एक मुँह दो बात और पंडित जी का फलसफ़ा – डॉ० मनीषा भारद्वाज :  Moral Stories in Hindi

“बिलकुल फाइनल है बाबूजी! अब चाहे सूरज पश्चिम से निकले या इंद्रदेव मूंगफली बेचने आ जाएँ, हमारी ललिता का रिश्ता उसी के साथ तय है। मेरी मर्जी के बिना इस घर में पंखा भी नहीं घूमता, फिर रिश्ते की बात ही क्या!” पंडित बृजकिशोर शुक्ला ने अपनी चाय का घूँट भरा और अखबार को जोर … Read more

इंतजार की ठंडी रात -ज्योति आहूजा :  Moral Stories in Hindi

कुछ लोगों की आदत होती है मस्करी करने की, किसी पर व्यंग्य कसने की, झूठ मूठ की बातें करने की और मज़ाक उड़ाने की। ऐसा ही एक परिवार था, जिसमें साठ बरस की औरत जानकी देवी अपने बेटे आनंद , बहू सुनीता और पोते–पोती के साथ रहती थी। उनके पूरे घर का यही मिज़ाज था—बात … Read more

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