ज़िन्दगी की हकीकत – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

आज बस आने में थोड़ी देर हो रही थी । सीमा बार – बार अपनी हमउम्र लोगों को ध्यान से देखते हुए कभी त्योरियाँ चढ़ाती तो कभी मुँह टेढ़ा करती । कभी जब बर्दाश्त से बाहर हो जाता तो अपनी पड़ोसन प्रिया के सामने उनलोगों पर फबतियाँ कसती । प्रिया का मूड उस दिन उखड़ा … Read more

फैसला – बीना शर्मा 

“आज तुमने फिर से  अपने मम्मी पापा को पैसे दे दिए… मैंने मना किया था उन्हें पैसे देने के लिए फिर आपने उन्हें पैसे क्यों दिए? तुम ऐसे नहीं मानोगे..… आज मुझे ही कोई कठोर फैसला लेना पड़ेगा.… तब तुम सुधरोगे”मोनिका ने गुस्से में अपने पति मोहित से कहा तो मोहित ने उससे पूछा कैसा … Read more

ईर्ष्या – विनीता महक गोण्डवी 

अनामिका अमीर मां-बाप की इकलौती संतान थी। देखने में बहुत खूबसूरत जो भी देखता देखता ही रह जाता परंतु वह बहुत जिद्दी और नकचढ़ी थी। वह हर किसी को नीचा दिखाना चाहती थी और उसको इस काम में बहुत मजा आता था उसके मां-बाप रिश्तेदार भी इस आदत से परेशान रहते थे। बाहर किसी की … Read more

गलतफहमी – शुभ्रा मिश्रा

“तुम मुझसे जलते हो । तुमसे मेरा नाम, ओहदा,ख़ुशी कुछ भी देखा नहीं जाता है।तुम तो बचपन से ही मुझसे जलते हो । तुम पढ़ने मे मेरे जैसे तेज नहीं थे,तुम पापा की इक्छाओ पर कभी खरे नहीं उतरे,मैंने हमेशा परिवार और समाज मे पापा का मान बढ़ाया इसलिए तुम मुझसे जलते हो।तुम बड़े बेटे … Read more

मेरे बच्चे मेरी कमजोरी नहीं ताकत हैं – कमलेश आहूजा

सरोज और रमा एक ही बिल्डिंग में रहती थीं।दोनों कभी-कभी वॉकिंग करते समय मिलती थीं फिर धीरे-धीरे अच्छी दोस्त बन गईं।बच्चों के मामले में शायद रमा सरोज से ज्यादा भग्यशाली थी।उसके दोनों बेटे संस्कारी और पढ़े लिखे थे।रमा से बहुत प्यार करते थे..और करते भी क्यों ना?वही तो थी जो उनके सुख दुख की साथी … Read more

अपने ही होते हैं – विमला गुगलानी

 “ बधाई हो, बेटा हुआ है” नर्स ने लेबर रूम से बाहर निकलते हुए कहा। यह सुनकर सुमेधा की सास, ससुर, पति ,जेठ, सबके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। सुमेधा की सास ने हाथ जोड़कर भगवान का धन्यवाद किया, सिरफ इसलिए नहीं कि बेटा हुआ है, बल्कि उससे भी पहले  इसलिए कि सुमेधा … Read more

भाई से ईर्ष्या – रश्मि प्रकाश 

“ अनुजा मेरे कपड़े कहाँ रख दिए फिर नहीं मिल रहे… तुम भी ना जरा भी ध्यान नहीं देती हो पक्का मेरे कपड़े… सुहास के कपड़ों के साथ उसकी अलमारी में सज रहे होंगे ।” विभोर ने झल्लाते हुए कहा  वो कमरे से जैसे ही बाहर निकल कर आया… सुहास की पत्नी मनस्वी कुछ कपड़े … Read more

दीवार – खुशी : Moral Stories in Hindi

नमिता जी दो बेटों नितिन और निलेश की मां थी एक बेटी आराधना जिसकी शादी की जिम्मेदारी से वो मुक्त हो चुकी थी।पति राजेश जी नाक की सीध में चलने वाले व्यक्ति थे।सुबह दफ्तर और दफ्तर से घर यार दोस्त भी नाम मात्र के थे।इसलिए पूरा निजाम नमिता के पास था।नितिन मल्टीनेशनल कंपनी में काम … Read more

 दूसरी बेटी – गीतू महाजन, : Moral Stories in Hindi

मैंने अपने माता-पिता के घर दूसरी बेटी के रूप में जन्म लिया..उनके लिए तो मैं उनकी दूसरी संतान थी पर बाकी घर वालों और रिश्तेदारों के लिए मैं दूसरी बेटी थी।मेरे जन्म पर माता-पिता के अलावा कोई भी खुश नहीं था..ना ही घर वाले और ना ही रिश्तेदार बल्कि आस पड़ोस वालों का भी मन … Read more

मन की अशांति -शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

लखनऊ के गोमतीनगर जैसी पाश कॉलोनी में नेहा की आलीशान कोठी सिर उठाये खुले आसमान को निहारते प्रतीत होती। कोठी की भव्यता ही उसका परिचय देने के लिए काफी थी। उसके आसपास के मकान उसके सामने बौने से प्रतीत होते। नेहा और निकुंज अपने दोनों बच्चों सारा एवं श्रेयस के साथ सुख पूर्वक रहते थे। … Read more

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