मन का टूटना – लतिका पल्लवी :  Moral Stories in Hindi

संध्या के जेठ जी जैसे ही अपने कमरे से बाहर आए, बाहर उनका बेसब्री से इंतजार करने वाली संध्या नें उनसे पूछा दीदी की तबियत ठीक नहीं है क्या? कल शाम को तो वो ठीक थी।रात का खाना भी बनाया था।तबियत का क्यों पूछ रही हो? नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। दीदी अभी तक उठी … Read more

ताली एक हाथ से नही बजती -लक्ष्मी  त्यागी :  Moral Stories in Hindi

शुभा ,आज सुबह -सुबह अपने घर आ गयी ,बिना कोई   दिए, लड़की इस तरह घर में आई है ,तो घरवालों के लिए चिंता का विषय बन जाता है ,जिसमें कि वो एकदम शांत थी ,उसके चेहरे पर कोई ख़ुशी नहीं थी। उसके उदास चेहरे को देख घरवाले अत्यंत परेशान हो गए। आखिर ऐसा क्या हुआ … Read more

कसूर तुम्हारा भी है – विमला गुगलानी :  Moral Stories in Hindi

     रात के दस बजे बेटी अनन्या को अचानक बैग लेकर अकेली आई देखकर सुलभा जी को बिल्कुल हैरानगी नहीं हुई। कौनसा ये पहली बार हुआ। सात साल की शादी में वो कई बार ऐसा कर चुकी है।एक दो दिन रहती है,दिमाग ठंडा हो जाता है तो वापिस चली जाती है।      अब सुलभा और उसके पिता … Read more

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