पत्थर दिल – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

मुझे पड़ोस में रहने वाली मिसेज शर्मा को पूजा करते हुए देखना बेहद अच्छा लगता था। वो अपने आंगन में बने हुए तुलसी चौरे के सामने बैठ कर घंटों पूजा करती थीं। उनकी तुलसी भी बहुत घनी थी और उसने बड़ा गोल घेरा बना लिया था। गोरी चिट्ठी, गोल – मटोल ध्यानमग्न मिसेज शर्मा की … Read more

पत्थर दिल – अंकित चहल : Moral Stories in Hindi

हे भगवान कैसे पत्थर दिल आदमी से शादी हुई है। मेरा तो भाग्य ही ख़राब है। इस आदमी को मेरी भावनाओं की कोई कद्र नहीं। रश्मि लगातार बोले जा रही थी, अतुल चुपचाप आॅफिस के लिए तैयार हो रहा था।                    रश्मि और अतुल काॅलेज के समय से ही दोस्त थे, रश्मि अतुल को पसंद करती … Read more

बेजान पड़ा वह पत्थर था – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

अपनी नौकरी लगने के लगभग एक साल में ही प्रशांत बाबू ने एक घर बनवा लिया था।इसके लिए बैंक से लोन के साथ-साथ बीबी के गहने भी बेचने पड़े उनको। जिले में घर यही सोचकर बनवाया था उन्होंने,कि सारे रिश्तेदार (पत्नी)पास ही हैं। सुख-दुख में काम आएंगे।विडंबना यह रही कि घर बनने के बाद जिसने … Read more

माँ का दिल – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

आज मधुर को फिर एक लड़की देखने जाना था लड़की वालो को खबर कर दिया गया था कि लड़का अकेले आएगा।उन्हे यह भी बताया गया था कि लडके वालो की बस एक ही डिमांड है कि लड़की गोरी और सुंदर होनी चाहिए ।लड़का की माँ का कहना था कि पहले सिर्फ लड़का मिलने जाएगा, यदि … Read more

“पत्थरदिल” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

तुम्हारे पापा पत्थर दिल इंसान नहीं है बेटा, अगर तुम्हें तुम्हारी गलत बातों के लिए रोकते टोकते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह तुमसे प्यार नहीं करते। तुम ही उन्हें नहीं समझोगे तो वे बिल्कुल टूट जाएंगे। तुम दोनों भाई बहनों ने न जाने क्यों अपने मन में उनकी छवि ऐसी बना … Read more

पत्थर दिल –  उषा वेंकटेसन : Moral Stories in Hindi

सावित्री सर नीचा करके अपने घर गई। शाम का समय था। बच्चे खेल रहे थे और कुछ लेडीज बेंच पर बैठ कर बातों कर रही थी।. उसे देख कर वह लोग बिल्डिंग के कोने में जाकर फुसफुसा ने लगीं। तेजी से सावित्री सीढ़ियां चढ़कर घर के अंदर गई। बेटे को मिली? कैसा है? क्या बोला? … Read more

**पत्थर दिल** – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

गाँव के किनारे वह पुराना बरगद का पेड़ आज भी खड़ा था, जिसकी छाँव में कभी हँसी-ठिठोली गूँजा करती थी। पर आज उसके नीचे बैठी शांति की आँखों में वह चमक नहीं थी, जो कभी उसके बचपन में दिखती थी। उसकी साड़ी फटी हुई थी, हाथों में जख्मों के निशान थे, और होंठों पर एक … Read more

पत्थर दिल – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

रे मोहित बहू को लें आ-यह मां की आवाज थी। खुद आ जायेगी मां,जब आना होगा-मोहित ने ठंढे स्वर में जबाब दिया। फिर भी साल भर हो गये,अब मुन्ना भी बोलने लगा होगा।-आखिर मां सपने की आंखों से पोता को देख रही थी। अब मोहित दफ्तर चला गया उसकी मां की आंखों से सावन भादो … Read more

और वो खिल उठी – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“राहुल देखो ये साड़ी कैसी रहेगी दीवाली के दिन पहनने के लिए?” “अरे तुम्हें जो पहनना है पहनो मेरा दिमाग मत खाया करो।कहीं जाना हो तो तब तुम्हे बताओ क्या पहनो,कोई घर में आए तब तुम्हें बताओ क्या पहनो।कुछ अपनी अकल से भी काम ले लिया करो।”राहुल झुँझलाते हुए बोला। नेहा बड़े चाव से साड़ी … Read more

पत्थर दिल – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

मुझे (नीता) अपने पत्थर दिल बाॅस की कहानी याद आ रही है,जिसे अपने शब्दों में बयां करने की कोशिश कर रही हूॅं। मेरे माता-पिता रोजगार के सिलसिले में मेरे जन्म से पहले ही अन्य राज्य  से आकर मुंबई में बस गए। मेरा जन्म मुंबई में  ही हुआ है। बचपन से ही मुझे लोग खुबसूरत कहते … Read more

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