देखो तुम्हारी चिंता जायज तो है – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 आज अमन ऑफिस जाने के तकरीबन दो घंटे बाद ही पूरा परेशान हो चुका था ! वजह थी कभी उसके फोन का आना, कभी पेपर वर्क पूरा करवाने के लिए उसके स्टाफ का आना, कभी  लैपटॉप में अपनी फाइल चेक करना,एक फोन पर बात कर के रखते ही तुरंत दूसरे फोन के आ जाने से … Read more

“जड़ें हिलती हैं जब…” – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

(एक दृश्यात्मक पारिवारिक कहानी — भावों से भीगी, समय की सच्चाइयों से टकराती) बरामदे में बैठकर अख़बार पढ़ते-पढ़ते दादा जी का चेहरा सख्त हो गया था। चश्मे के पार से उनकी आँखें अख़बार के हर शब्द को जैसे चीरकर देख रही थीं। “आजकल का ज़माना… कोई किसी का नहीं रहा।” हाथ काँपे, कप चाय छलक … Read more

साहस – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

   विषम परिस्थितियों का झोंका एक के बाद जब बर्दाश्त से बाहर हो गया तब गौरी ने अपनी सहेली उमा के घर का रुख किया।  गौरी को अचानक अपने सामने देख उमा के  खुशी का पारावार न रहा,” ये आज सूरज किधर से निकला।” पंखे के नीचे इत्मीनान से बैठ कर गौरी ने फरमाइश की, ” … Read more

अपना अपना भाग्य – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

भागो,बहू कहाँ हो सब? कोई सुन क्यों नहीं रहा? इस बुढ़िया को कोई एक लोटा पानी देगा? बूढ़ी दादी अपनी बहू और पोती को पानी के लिए आवाज लगा रही थी, पर कोई सुन नहीं रहा था। दादी को तीन दिन से बुखार था इसलिए वे बहुत कमजोर हो गईं थी। उन्हें चलकर रसोई मे … Read more

चिंता चिता एक समान – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    “ अरे सरपंच साहब, आप यहां, तबियत तो ठीक है, कहलवा भेजते तो मैं हवेली में हाजिर हो जाता”, डा़ हेमंत ने गांव के सरपंच रघुनाथ जी को डिस्पैंसरी में देख कर कहा।  डा. हेमंत अल्मारी से कोई दवाई लेने गए तो उन्होंने खिड़की में से देखा कि सरपंच साहब चुपचाप अपनी बारी आने का … Read more

*मेरा अपना क्या* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    माँ-ओ माँ, एक बात कहूं,पता नही क्यूँ आज मेरा मन तेरी गोद मे सिर रख कर सोने को कर रहा है।बहुत याद आ रही है, तेरी।पर यहां भी तो तेरा ये बेटा तेरी और अपनी मां के लिये ही लड़ रहा है।सुन सोनी है ना,थोड़ी अल्हड़ है,एकदम मुझसे रूठ जाती है,मैं उसे कैसे समझाऊं यहां … Read more

देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देखिए ना कैसी जिद पर अड़ी हुई है बाहर इतने सारे पीजी हॉस्टल खुले हुए हैं और महारानी को अलग से कमरा लेकर रहना है कहती है साथ में रहकर पढ़ाई नहीं होती, जब सारे काम खुद करने पड़ेंगे तब कैसे करेगी ऊपर से हमें भी चिंता रहेगी,  खाना बनाना कपड़े धोना आना-जाना सब तरह … Read more

*चिंता की लकीरें* – प्रतिमा पाठक : Moral Stories in Hindi

देखो, तुम्हारी चिंता तो जायज है… ये कहते हुए सीमा ने अपनी सहेली राधा का हाथ थाम लिया। उनके बीच वर्षों पुरानी दोस्ती थी, पर आज की बात कुछ अलग थी। चिंता का बोझ राधा के चेहरे पर साफ झलक रहा था। राधा के बेटे आदित्य ने अभी कॉलेज पास किया था और अब वह … Read more

चिंता – खुशी : Moral Stories in Hindi

अमर और रीना दो बेटों अमन और नमन तथा एक बेटी ऋद्धि के माता पिता थे।अमर जी की मार्केट में स्टेशनरी की दुकान थी।बच्चे पढ़ने में अच्छे थे तो दोनों का ही सपना था बच्चे तरक्की करे ।  समय बिता बड़ा बेटा अमन सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया और अमेरिका की कंपनी में उसे नौकरी लग … Read more

“देखो, तुम्हारी चिंता तो जायज़ है” – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

आज सुषमा जी के चेहरे पर खुशी कम, चिंता ज़्यादा थी। बेटे राहुल के लिए लड़की देखने जा रही थीं, पर दिल में कोई डर बैठा था। सोचती रहीं—“आजकल तो शादी के बाद लड़के ही सुरक्षित नहीं रहते। कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।” तभी मोबाइल की घंटी बजी। स्क्रीन पर नाम … Read more

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