असहाय – लतिका पल्लवी

आज पूनम अपने आप को एकदम असहाय महसूस कर रही थी।यह जानते हुए भी कि उसके पति का फिल्ड वर्क जॉब है उसने अपने दम पर कोई काम करना नहीं सीखा था। उसका पति विभव समझाता भी था पर वह नहीं समझती थी। पर आज ऐसी परिस्थिति मे पड़ गईं थी तो उसे विभव की … Read more

एक बार टूटा भरोसा फिर नही जुड़ता। – लक्ष्मी त्यागी

रवीना,बैठी हुई लेपटॉप पर अपना डिजाइनिंग का कार्य कर रही थी ,और अपने मेल देख रही थी। अचानक रवीना के हाथ काँप उठे, उसने अपना लैपटॉप बंद कर दिया,स्क्रीन पर जो आखिरी मेल खुला था, उसमें सिर्फ दो शब्द लिखे थे — “I’m sorry.” उन शब्दों को उसने पढ़ा ,किन्तु  रवीना जानती थी, अब कोई … Read more

कैसे यकीन करूं – विमला गुगलानी

रामनाथ की शहर की मेन बाजार में स्टेशनरी की दुकान थी ।कई साल पहले उसके पिताजी सुभाष जी ने शुरू की थी। उस समय वो स्कूलों की किताबें, कापियां व कुछ इसी प्रकार का स्टेशनरी का सामान रखते थे। दुकान भी छोटी थी।जब रामनाथ बड़ा हुआ और पढ़ लिख भी गया तो उसने दुकान पर … Read more

एक बार टूटा भरोसा फिर नहीं जुड़ता – विधि जैन

शांति  की शादी को लगभग 10 साल हो चुके थे और घर भी बहुत अच्छे संभाल रही थी वह इतनी शिद्दत से अपने घर को संभालती थी कि उसे भी कोई तोड़ नहीं सकता था कितनी भी मुश्किल आ जाती थी वह आसानी से उनका सॉल्यूशन निकाल लेती थी।  बच्चों की पढ़ाई चल रही थी … Read more

भरोसा – खुशी

विश्वास और उन्नति दोनो एक ही कॉलेज में पढ़ते थे।दोनो का फाइनल ईयर था।लास्ट ईयर कॉलेज में कल्चर एक्टिविटीज में उनकी मुलाक़ात हुई और वो प्यार में बदल गई।उन्नति मल्टीमीडिया में जाना चाहती थी और विश्वास आर्किटेक्ट बनना चाहता था ।दोनो की अपने विषयों पर पकड़ अच्छी थी और जीवन को वो जीना भी चाहते … Read more

एक बार टूटा विश्वास वापस नहीं जुडता – विनीता सिंह

शाम का समय है सरला जी बालकनी में बैठी है डूबते हुए सूरज को देख रही है तभी उनकी बेटी निशा  बोलती है मां चाय पी लो सरला ने कहा बेटा ही रख दो अभी पी लूंगी बेटी चाय टेबल पर रख कर चली गई। सरला जी डूबते हुए सूरज को देख रही थी और … Read more

एक बार टूट भरोसा फिर नहीं जुड़ता – हेमलता गुप्ता

मम्मी जी.. यह शादी में चढ़े हुए कुछ गहने हैं तो इन्हें आप ही रख लीजिए, छोटी-छोटी चीज मैं अपने पास रख लेती हूं बाकी झुमकी, गले का सेट और कंगन आप रख लीजिए, मुझे तो गहने संभाले नहीं जाते! गरिमा की बात सुनकर सासू मां विद्या देवी ने कहा …ठीक है बहू जैसा तुझे … Read more

भरोसा – डाॅ उर्मिला सिन्हा

नीरज जल्दी जल्दी सीढ़ियां चढ़ने लगा। नियुक्ति का प्रथम दिन और कार्यालय पहुंचने  में देर हो गई ।बाॅस सहकर्मी उसके बारे में क्या सोचेंगे।   अचानक किसी से टक्कर हुआ और सामने वाला व्यक्ति सीढ़ियों से लुढ़कने लगा। नीरज उन्हें उठाने दौड़ा। उनका सिर फट गया था खून बह चला।   ” अरे, आप घबरायें नहीं मैं … Read more

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