ज़िन्दगी का मर्म – अर्चना सिंह

राजस्थान का एक जिला…”नागौर’ !  इस जिले के छोटे से गाँव परबतसर में राजन अपने परिवार के साथ रहता है । बहुत धनी सम्पन्न तो नहीं लेकिन  इतना जरूर है कि अपनी कड़ी मेहनत से परिवार का भरण – पोषण कर सके और घर आए मेहमानों को भी एक वक्त की रोटी खिला सके । … Read more

कठपुतली – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

   मां जब अपने हीं कोख जाए को कठपुतली बना डाले तो उसका वर्तमान और भविष्य कैसे नष्ट हो जाता है…. तुषार इसका ज्वलंत उदाहरण था… रांची के एक मेंटल हॉस्पिटल में मेरी बचपन की सखी  तुहिना जो आगरा में डॉक्टर है… आने के पहले से हीं अपने प्रवास की सूचना दे दी थी.. प्लीज जरूर … Read more

चट्टान – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 पूरे शहर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी।इस अवसर पर शहर के बड़े पार्क में भी एक बहुत बड़ी योग संस्था और प्रसिद्ध हॉस्पिटल द्वारा सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रेरित करने के लिए योग प्रतियोगिता एवं मैराथन का आयोजन किया गया था। जिसमें आसपास की अन्य सोसाइटी के … Read more

सच्ची डोरियां – लतिका श्रीवास्तव

बस काठ की पुतली की तरह नाचते रहना कभी पिता तो कभी पति के इशारों पर।मुझे ऐसी जिंदगी नहीं चाहिए मां मै तो यहीं चाहती हूं मेरे इशारों पर कोई नाचे  मेरी डोर मेरे हाथों में ही रहे । प्राची की मिनमिन सुन कर मां मुस्कुरा उठी। बेटा ये नाचना और नचाना दोनों जीवन के … Read more

औरत कोई कठपुतली नहीं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रीना अब तुम्हारे में वो पहले जैसे बात नहीं रही, बुढ़िया लगने लगी हो अभी से।मिसेज शर्मा को देखो कैसी टनाटन लगती हैं इस उम्र में भी।कोई कह नहीं सकता,कि वो दो बड़े बच्चों की माँ हैं।” रीना को आए दिन अपने पति रमेश की व्यंग भरी बातों से दो चार होना पड़ता था।सासु माँ … Read more

हम माँ के घर मे रहते है – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

कोमल आँगन के बीच मे बैठी  थी उसके हाथो मे मेहंदी रचाने वाली मेहंदी रचा रही थी। उसे चारो तरफ से भाभिया बहने,बुआए और मौसिया घेर कर बैठी थी।आज कोमल की मेहंदी है इसलिए सभी उससे चुहलबाजी कर रही थी। कोमल शर्माती सकुचाती बीच बीच मे उनके मज़ाक पर मुस्कुरा रही थी।उसकी बुआ की बहू … Read more

अपनी डोर किसी के हाथ नहीं देना – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        ” मुझे माफ़ कर दीजिये डाॅक्टर सिद्धार्थ, मैं आपके इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकती।आपने जो कुछ मेरे लिये किया..मुझे यहाँ तक पहुँचाया..इसके लिये मैं सदैव आपकी आभारी रहूँगी लेकिन आपके साथ विवाह नहीं कर सकती..अब मैं..।” कहते हुए साक्षी ने नम आँखों से अपने दोनों हाथ जोड़ लिए।     ” नहीं-नहीं साक्षी, आप माफ़ी … Read more

विमला – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

‘कठपुतली’ हां, यही संबोधन सुना था विमला ने अपने लिए..पूरे जीवन में न जाने कितने ऐसे नामों से उसे पुकारा गया था।बचपन की छुटकी, ससुराल की छोटी बहू, किसी की चाची और फिर बच्चा ना होने पर बांझ, बेचारी, फूटी किस्मत वाली जैसे संबोधनों से उसे पुकारा गया था और आज उम्र के इस पड़ाव … Read more

कठपुतली – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

******** जूही ने सोचा भी नहीं था कि उसकी जिन्दगी इस तरह बदल जायेगी। उसके जीवन से तो प्यार, स्नेह और अनुराग सब समाप्त हो गया था। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह कठपुतली से एक जीवित युवती के रूप में कैसे बदल गई? पिता की एक छोटी सी दुकान थी। बचपन से … Read more

ज़िन्दगी का मर्म – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

राजस्थान का एक जिला…”नागौर’ !  इस जिले के छोटे से गाँव परबतसर में राजन अपने परिवार के साथ रहता है । बहुत धनी सम्पन्न तो नहीं लेकिन  इतना जरूर है कि अपनी कड़ी मेहनत से परिवार का भरण – पोषण कर सके और घर आए मेहमानों को भी एक वक्त की रोटी खिला सके । … Read more

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