पवित्र रिश्ता – ज्योति आहूजा
ट्रेन की खिड़की से आती हवा में अजीब-सी घुटन थी। सावित्री देवी अपने पल्लू को बार-बार ठीक कर रही थीं, जैसे इस बेचैनी को संभालना चाहती हों। तीन दिन पहले तक सब सामान्य था, लेकिन पिंकी मौसी का फोन उनकी नींद, चैन सब छीन ले गया था। “अरी सावित्री, तेरे आदित्य को देखा था कल … Read more