रिश्ते सहेजना – लतिका श्रीवास्तव 

अभी ठीक से नींद खुली भी ना थी कि तेज तेज आवाजों ने सुरभि को जगा दिया। थकावट इतनी थी कि पोर पोर लहक़ रहा था।आंखों की पलकें तो खुल कर भी खुलने में असमर्थ थीं।बोझिल माथा दर्द के बोझ कराह रहा था। शादी की धूमधाम अभी खत्म भी कहां हुई है।फिर भी शादी समारोह … Read more

कलह से बचें ,प्यार फैलाएं – कमलेश आहूजा

दीपावली का पर्व था, जहां सारा जग खुशियां मना रहा था वहीं रोहन बेचारा उदास सा बैठा अपने कमरे में टीवी देख रहा।उसने सोचा था,शादी के बाद की इस पहली दिवाली को वो नेहा संग धूमधाम से मनाएगा पर रमा ने जैसे उसकी खुशियों पर पानी फेर दिया।बेटे की खुशियों को नजरंदाज करते हुए रमा … Read more

समस्या से बचना समझदारी नहीं है – लतिका पल्लवी

“जहाँ सुमति तहाँ सम्पति नाना, जहाँ कुमती तहाँ विपत्ति निधाना” तुलसीदास की यह वाणी मृदुला के जीवन पर एकदम सही बैठती है। मृदुला की शादी के मुश्किल से तीन माह भी नहीं हुए थे पर उसनें अपने व्यवहार से पुरे घर को परेशान कर रखा था। तंग आकर उसके पति नें एक दिन उससे कहा … Read more

कलह – मीनाक्षी गुप्ता

शहर की एक अच्छी कॉलोनी में वर्मा जी का फ्लैट था। घर में थे श्रीमान अशोक वर्मा, उनकी पत्नी निर्मला जी, बेटा अमित, और सबसे प्यारी शांता जी (वर्मा जी की माँ और अमित की दादी)। अमित की पत्नी, अमिता, एक मल्टीनेशनल कंपनी में मार्केटिंग हेड थी। निर्मला जी एक समर्पित गृहिणी थीं। उन्होंने अपनी … Read more

रिश्तों का बंटवारा नहीं – शुभ्रा बैनर्जी 

रवि ने बड़े भाई की जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभाई थी।पापा नौकरी से रिटायर हो चुके थे।दो बहनें और एक छोटा भाई था। रवि की नौकरी लग गई थी, पर छोटे भाई (शशि)को नौकरी में कोई रुचि नहीं थी।एक जमीन खरीदकर उसी में मछली पालन का व्यवसाय शुरू कर दिया था उसने। रवि की शादी … Read more

कलह – मंजू ओमर 

महेश बेचैनी से आपरेशन थियेटर के बाहर चहलकदमी कर रहा था । थोड़ी देर में डाक्टर बाहर आए तो महेश लपककर डाक्टर के पास जा पहुंचा, डाक्टर साहब मेरी पत्नी कैसी है । हां मैंने उसका पेट क्लीन कर दिया है , लेकिन अभी भी उनके जिस्म में ज़हर का असर है और वो बेहोश … Read more

कलह – खुशी

रजनी शादी हो कर एक भरे पूरे घर में हुईं थी।जहां सास सरस्वती और ससुर घनश्याम पति राघव देवर धीरेन और बहन राधा ऐसा परिवार था।ससुर की परचून की दुकान थी।राघव सेल्स मेन था जो एक साबुन की कंपनी में काम करता था।धीरेन एक फर्म में नौकरी करता था। राधा बारहवीं कक्षा में पढ़ती थी।सास … Read more

ईगो – गीता वाधवानी

 आज फिर मीनाक्षी ने रो कर अपनी मां को फोन किया था।   मीनाक्षी ने कहा -” मम्मी देखिए ना, आज संदीप फिर से सुबह-सुबह कलह करके ऑफिस गया है और उसके इस रोज-रोज के क्लेश के कारण मेरा मूड खराब हो जाता है। आज भी ऐसा ही हुआ और मैं ऑफिस से छुट्टी लेकर बैठ … Read more

कलह – विनीता सिंह

प्रभाकर जी और सुनीता जी के एक बेटा था उसका नाम विश्वजीत था । वह विदेश में पढ़ने गया। प्रभाकर जी रिटायर हो चुके थे ।दोनों पति-पत्नी अपने घर में रहते प्रातः काल उठकर सुनीता जी पूजा पाठ करती। प्रभाकर जी सुबह टहलने जाते। उसके बाद पेड़ पौधों की देखभाल करते। दोनों एक साथ बैठकर … Read more

कलह – सुनीता परसाई’चारु’ 

आज ही सुशील की बारात घर लौटी थी।  सुशील की माँ अमली दौड़-दौड़कर सबका ध्यान रख रही थी। चाय नाश्ता चल रहा था ।पड़ोस की बिट्टो चाय बना रही थी । वह सुशील की मुंँह लगी छोटी बहन थी। पिछले साल ही उसकी शादी हुई थी। सुशील उसे अपनी शादी के लिये लेने गया था। … Read more

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