ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया – राजलक्ष्मी श्रीवास्तव
गांव में दो जुड़वां भाई थे—ओम और श्याम। दोनों एक ही खेत, एक ही मां-बाप और एक ही जीवन में पले-बढ़े, लेकिन किस्मत जैसे दोनों के लिए अलग-अलग किताबों में लिखी गई हो। ओम पढ़ाई में तेज़ था, शहर गया, अफसर बन गया। बंगला, गाड़ी, शोहरत—सब कुछ मिला। उधर श्याम गांव में ही रह गया। … Read more