटिया का घर बसने दो – दीपा माथुर :  Moral Stories in Hindi

पापा जब भी कोई चीज़ लाते, मैं उसे बड़ी एहतियात से अपनी अलमारी में रख देती थी — जैसे कोई अनमोल रत्न। पर जो चीज़ मैं कभी मांगती भी नहीं थी, वो पापा ख़ुद लाते थे — किताबें। छोटी-छोटी नैतिक कहानियाँ, बाल मन को गढ़ने वाली कथाएँ। आज के मोबाइल युग में भले ही सब … Read more

बिटिया का घर बसने दो – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

स्मृति इंजीनियरिंग करके बहुत अच्छी कंपनी में कार्यरत थी।अच्छे काम के चलते कई बार कंपनी की तरफ से विदेश हो आई थी और दो साल में ही प्रमोशन मिल गया था। घर में रागिनी जी, बिमलेश जी और एक बेटा राकेश और बिटिया स्मृति थे। उम्र बढ़ने लगी तो बिमलेश जी सुयोग्य वर के लिए … Read more

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