कलह – टीआर. राहुल कुमार ‘मंदोला’

एक गांव के किनारे पर, पीपल और नीम के साए में एक पुराना घर था। वह घर केवल दीवारों का ढांचा नहीं था, बल्कि एक इतिहास था। मिट्टी की दीवारों में पुरखों की मेहनत की खुशबू थी, बरामदे की खाटों पर हंसी और यादों के निशान थे। सुबह की चाय, शाम की गपशप और त्योहारों … Read more

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