पवित्र रिश्ता – ज्योति आहूजा

ट्रेन की खिड़की से आती हवा में अजीब-सी घुटन थी। सावित्री देवी अपने पल्लू को बार-बार ठीक कर रही थीं, जैसे इस बेचैनी को संभालना चाहती हों। तीन दिन पहले तक सब सामान्य था, लेकिन पिंकी मौसी का फोन उनकी नींद, चैन सब छीन ले गया था। “अरी सावित्री, तेरे आदित्य को देखा था कल … Read more

फैसला – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” :  Moral Stories in Hindi

अंजलि अपने भाइयों के बीच एकलौती बहन थी, इसलिए बहुत नाजों से पली थी। अंजलि दोनों भाईयों  पर जान निछावर करती थी। क्या मजाल…! कि दोनों भाइयों को  कांटा भी चुभ जाए….. वो जमीन आसमान एक कर देती थी। दोनों भाई भी अंजलि को बहुत प्यार करते थे। माता-पिता तीनों बच्चों का आपसी प्रेम देखकर … Read more

कठोर क़दम – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

यह लो रोटी मनीषा अपने ससुर रमाकांत जी के आगे प्लेट पटकती हुई बोली, बहू थोड़ा सा घी लगा दे बेटा ,अच्छा अब घी लगी रोटी खानी है। ज्यादा चटोरी जुवान हो गई है जो मिल रहा है खा लो नहीं तो यह भी नहीं मिल पाएगा। नाक में दम करके रखा हुआ है। जाने … Read more

इतिहास दोहराया नहीं जाएगा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

गोमती जी आज अपने बेटे के व्यवहार से, जो उसने अपनी पत्नी के साथ किया था क्षुब्ध थीं। देख तो बहुत दिनों से रहीं थीं किन्तु आज उन्हें कोई पुरानी तस्वीर याद आ गई जो उनकी और तपन की थी। बर्षों बाद वही कहानी दोहराई जा रही थी जो उनकी शादी के बाद घटित होती … Read more

क्या याद रखेगी वो – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

“मुझे माफ़ करना मम्मी ! मैंने गुस्से में #कठोर कदम उठा लिया । पर मुझसे हर दिन आपके और पापा की लड़ाई नहीं देखी जाती । इसीलिए ये चिट्ठी बिन बताए आपके बेड रूम में रखकर जा रही हूँ ।वैसे तो आपने मुझे जन्म दिया है, मुझे आप पर उंगली उठाने का कोई हक नहीं … Read more

कठोर कदम – डॉ.गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

“पाँच बरस हो गए हैं ब्याह हुए और अभी तक इसकी गोद हरी नहीं हुई है । हम क्या अपने पोते का मुँह देखे बिना ऐसे ही मर जाएँगे ?” रोहिणी की सास उर्मिला जी उसके ससुर जी से अपने बेटे,रोहिणी के पति समीर से रोज की तरह प्रलाप कर रही थी । शादी के … Read more

कठोर कदम – श्वेता अग्रवाल :

Moral Stories in Hindi “मम्मा! मेरा हेडफोन कहाँ है?” कृष्णा चिल्ला रहा था। उसने पूरा कमरा अस्त-व्यस्त कर दिया था। तभी उसकी आवाज सुनकर माँ नीरा वहाँ आईं और बोलीं – “क्या हुआ कृष्णा? इतना शोर क्यों मचा रखा है?” “ओह मम्मा! कितनी बार कहा है कि मुझे ‘कृष्णा’ मत बुलाया करो,  ‘कृष’ बुलाओ, पर … Read more

बेटी की सच्ची विदाई -लतिका पल्लवी :

 Moral Stories in Hindi मामी, भूख लग रही है। जाओ, जाकर माँ से नाश्ता माँग कर खा लो। अभी नाश्ता कहा बना है? आप तो अभी सोकर उठ रही है फिर नाश्ता कौन बनाएगा? मामी आपकी तबियत ठीक नहीं है क्या? आप इतनी देर तक क्यों सो रही थी? क्यों, तुम्हारी माँ भी तो अभी … Read more

कठोर कदम – डॉ० मनीषा भारद्वाज :

 Moral Stories in Hindi दिल्ली की उमस भरी एक शाम थी। आकाश के कमरे में सन्नाटा गहरा रहा था, सिर्फ टेबल फैन की घूर्णन और पिता सुधीर सक्सेना के सख्त कदमों की आवाज़ गूंज रही थी। सुधीर के चेहरे पर उस अंकगणित की कॉपी को लेकर कठोरता थी जिसमें लाल स्याही से भरे गोल-गोल अंक … Read more

कठोर कदम – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सुमित्रा देवी के लिए ज़िंदगी का मतलब था—अपने इकलौते बेटे विक्रम की खुशियाँ. पति की मृत्यु के बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह से बेटे की परवरिश में समर्पित कर दिया था. उनका घर छोटा था, लेकिन उन्होंने अपने प्यार और सख्त अनुशासन से विक्रम को एक संस्कारी और मेहनती इंसान बनाया था. विक्रम बचपन … Read more

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