एक मुँह दो बात और पंडित जी का फलसफ़ा – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi
“बिलकुल फाइनल है बाबूजी! अब चाहे सूरज पश्चिम से निकले या इंद्रदेव मूंगफली बेचने आ जाएँ, हमारी ललिता का रिश्ता उसी के साथ तय है। मेरी मर्जी के बिना इस घर में पंखा भी नहीं घूमता, फिर रिश्ते की बात ही क्या!” पंडित बृजकिशोर शुक्ला ने अपनी चाय का घूँट भरा और अखबार को जोर … Read more